किसी का स्पष्टीकरण मांगना एवं कारण बताओ नोटिस जारी करना, अब नियमावली में ही रह गया कैद – बी0के0 शर्मा

मित्रों नमस्कार! उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ अपना 39 वां वार्षिक महाधिवेशन पर बेबाक की ओर से सभी अभियन्ताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें!

जिस प्रकार कहा जाता है कि कर्म कभी नहीं मरता, इसी क्रम में पिछले काफी समय से प्रचलित व्यवस्था, ”अपने ही इच्छित स्थान पर, अपनी ही शर्तों पर कार्य करने के संकल्प“ जिसका पोषण हमारे कार्मिक संगठनों एवं राजनीतिक गठजोड़ के माध्यम से बेलगाम होकर खूब किया जा रहा था। समय ने करवट ली और उर्जा निगमों को एक ईमानदार अध्यक्ष मिल गया था और चारों ओर त्राहिमाम की स्थिति बन गई थी। जिसके कारण बेलगाम गठजोड़ प्रभावहीन हो गया तथा ”अपने ही इच्छित स्थान पर, अपनी ही शर्तों पर कार्य करने के संकल्प“ पर विराम लग गया था। जिसके कारण कार्मिक संगठन अपने ही अहंकार/लालच में, अपनी ही राजनीति के शिकार हुये और शून्य की ओर अग्रसरित हो गये। परिणाम राजनीति एवं प्रबन्धन, जोकि तकनीकी रुप से लगभग शून्य है, ने कार्मिकों को अधिकार शून्य कर दिया।

आज उर्जा निगमों में कार्मिकों की आवाज उठाने वाला कोई भी संगठन नहीं बचा है। यही कारण है कि न कोई कार्य का वातावरण है और न ही कार्य की कोई अवधि। आज अभियन्ता निदेशक एवं वरिष्ठ अभियन्तागण, सिर्फ कहने के लिये ही अभियन्ता हैं, अन्यथा अपने निहित स्वार्थ में प्रबन्धन के समक्ष पूर्णतः नतमस्तक हैं और उनका तकनीकी ज्ञान सिर्फ और सिर्फ चापलूसी के चार शब्दों में ही सिमट कर रह गया है। चापलूसीः चरण, पैसा, लालच एवं संसाधन अर्थात पैसे के लालच में संसाधन विहीन चरण वंदना। ऐसा नहीं है कि विभाग में स्वाभिमानी अभियन्ता नहीं हैं। विभाग में अब भी एक से बढ़कर एक अभियन्ता बचे हैं। परन्तु दुर्भाग्य से निहित स्वार्थ में पूर्ण रुपेण जकड़े हुये अधिकांश अभियन्तागण सामग्री निर्माता, आपूर्तीकर्ता एवं वाह्य कार्यदायी संस्थाओं की मार्केटिंग में इस कदर लिप्त हैं कि उन्हें अपने मार्ग में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वह उनका साथी ही क्यों न हो, बहुत बड़ा दुश्मन लगता है और उसको मार्ग से हटाने के लिये, वे कोई भी यत्न करने के लिये सदैव तत्पर रहते हैं। जिसमें भ्रष्ट लोगों की नीचे से ऊपर तक बनी मजबूत चेन बहुत ही कारगर सिद्ध होती है। यही कारण है कि सरकार द्वारा घोषित ”जीरो टॉलरेंस“ की नीति को चापलूस अभियन्ताओं के द्वारा भ्रष्टाचार समाप्त करने के स्थान पर भ्रष्टाचार का विरोध करने वालों पर लागू कर, भ्रष्टाचार को समाप्त करने का असफल प्रयास किया जा रहा है। परिणाम, वास्तविक अभियन्ता एक साजिश का शिकार होकर या तो इधर-उधर स्थान्तरित होते रहते हैं अथवा आरोप पत्रों के मकड़जाल में उलझकर, मानसिक रुप से शून्य कर दिये जाते हैं। जबकि, कामचोर, चुगलखोर एवं अनुभवहीन अभियन्ता चापलूसी करने की विशेषता के आधार पर पदोन्नति पर पदोन्नति पाते हुये, शिखर तक पहुंच जाते हैं। यही कारण है कि अब उर्जा निगम अभियन्ताहीन होने के कगार पर पहुंच चुका है। चूंकि आज चापलूसी का वर्चस्व कायम है अर्थात आज बोलना/ज्ञान की बात करना, सबसे बड़ा अपराध है।

