“यूपीपीसीएल मीडिया” के एक्स/व्हाट्सएप गु्रप पर प्रसारित एक समाचार, जिसमें सेक्टर 25, इन्दिरा नगर, परीक्षणशाला – इन्दिरानगर में कार्यरत पूर्व कार्यरत संविदाकर्मी रामशंकर और डालेन्द्रनाथ चतुर्वेदी, अवर अभियन्ता (मीटर) परीक्षणशाला – इन्दिरानगर के बीच हुई बातचीत का आॅडियों वायरल होने के सन्दर्भ में मुख्य अभियन्ता (वितरण). गोमतीनगर क्षेत्र द्वारा मंागी गई आख्या में अधीक्षण अभियन्ता – इन्दिरा नगर, लखनऊ श्रीमति प्रेमलता सिंह द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में उक्त ऑडियो को निराधार तथ्यहीन के साथ-साथ ए0आई0 तकनीक के द्वारा तोड़ मरोड़ कर प्रसारित करना बताने के साथ खुद ही ऑडियों की प्रमाणिकता पर सवाल उठाना कहीं न कहीं अनुभवहीनता की कमी झलक जाती है… अधीक्षण अभियन्ता महोदया को यदि सबसे ज्यादा भरोसा है, तो अपने ही भ्रष्ट अधिकारीयों पर ही है…. जानकारी यह भी है कि अधीक्षण अभियन्ता महोदया द्वारा अपने क्षेत्र की प्रसारित खबरों से आहट होकर अधोषित रूप से कार्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
मुख्य अभियन्ता (वितरण). गोमतीनगर क्षेत्र, स्काडा भवन, विभूति खण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ को अधिशासी अभियन्ता विद्युत नगरीय परीक्षण खण्ड – इन्दिरानगर, लखनऊ श्रीमति प्रेमलता सिंह द्वारा द्वारा अपनी जाॅच आख्या में बताया गया कि अवर अभियन्ता (मीटर) डालेन्द्रनाथ चतुर्वेदी के स्पष्टीकरण के आधार पर संविदाकर्मी रामशंकर और अवर अभियन्ता (मीटर) डालेन्द्रनाथ चतुर्वेदी के मध्य हुई बातचीत का ऑडियो निराधार तथ्यहीन है एवं ए0आई0 तकनीक के द्वारा तोड़ मरोड़ कर प्रसारित करना बताया है।
साथ ही अधीक्षण अभियन्ता – इन्दिरा नगर, लखनऊ श्रीमति प्रेमलता सिंह द्वारा यह भी रिपोर्ट देना कि ऑडियों की प्रमाणिकता एक जांच का विषय है एवं इसको तत्काल प्रमाणित करना सम्भव नहीं है।
तो बिना किसी शिकायत के किस आधार पर डालेन्द्रनाथ चतुर्वेदी, अवर अभियन्ता (मीटर), परीक्षणशाला – इन्दिरानगर को निलम्बित किये जाने की अधीक्षण अभियन्ता – इन्दिरा नगर, लखनऊ श्रीमति प्रेमलता सिंह द्वारा संस्तुति कर दिया गया। यहीं डालेन्द्रनाथ चतुर्वेदी, अवर अभियन्ता (मीटर) परीक्षणशाला – इन्दिरानगर द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से पैसे लेकर नेट मीटर लगवाने का आरोप लगवाते हुए अवर अभियन्ता (मीटर) के पर्यवेक्षण दायित्वों में शिथिलता बरतने, जन-मानस में विभागीय छवि को धूमिल करने और कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करने के प्रथम दृष्टया दोषी भी मान लिया… जबकि अधीक्षण अभियन्ता – इन्दिरा नगर, लखनऊ श्रीमति प्रेमलता सिंह के पास ऐसी कोई प्रमाणिक दस्तावेंज नहीं है, जिस पर इस प्रकार का आरोप लगा हो अथवा उसकी पुष्टि हुई है… यह सब सहायक अभियंता ए0 के0 त्रिपाठी को बचाने का प्रयास है।
“यूपीपीसीएल मीडिया” की जाॅच अभी जारी है, जल्द ही अभी इस मामले के साथ -साथ इन्दिरा नगर/गोमती नगर सर्किल स्तर हुए टेण्डर सम्बन्धित भ्रष्टाचार को उजागर करेंगी।