
मामला गोमती नगर जोन अंतर्गत इंदिरा नगर सर्किल अधीनस्थ सुगमऊ पावर हाउस का है, यहां के अवर अभियंता सौरभ कुशवाहा द्वारा मानक से विपरीत न सिर्फ डेढ़ सौ मीटर से अधिक की दूरी का अवैध तरीके से कनेक्शन दिए हैं… केबल लंबी होने, बल्कि उसका मीटर गलत तरीके से ट्रांसफार्मर की सुरक्षा में लगे जाल में ही लगा दिया… कभी भी किसी के साथ कोई घटना घटित हो सकती है..
हैरानी का विषय यह है कि इस बात की जानकारी बात-बात पर निलंबन करने वाले अध्यक्ष, पावर कॉरपोरेशन आशीष गोयल को भी है… इसके अतिरिक्त मध्यांचल के प्रमुख निदेशक भवानी सिंह खंगारौत, मुख्य अभियंता गोमती नगर जोन सुशील गर्ग, अधीक्षण अभियंता श्रीमति प्रेमलता सिह के साथ साथ संबंधित पावर हाउस के मुख्य अधिकारी अरविंद कुमार सिंह को भी है… लेकिन अवर अभियंता सौरभ कुशवाहा के रुतबे के आगे सभी अधिकारियों पर बोलती बंद हो गई है… इन सब के बीच एक जानकारी आ रही है कि अधीक्षण अभियंता श्रीमति प्रेमलता सिह को वितरण सम्बन्धित जानकारी/अनुभव न होने के कारण उनके ही अधीनस्थ गुमराह कर अपना काम कराते है, क्योकि किसी विषय पर उच्च अधिकारीयों द्वारा अधीक्षण अभियंता श्रीमति प्रेमलता सिह से स्पष्ट्रीकरण मांगते है, वह इसका जबाब अपने अधीनस्थ अधिकारीयों से प्राप्त करती है। इनके अधीनस्थ अधिकारी जो भी जबाब देते है, अनुभवहीनता के कारण वहीं जबाब अपने उच्च अधिकारीयों को भेज देती है।
इन सब के बीच सबसे अहम सवाल कि यदि कोई घटना घटती है, तो इसका जिम्मेदार किसको माना जाएगा…??