अभियन्ताविहीन होने एवं चापलूसों का साम्राज्य स्थापित होने के कारण आज लगभग सभी कार्यों का व्यवसायीकरण हो चुका है। जिसमें ठेकेदार कुछ सिक्के चढ़ाकर, पूरी की पूरी हुण्डी भरकर घर ले जा रहे हैं। इन सभी चीजों पर यदि अब भी विचार नहीं किया गया, तो आने वाले समय में अतिरिक्त धन की तो छोड़िये, वास्तविक वेतन के भी लाले पड़ जायेंगे। विगत् हड़ताल में, ईमानदारी के विरुद्ध चापलूसों की महत्वकांक्षा (कहीं पे निगाहें और कहीं पे निशाना) अपरिपक्वता एवं अनुभवहीनता के कारण पूर्णतः विफल हुई तथा अकल्पनीय परिणाम प्रकट हुये। लोगों ने जहां अपनी मांगों के समर्थन में जनता के समर्थन की बात की, तो वहीं जनता ने भी, मुंह मोड़कर यह स्पष्ट कर दिया कि लोग धरातल पर उनके साथ कैसा व्यवहार करते हैं। जिन प्रसाशनिक एवं राजनीतिज्ञों पर विश्वास के कारण हड़ताल में आगे बढ़े थे, उन्होंने भी हालात के अनुसार, मुख मोड़ा और परिणाम, कल तक प्रबन्धन की ईंट से ईंट बजाने का दावा करने वाले, मार्च 2023 में उर्जामन्त्री के आश्वासन का हवाला दे-दे कर आज भी अपनी बहाली की गुहार लगा रहे हैं।

यही कारण है कि आज प्रबन्धन भी, कार्मिक संगठनों की लगभग शून्य हो चुकी स्थिति में, निरंकुश होकर, अहंकार का शिकार हो गया है। इस वर्ष, जिस प्रकार से प्रदेश में सर्वाधिक रिकार्ड विद्युत मांग को पूरा किया गया, वह निश्चित ही प्रशंसनीय है। परन्तु उसके लिये जिस प्रकार से प्रणाली की त्रुटियों, लाईन कार्मिकों के अभाव में, बिना किसी विश्राम के 16-16 घण्टे से ज्यादा कार्य के लिये कार्मिकों पर आत्याधिक दबाव बनाया गया, जिसके कारण, असंख्य निर्दोष लाईन कर्मी, बन्द लाईनों पर कार्य करते हुये, अचानक लाइन चालू हो जाने के कारण विद्युत दुर्घटनाओं के शिकार हुये, वह निश्चित ही इंसान की हत्या अर्थात घोर-पाप है।

आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि आज भी लगातार पूर्ववत् बन्द लाईनों में कार्य करने के दौरान, विद्युत प्रवाह हो जाने के कारण, लाईनकर्मी दर्दनाक मौत के शिकार हो रहे हैं। आज उर्जा निगमों में वास्तविक रुप से प्रणाली चलाने के लिये Money, Material & Man का घोर अभाव है। आज प्रबन्धन के पास, अपनी जिम्मेदारी से बचने का एकमात्र आसान रास्ता, बात-बात पर निलम्बन की कार्यवाही है। किसी का स्पष्टीकरण मांगना एवं कारण बताओ नोटिस जारी करना, अब नियमावली में ही कैद होकर रह गया है, जबकि मूलतः निलम्बन अर्थात जहां आरोप की प्रकृति इस प्रकार की हो कि आरोप सिद्ध होने की स्थिति में सेवायें तक समाप्त होना सम्भावित हो, निष्पक्ष जांच हेतु आरोपी को कार्य स्थल से विरक्त करने हेतु किया जाता था।

न्याय की स्थिति यह है कि जिनके विरुद्ध वित्तीय अनियमितताओं एवं गबन तक के साक्ष्यों सहित, स्पष्ट आरोप हैं तथा परिणामतः उनकी सेवायें तक समाप्त हो सकती हैं, आज वे डिस्काम मुख्यालय में बैठकर, दूसरों पर आरोप निर्धारित कर रहे हैं। आज स्थानान्तरण की कार्यहित में कोई उपयोगिता न होकर अपने अहंकार अथवा निहित स्वार्थ की पूर्ति तक सीमित होकर रह गई है। इसी प्रकार से नये-नये अधीक्षण अभियन्ता एवं मुख्य अभियन्ता बने अधिकारी, जांच के नाम पर, जमकर खेल रहे हैं। कटु सत्य यही है कि आज दूर-दूर तक अभियन्ताओं के स्थान पर सिर्फ और सिर्फ अधिकारी ही दिखाई द रहे हैं। आज कार्मिकों के मध्य कार्य एवं टीम भावना के स्थान पर सिर्फ भय का वातावरण स्थापित है। अब लोग धीरे-धीरे यह भूलने लगे हैं कि उनका कोई संवर्गीय कार्मिक संगठन भी था। बेबाक का स्पष्ट रुप से यह मानना है कि वर्तमान शून्य से बाहर निकलने के लिये, एक ईमानदार, कूटनीति में परिपक्व एवं दूरदृष्टि युक्त नेत्रत्व में, अभियन्ताओं की धूमिल हो चुकी छवि को बचाने के लिये, सभी कार्मिकों को नियमानुसार कार्य करने का संकल्प लेने के साथ-साथ, निलम्बन एवं स्थानान्तरण के भय से बाहर निकलना ही होगा। जिसके लिये सभी को चापलूसी का त्याग कर आगे आना होगा। अन्यथा बन्धुआ मजदूर तो बन ही चुके हैं। राष्ट्रहित में समर्पित! जय हिन्द! बी0के0 शर्मा महासचिव PPEWA

