विभाग की नजर में तकनीकि कारण से बन रहा है गलत बिल …. फिर भी भेज रहा है गलत बिल, उपभोक्ता परेशान

गाजियाबाद। विद्युत मंत्री ए.के. शर्मा ही नहीं सूबे के मुख्यमंत्री योगी भी बिजली उपभोक्ताओं को सहूलियत देने की बात करते हैं। समय-समय पर मुख्य अभियंता भी उपभोक्ताओं की समस्याओं व बिजली बिल में होने वाली गड़बड़ी को तुरन्त ठीक करने की डींगे हांकते हैं। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। घरातल पर उपभोक्ता समस्याओं से घिरे हैं। खासकर बिजली बिलों में आ रही खामियों के चलते उपभोक्ता बेहद परेशान हैं।

बिजली बिल में गड़बड़ी को लेकर मालीवाड़ा का रहने वाला एक उपभोक्ता बीते कई महीने से उपखण्ड अधिकारी नेहरू नगर कार्यालय के चक्कर लगा रहा है। पीड़ित सोनू जिनसकी एकाउंट आई डी 2733818600 ने बताया कि उसका कामर्शियल बिजली का बिल छह माह पूर्व गलत आ रहा था। जिसे लेकर वह नेहरू नगर स्थित बिजली दफ्तर गए और उपखण्ड अधिकारी द्वितीय आशीष पाण्डेय से मुलाकात कर समस्या के समाधान की मांग की है।

उपखण्ड अधिकारी आशीष पांडेय ने भी माना कि विभाग की तकनीकि कारण से गलत बिल आया है। उन्होंने संबन्धित बाबू अरुण श्रीवास्तव के पास भेज दिया। सोनू बाबू अरुण श्रीवास्तव के पास गए लेकिन उन्होंने सोनू को अलग ही पाठ पढ़ा दिया। यही नहीं अरुण श्रीवास्तव के ऐसे ही कई मामले विद्युत बिल समस्या के हैं जिनमें उन्होंने उपभोक्ताओं को मात्र परेशान करने का ही काम किया है। सोनू ने जनवरी माह में मामले की शिकायत 1912 पर की जहां से समस्या निदान के लिए उपखण्ड अधिकारी को लिखा गया। लेकिन उपखण्ड अधिकारी ने दो माह बीत जाने के बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं कराया। इसके बाद परेशान होकर उपभोक्ता ने पुनः मार्च में 1912 पर अपनी समस्या दर्ज कराई जिसके बाद उपभोक्ता सोनू पुनः उपखण्ड अधिकारी आशीष पांडेय के पास गए उन्हें जानकारी दी कि उसने जो बिल पेमेंट किया है वह बार-बार अगले बिल में जुड़कर आ रहा है। मजे की बात यह है कि इस बात की जानकारी उपखण्ड अधिकारी व बाबू अरुण को भली प्रकार से है। बावजूद इसके उन्होंने बिल दुरुस्त नहीं किया। उपखण्ड अधिकारी खुद भी मान रहे हैं कि बिल गलत जुड़कर आ रहा है बावजूद इस समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है।

उपखण्ड अधिकारी ने खड़े किए हाथ, बाबू ने धमका कर भगाया
उपभोक्ता बीते पांच माह उपखण्ड अधिकारी व बाबू के यहां चक्कर काट रहा है। अब यह बात समझ से परे है कि विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाला अधिकारी ही जब उपभोक्ता की समस्या का समाधान नहीं कर सकता तो वह किसके पास जाए। बिल जमा करने के बाद भी बार-बार गलत बिल थमा दिया जाता है ऐसे में उपभोक्ता परेशान है। यह समस्या एक सोनू की नहीं ऐसे न जाने कितने उपभोक्ता है जो गलत बिल भेजे जाने के शिकार है। सूत्रों से पता चला है कि बाबू बिल ठीक करने के नाम पर सुविधा शुल्क वसूलते हैं। अब देखना है कि सोनू के गलत बिल को कौन ठीक करता है।

सुनील कुमार अधिशासी अभियंता पटेल नगर थर्ड ने अभी हाल ही में चार्ज संभाला है क्या उनके संज्ञान में इस तरह के मामले हैं। अगर उनके संज्ञान में ऐसे मामले हैं तो वह अपने अधीनस्थों पर इस तरह के मामले निस्तारण के लिए क्या कारवाई करते हैं यह अब देखने वाली बात है।

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