
मेरठ। सालों से गलत विघा में विघुत उपयोग करने वाले हॉस्पिटल का बिजली कनेक्शन काटने पर बिना जॉच के, सिर्फ शिकायत आधार पर अधिशासी, सहायक और अभियंता दूसरे डिस्काम स्थानांतरित का मामला प्रकाश में आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रमोशन उपरांत अधिशासी अभियंता के रूप में अगस्त 2022 में बनारस से विद्युत नगरी वितरण द्वितीय सहारनपुर का कार्यभार संभालने वाले इंजीनियर अमित कुमार श्रीवास्तव ने क्षेत्र में चल रहे 35 प्रतिशत लाइन लॉस को मात्र 18 महीने में 12 प्रतिशत में लाकर रख दिया। यही नहीं कई सालों से मलिन बस्ती में चल रहे लगभग 12 कनेक्शन से स्वरूपित योजना के माध्यम से 180 कनेक्शन देने वाले पूरे पूर्वांचल में एक मात्र अधिशासी अभियंता के रूप में इंजीनियर अमित कुमार श्रीवास्तव की पहचान बनी, जिसके कारण तत्कालीन प्रबंध निर्देशिका ने उनकी काफी प्रशंसा भी की थी। यही नहीं अधिशासी अभियंता ई० अमित कुमार श्रीवास्तव को उनके कार्यों को लेकर विभाग द्वारा प्रशस्ति पत्र भी दिया गया था।
आखिर क्या है पूरा मामला…
प्राप्त जानकारी के अनुसार सहारनपुर बाजोरिया रोड निवासी डॉक्टर संजीव मित्तल ने अपने हॉस्पिटल का संयोजन लगभग 30 साल पहले विभाग को गुमराह करते हुए एलएमवी 6 इंडस्ट्रियल टेरिफ में 63 केवीए ट्रांसफार्मर के साथ (पुरानी नियमावली के अनुसार उपरोक्त ट्रांसफार्मर का व्यय विभाग करता थी) संयोजन लिया था, यह काम इतने गोपनीय तरीके से हुआ था, जिसकी भनक स्थानीय विभाग के आला अधिकारियों को भी नहीं लगी थी। एक अभियान के तहत जिले में एक-एक कनेक्शन की बारीकी से जांच की गई जिसमें टैरिफ, लोड का विशेष ध्यान रखा गया, इस अभियान के कारण उपरोक्त डॉक्टर साहब के यहां गलत तरीके से एलएमवी 6 इंडस्ट्रियल टैरिफ में कनेक्शन पाया गया, जिसके कारण अवर अभियंता द्वारा चेकिंग रिपोर्ट भरी गई और विद्या परिवर्तन करके एलएमवी 2 में करने के कारण एरियर के साथ-साथ सिक्योरिटी राशि को शामिल करते हुए एसेसमेंट भी बनाया गया… जिसको लेकर पिछले दो माह से डॉक्टर साहब लगातार पैसा जमा कराए बगैर विभाग को ही दोष देते रहे।
इन दो माह में कई बार जानकारी देने के बाद भी डॉक्टर साहब ने उपरोक्त पेमेंट जमा नहीं कराया, जिसके कारण अवर अभियंता की विच्छेदन लिस्ट में नाम प्रिंट हो रहा था। मार्च माह में विभाग द्वारा राजस्व वसूली के दबाव में बकाया होने के कारण दिनांक 13 मार्च 2024 डॉक्टर साहब के कनेक्शन को विच्छेदित कर दिया गया, लगभग 50 मिनट के आसपास इसकी जानकारी अधिशासी अभियंता अमित कुमार श्रीवास्तव को हुई तो आनन फानन में अवर अभियंता को डांटे हुए उपरोक्त कनेक्शन को फिर से जुड़वा दिया।
कनेक्शन काटने को लेकर नाराज डॉक्टर साहब एवं उनके भाई पी0के0 मित्तल, जो की 1977 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं, ने अपनी प्रतिष्ठा का विषय बनाते हुए आईएएस ऑफिसर आशीष गोयल को कॉल करके तत्काल हटाने की बात कही… क्योंकि एक आईएएस ऑफिसर दूसरे आईएएस ऑफिसर को कोई काम कहे, भला कोई पक्ष मना कर सकता है, ऐसा संभव नहीं है.. लिहाजा आईएएस ऑफिसर आशीष गोयल ने तत्काल श्री मित्तल की फरमाइश को पूरा करते हुए प्रशासनिक आधार पर विद्युत नगरीय वितरण खण्ड द्वितीय सहारनपुर से दूसरे डिस्काम दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में स्थानांतरण कर दिया। जबकि सहायक अभियंता सुधीर कुमार को पूर्वांचल विघुत नितरण निगम लिमिटेड में नई तैनाती दी है। इसके अतिरिक्त अवर अभियंता अजय कुमार कनौजिया को प्रबंध निदेशक दक्षिणांचल विघुत नितरण निगम लिमिटेड, आगरा के अंतर्गत बुंदेलखंड स्थानांतरित किया गया है।
इलेक्ट्रिसिटी एक्ट-2003 की धारा 135 में उपभोक्ता द्वारा गलत टैरिफ में विद्युत प्रयोग करने पर जुर्म माना गया है। जिसके लिए ऊर्जा विभाग वित्तीय हानि के आरोप में कार्रवाई करते हुए भारी जुर्माना भी लगाता है, यही नहीं इसको राजस्व हानि मानते हुए संबंधित अधिकारी के ऊपर कारवाई भी की जाती है, लेकिन पावर कारपोरेशन में आज हालात कुछ इस प्रकार हो गया कि एक तरफ राजस्व वसूली में कमी और लाईन लास के नाम पर आये दिन त्वरित कार्यवाही कर वाहवाही लूटी जाती है तो वहीं गलत टेरिफ प्रयोग कर्ता की शिकायत पर विच्छेदन तिथि के 48 घण्टे के अन्दर ही बिना कोई जॉच कराये अध्यक्ष महोदय द्वारा विभाग को नुकसान पहुंचाने वाले डॉक्टर साहब का साथ देते हुए पूरे ईमानदारी से विभाग हित में कार्य करने वाले अपने मातहत् अधिकारियों को स्थानांतरित कर अपनी और विभागीय कार्यशैली का परिचय दे दिया है। उपरोक्त डॉक्टर साहब को वित्तीय लाभ न देने के कारण एवं डॉक्टर साहब द्वारा गलत टैरिफ में विद्युत प्रयोग करने से वंचित करते हुए सही टैरिफ में बिल बनाने से नाराज होकर बिना किसी स्पष्टीकरण अथवा जांच के लोकसभा चुनाव हेतु आचार संहिता लगने की पूर्व न सिर्फ स्थानांतरण कर दिया बल्कि आनन फानन में आनन फानन में चार्ज भी हैंडओवर करा दिया।
इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने अधिशासी अभियंता अमित कुमार श्रीवास्तव कार्य प्रणाली पर उंगली उठाने की पूर्व एक बार भी उनके द्वारा किए गए विभागीय हित में कार्यों को ध्यान में नहीं रखा गया, ना ही कोई जांच कराई गई, ना ही उनसे कोई स्पष्टीकरण मांगा गया।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन द्वारा किए गए तानाशाह कार्रवाई से इंजीनियर अमित कुमार श्रीवास्तव का विभाग के प्रति निष्ठा पर सवाल उठने से विभाग एक होनहार इंजीनियर को खो सकता है। अगर सूत्रों पर भरोसा करें तो जल्द ही इंजीनियर अमित कुमार श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को हमेशा के लिए अलविदा कह सकते हैं।