cropped-UPPCL.png
  • UPPCL Media

    UPPCL Media

    सर्वप्रथम आप का यूपीपीसीएल मीडिया में स्वागत है.... बहुत बार बिजली उपभोक्ताओं को कई परेशानियां आती है. ऐसे में बार-बार बोलने एवं निवेदन करने के बाद भी उस समस्या का निराकरण नहीं किया जाता है, ऐसे स्थिति में हम बिजली विभाग की शिकायत कर सकते है. जैसे-बिजली बिल संबंधी शिकायत, नई कनेक्शन संबंधी शिकायत, कनेक्शन परिवर्तन संबंधी शिकायत या मीटर संबंधी शिकायत, आपको इलेक्ट्रिसिटी से सम्बंधित कोई भी परेशानी आ रही और उसका निराकरण बिजली विभाग नहीं कर रहा हो तब उसकी शिकायत आप कर सकते है. बिजली उपभोक्ताओं को अगर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई, बिल या इससे संबंधित किसी भी तरह की समस्या आती है और आवेदन करने के बाद भी निराकरण नहीं किया जाता है या सर्विस खराब है तब आप उसकी शिकायत कर सकते है. इसके लिए आपको हमारे हेल्पलाइन नंबर 8400041490 पर आपको शिकायत करने की सुविधा दी गई है.... जय हिन्द! जय भारत!!

    OTHER UPPCL MEDIA PLATFORM NEWS

    पानीपत में किसानों का हल्ला बोल: बिजली निगम पर भ्रष्टाचार के आरोप, एसई कार्यालय पर धरना

    पानीपत। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने गुरुवार को गोहाना रोड स्थित बिजली निगम के एसई कार्यालय पर धरना दिया। किसानों ने आरोप लगाया कि ट्रांसफार्मर जलने, पोल…

    एक्सपोज़ : न्याय के मंदिर… जिला उपभोक्ता फोरम में ही बिजली चोरी का काला खेल!

    गरीब का बल्ब से चोरी तो … अपराध, अमीर का ए.सी. से चोरी तो … खामोशी! फर्रुखाबाद। गरीब उपभोक्ता यदि मीटर बाईपास करके एक बल्ब भी जला ले तो बिजली…

    बदायूं बिजली विभाग में गड़बड़झाला! …..अनियमितताएं, फर्जीवाड़ा और निजी कामों में विभागीय संसाधनों का दुरुपयोग उजागर

    बदायूं बिजली विभाग में गड़बड़झाला! …..अनियमितताएं, फर्जीवाड़ा और निजी कामों में विभागीय संसाधनों का दुरुपयोग उजागर

    ⚡सीएससी काउंटर पर चहेते की ताजपोशी: आदेश की उड़ाई धज्जियाँ, संविदा कर्मी की गुंडागर्दी से हटाया गया पूर्व संचालक

    ⚡सीएससी काउंटर पर चहेते की ताजपोशी: आदेश की उड़ाई धज्जियाँ, संविदा कर्मी की गुंडागर्दी से हटाया गया पूर्व संचालक

    गंजडुंडवारा में 8 लाख की बिजली केबल चोरी! ठेकेदार हक्का-बक्का, लोगों में दहशत

    गंजडुंडवारा में 8 लाख की बिजली केबल चोरी! ठेकेदार हक्का-बक्का, लोगों में दहशत

    ⚡ बिजली विभाग की घोर लापरवाही! खुले ट्रांसफॉर्मर से चिपककर मासूम की दर्दनाक मौत

    बिजली कर्मियों पर हमला: महिला-बच्चों समेत पूरे परिवार ने घेरा, ईंटों से पीटा, FIR दर्ज

    बिजली कर्मियों पर हमला: महिला-बच्चों समेत पूरे परिवार ने घेरा, ईंटों से पीटा, FIR दर्ज

    🔌 “स्मार्ट मीटर अपडेट” के नाम पर बड़ा UPI स्कैम – 91 हजार की लूट!

    🔌 “स्मार्ट मीटर अपडेट” के नाम पर बड़ा UPI स्कैम – 91 हजार की लूट!
    WhatsApp icon
    UPPCL MEDIA
    Contact us!
    Phone icon
    UPPCL MEDIA