अयोध्‍या फैसला: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केंद्र और यूपी सरकार ने कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए कीं ये तैयारियां

अयोध्‍या मामला (Ram Janmabhoomi Babri Masjid Case) में शनिवार सुबह 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) फैसला सुनाएगी. मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं.

नई दिल्‍ली. राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद (Ram Janmabhoomi Babri Masjid Case) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शनिवार सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगा. 17 नवंबर को मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) सेवानिवृत्‍त हो रहे हैं. लिहाजा फैसले के मद्देनजर पूरे देश खासकर यूपी (UP) में चौकसी बढ़ा दी गई है. इसी के तहत सीजेआई रंजन गोगोई ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह और मुख्‍य सचिव (Chief Secretary) आरके तिवारी से सुरक्षा व्यवस्था (Security Arrangement) को लेकर बैठक की है. उत्तर प्रदेश शासन के ये दोनों वरिष्ठ अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के बुलावे पर शुक्रवार दोपहर दिल्ली (Delhi) पहुंचे थे.

केंद्र (Central Government) ने सभी राज्यों से अलर्ट (Alert) रहने और संवेदनशील क्षेत्रों (Sensitive Areas) में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने उत्तर प्रदेश और खासतौर पर अयोध्या में सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों (CPMF) के 4,000 जवानों को भेज दिया है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी किया गया है, जिसमें सभी संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों (Security Forces) को तैनात करने को कहा गया है. साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भी नेताओं और मंत्रियों से अयोध्या विवाद पर बयानबाजी नहीं करने की सलाह दी है.

रेलवे पुलिस (Railway Police) ने सभी कर्मियों की छुट्टियां (Leaves) रद्द कर दी हैं. उन्हें ट्रेनों (Trains) की सुरक्षा में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं. प्लेटफॉर्म्स, रेलवे स्टेशनों, यार्ड, पार्किंग स्थल, पुलों और सुरंगों के साथ-साथ उत्पादन इकाइयों व कार्यशालाओं में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दिल्ली (Delhi), महाराष्ट्र (Maharashtra) और उत्तर प्रदेश (UP) के स्टेशनों समेत 78 प्रमुख स्टेशनों की पहचान की गई है, जहां अधिक संख्या में यात्री आते हैं. यहां आरपीएफ (RPF) कर्मियों की मौजूदगी बढ़ाई गई है. परामर्श में पूर्व के उस आदेश को भी रद्द किया गया है, जिसमें स्टेशनों को बिजली बचाने के लिए करीब 30 प्रतिशत रोशनी कम रखने की अनुमति दी गई थी. अब सभी मंडलों को हर वक्त 100 फीसदी रोशनी (100 percent Light) रखने का निर्देश दिया गया है.

यूपी सरकार (UP Government) ने 15 दिसंबर तक पुलिस के सभी आला अधिकारियों (Police Officers) की छुट्टियां निरस्त कर दी हैं. साथ ही सभी जिलों (All Districts) में अस्थायी जेलें (Temporary Jails) बनाने का निर्देश भी दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये सूबे के सभी जिलों के जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस कप्तानों (SP) से बात कर निर्देश दिया कि प्रदेश स्तर पर एक कंट्रोल रूम व सभी जिलों में एक-एक कंट्रोल रूम तत्काल प्रभाव से संचालित किया जाए. ये कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करेंगे. मुख्यमंत्री ने किसी भी आपात स्थिति के लिए लखनऊ और अयोध्या में एक-एक हेलिकॉप्टर की तुरंत व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं.

उत्‍तर प्रदेश प्रशासन (UP Administration) ने राज्य में सौहार्द्र बनाए रखने के लिए सुरक्षा को चाक-चौबंद कर दिया है. असामाजिक तत्वों के इरादों को नाकाम बनाने के लिए करीब-करीब हर शहर के प्रमुख चौराहों से लेकर धार्मिक स्थलों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. कुछ जिलों में असामाजिक तत्‍वों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए ड्रोन (Drone) का भी सहारा लिया जा रहा है. ज्‍यादातर शहरों में अराजक और असामाजिक तत्वों की सूची भी तैयार की गई है. पुलिस-प्रशासन की नजर सोशल मीडिया (Social Media) पर भी है. भड़काऊ पोस्ट (Inflammatory post) या वायरल मैसेज पर पुलिस कंट्रोल रूम के जरिये नजर रखी जा रही है. तमाम धार्मिक संगठनों से सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की गई है. साथ ही सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

