Aligarh: सरकारी महकमों पर 42 करोड़ से अधिक का बिजली बिल बकाया, पुलिस है सबसे बड़ा बकायेदार

अलीगढ़। जिले में सरकारी महकमों पर बिजली विभाग के 42 करोड़, 29 लाख 96 हजार रुपये बकाया हैं, लेकिन विद्युत अभियंता इस भारी भरकम बकाये को इन महकमों से जिला स्तर पर नहीं वसूलते हैं। पिछले वर्ष से शुरू हुई नई व्यवस्था के अनुसार अब संबंधित विभागों की ओर से यह भारी भरकम राशि सीधे पावर कॉरपोरेशन के खाते में ही भेजी जाती है।

सरकारी महकमों का बिजली बिल सीधे उनके प्रदेश मुख्यालय पर भेजा जाता है। वहां से सीधे पावर कॉरपोरेशन के खाते में बकाया धनराशि स्थानांतरित कर दी जाती है। मार्च तक की बकाया सूची मुख्यालय को भेज दी गई है। जिसमें 42 करोड़ का कुल बकाया जिले के विभागों पर बिजली विभाग का है।

राजस्व घाटे और बकाया वसूली को सुधारने की दिशा में पावर कॉरपोरेशन स्तर से यह बदलाव किया गया है। इससे जिला स्तर पर विद्युत अधिकारियों को भी राहत मिली है। उन पर सरकारी विभागों से वसूली करने का दबाव नहीं रहता। विद्युत अधिकारी बताते हैं कि जिला स्तर पर 69 विभागों की बिलिंग होती है। इनमें एक दर्जन विभागों को छोड़ दें तो सभी के छोटे-छोटे बिल बनते हैं। मगर, प्रमुख एक दर्जन विभागों के बिल बहुत भारी भरकम होते हैं। अब उनके बिल की एक प्रति यहां स्थानीय स्तर पर दी जाती है। पावर कॉरपोरेशन मुख्यालय के जरिये एक प्रति उनके प्रदेश मुख्यालय/निदेशालय को दी जाती है। इसे प्रतिमाह अपडेट किया जाएगा। जिले में मार्च तक की बकाया रकम 42 करोड़ से अधिक है। अब अगले तीन माह की बकाया रिपोर्ट तैयार हो रही है।

बकाये की स्थिति
– 23 मार्च तक बकाया 48 करोड़ 47 लाख 78 हजार
– 24 मार्च तक बने बिल 28 करोड़ 95 लाख 18 हजार
– 24 मार्च तक जमा धन 35 करोड़ 13 लाख 12 हजार
– 24 मार्च से बकाया बिल 42 करोड़ 29 लाख 96 हजार

ये हैं बड़े बकायेदार
पुलिस
पंचायती राज, वित्त
ग्राम्य विकास

जमा राशि का ऐसे होता बिल में बंटवारा
अधिकारी बताते हैं कि उदाहरण के तौर पर पुलिस विभाग के जिले में 50 विद्युत संयोजन हैं। सभी के कुल बिल प्रदेश पुलिस मुख्यालय/गृह विभाग को जाएंगे। वहां से रकम पावर कॉरपोरेशन के खाते में जाएगी। इसके बाद पावर कॉरपोरेशन के खाते से यह रकम पचास विद्युत संयोजनों के खाते में विभाजित कर दी जाएगी। तब साफ होता है कि किस संयोजन के खाते में कितनी रकम दी गई है।
प्रदेश स्तर पर हुए निर्णय के अनुसार अब सरकारी महकमों से बिजली बिल वसूली यहां से नहीं होती है। इस बिलिंग की सूचना उनके विभागों को मुख्यालय स्तर पर दी जाती है। वहां से सीधे पावर कॉरपोरेशन के खाते में रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं और उस रुपये को यहां के बिलों में समायोजित किया जाता है। यह व्यवस्था पिछले वर्ष से लागू कर दी गई है। जिसमें सभी विभाग शामिल कर लिए गए हैं।-सुबोध कुमार, मुख्य अभियंता, अलीगढ़

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