ट्रांसफॉर्मर के पास लगीं दुकानों पर छोटी से चिंगारी ले सकती है बड़ा रूप

देवरिया। अप्रैल के पहले सप्ताह से ही गर्मी रिकॉर्ड ध्वस्त करने को बेताब है। गर्मी के बीच पछुआ हवा भी जमकर उत्पात मचा रही है। जिला मुख्यालय पर जगह-जगह ट्रांसफॉर्मर के नीचे या उसके आसपास सटकर लगीं दुकानें हादसों का कारण बन सकती हैं।

शहर के विभिन्न स्थानों और प्रमुख चौक-चौराहों के पास बिजली के ट्रांसफॉर्मर के नीचे व उसके आसपास सैकड़ों दुकानें लगाई गई हैं। गर्मी का मौसम है। ऐसे में ट्रांसफॉर्मर के नीचे दुकान लगाने से उसमें से निकली एक छोटी सी चिंगारी बड़ी दुर्घटना कर रूप ले सकती है। कई बार ट्रांसफॉर्मर में ऑयल लीकेज के बाद चिंगारी उठने का डर बना रहता है। इससे नीचे बैठे दुकानदारों को जान-माल की क्षति पहुंच सकती है।

अधिकतर दुकानदार सड़क पर अतिक्रमण कर अपनी दुकानें लगा रहे हैं। इन स्थानों पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। दुकानदार अपनी जान की परवाह किए बिना प्रतिबंधित स्थान पर भी अतिक्रमण कर दुकान चला रहे हैं। वहीं, प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। ट्रांसफॉर्मर व बिजली के खंभों पर अक्सर स्पार्किंग की घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में ट्रांसफॉर्मर के नीचे दुकान लगाना अपनी जान जोखिम में डालना है।

ट्रांसफॉर्मर के पास लगती हैं अस्थायी दुकानें
बिजली ट्रांसफॉर्मर के पास ज्यादातर चाय-नाश्ते की अस्थायी दुकानें तथा फास्टफूड के स्टॉल लगाए जाते हैं। ये फुटपाथ दुकानदार गैस का सिलिंडर और चूल्हा भी ट्रांसफॉर्मर के नीचे रखकर फास्टफूड व चाय-नाश्ता बनाते रहते हैं। ट्रांसफॉर्मर के पास चाय-नाश्ते की ऐसी कई दुकानें हैं, जहां सुबह से शाम तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है। वेंडर कई बार तेज आंच पर फास्टफूड तैयार करता है। चाउमीन आदि बनाते समय तेज लपट भी उठती है। इससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।अधिकतर फुटपाथ दुकानदार सड़क और चौक-चौराहों का अतिक्रमण कर दुकानें लगा रहे हैं। इस वजह से जाम की समस्या भी बनी रहती है।

नजदीक नहीं लगानी चाहिए दुकान
नियम है कि बिजली पोल या ट्रांसफॉर्मर के आसपास दुकान नहीं लगानी है। कई बार ट्रांसफॉर्मर से अचानक चिंगारी उठने पर वहां भगदड़ की स्थिति पैदा हो जाती है। इसके बावजूद फुटपाथ पर दुकानें हैं। ये ट्रांसफॉर्मर के पास और बिजली के तार के नीचे लगाई जा रही हैं।

ट्रांसफॉर्मर के पास दुकानों पर लगे प्रतिबंध
नियम के अनुसार, ट्रांसफॉर्मर की ऊंचाई जमीन से कम से कम 10 फीट ऊपर होनी चाहिए। भीड़भाड़ वाले इलाके में ट्रांसफॉर्मर के पास चेतावनी लिखा बोर्ड जरूर लगाना चाहिए। साथ ही ट्रांसफॉर्मर के नीचे व इससे सटकर कोई भी दुकान या स्टॉल लगाने पर प्रतिबंध होना चाहिए। शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए तो नगर पालिका परिषद की ओर से आए दिन अभियान चलाया जाता है, लेकिन इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।

इन स्थानों पर ट्रांसफॉर्मर के नीचे व ठीक बगल में लगती हैं दुकानें
शहर के गोरखपुर-देवरिया मुख्य मार्ग पर रुद्रपुर मोड़ से लेकर सोनू घाट तक सड़क के दोनों तरफ ट्रांसफॉर्मर के नीचे व उसके बगल में दुकानें हैं। इसी तरह रुद्रपुर मोड़ से लेकर गोरखपुर ओवरब्रिज तक सड़क के दोनों तरफ 5 से 10 जगह ट्रांसफॉर्मर लगे हैं, जहां उसके नीचे व ठीक बगल में अस्थायी दुकानें लगी हुई हैं। वहीं, पर दर्जनों की संख्या में बाइक व चारपहिया वाहन भी खड़े दिख जाएंगे। शहर के कोतवाली रोड, स्टेशन रोड, जलकल रोड, पोस्टमार्टम चौराहा, मेडिकल कॉलेज रोड पर अस्थायी दुकानें दिख जाएंगी। दुकानदार बेपरवाह अपनी दुकानों को संचालित करने में मशगूल दिखते हैं। इधर, विभाग के अधिकारी भी सबकुछ देखते हुए आंखें बंद कर उस मार्ग से होकर गुजर जाते हैं।

नगर पालिका की ओर से सड़कों और चौक-चौराहों से अतिक्रमण हटाने के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। ट्रांसफॉर्मर के नीचे व उसके ठीक सटे जिन दुकानदारों ने अतिक्रमण कर दुकानें लगाई हैं, उन्हें वहां से हटाया जाएगा। ऐसे दुकानदारों को जागरूक भी किया जाता है- अंकिता शुक्ला, ईओ, नगर पालिका

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