अंबेडकरनगर (Ambedkarnagar) में आठ स्कूलों में अस्थायी जेल (Temporary Jail) बनाई गई हैं. दरअसल, अंबेडकरनगर अयोध्या और फैजाबाद (Faizabad) से सटा हुआ है. लिहाजा, अगर फैसले के बाद कोई विपरीत परिस्थिति बनती है तो लोगों को इन जेलों में रखा जाएगा. अकबरपुर (Akabarpur) थानाक्षेत्र में तीन, जबकि टांडा (Tanda), जलालपुर (Jalalpur), जैतपुर (Jaitpur), भीटी और आलापुर (Alapur) थानाक्षेत्र में एक-एक अस्थायी जेल बनाई गई है. यूपी के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. अयोध्या को छावनी में बदला दिया गया है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात है. साथ ही जिला प्रसाशन लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की बात भी कह रहा है.

यूपी के एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडे (Ashutosh Pandey) ने अयोध्या पहुंचकर कमान संभाल ली है. अयोध्या की सुरक्षा में सिविल पुलिस के साथ पीएसी (PAC), आरएएफ (RAF) को लगाया गया है. साथ ही एटीएस (ATS) भी अयोध्या पर नजर रख रही है. खुफिया एजेंसी (Intelligence Agencies) को सतर्क रखा गया है. ड्रोन कैमरे से अयोध्या की निगरानी की जा रही है. अयोध्या की सड़कों पर आरएएफ की टीमें नजर आ रही हैं. अयोध्या के एसएसपी आशीष तिवारी (SSP Ashish Tiwari) ने बताया कि अयोध्या के सभी एंट्री पॉइंट पर बैरियर लगाकर चेकिंग की जा रही है. भारी संख्या में पीएसी के जवान अयोध्या पहुंच चुके हैं. जनपद के लगभग दो सौ स्कूलों में सुरक्षाबलों को ठहराया जा रहा है. रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, होटल, धर्मशाला सभी पर पुलिस की नजर है.

फैजाबाद पुलिस (Faizabad Police) ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पर नजर रखने के लिए जिले के 1,600 स्थानों पर 16 हजार स्वयंसेवियों को तैनात किया है. डीएम अनुज कुमार झा (DM Anuj Kumar Jha) ने देवी-देवताओं का अपमान करने के खिलाफ या राम जन्मभूमि से संबंधित जुलूस निकालने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के खिलाफ आदेश जारी कर दिया है. उन्होंने फैसले के बाद माहौल बिगड़ने की आशंका का जिक्र करते हुए 28 दिसंबर तक निषेधाज्ञा आदेशों को बढ़ा दिया है. प्रशासन ने सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए स्वयंसेवियों के व्हाट्सएप समूह (Whatsapp Groups) बनाए हैं. एसएसपी ने बताया कि लाल, पीले, हरे और नीले रंग के चार सुरक्षा क्षेत्र बनाए गए हैं. लाल और पीला सुरक्षा क्षेत्र केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल (CPMF) संचालित करेगा, जबकि हरा व नीला सुरक्षा क्षेत्र पुलिस के तहत होगा.

भारत-नेपाल सीमा (Indo-Nepal border) की सबसे संवेदनशील सोनौली सीमा (Sonauli border) पर चौकसी बढ़ा दी गई है. आईबी से मिले इनपुट (IB Input) के बाद पुलिस (police) और एसएसबी (SSB) जवानों ने पेट्रोलिंग भी तेज कर दी है. पिछले दिनों बार्डर पर आईबी के अधिकारियों और एसएसबी के जवानों के बीच तीन घंटे से अधिक की बैठक हुई जिसमें सुरक्षा तैयारियों का खाका भी खींचा गया. यूपी (UP ATS) एटीएस की टीम भी लगातार बार्डर पर नजर रखे हुए है. सौनाली सीमा पर एसएसबी की महिला जवानों की भी तैनाती की गई है. खुली सीमा होने के कारण लोगों की आवाजाही पगडंडियों से भी होती है. इसलिए सुरक्षा एजेंसियों के लिए इन पर नजर रखना बड़ी चुनौती है. हालांकि, इन पगडंडियों पर विशेष नजर रखी जा रही है.

कानपुर जिला प्रशासन (Kanpur District Administration) और पुलिस (Police) भी अलर्ट मोड पर आ चुकी है. शहर में अतिरिक्‍त सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ अत्‍याधुनिक उपकरणों का सहारा भी लिया जा रहा है. इनमें कानपुर आईआईटी (Kanpur IIT) का बनाया एरोस्‍टैग भी शामिल है. कानपुर पुलिस हाईटेक कैमरों से लैस एरोस्टैग के जरिये आसमान से शहर की हर गतिविधि पर बारीक नजर रखेगी. कानपुर के वरिष्‍ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव तिवारी के अनुसार, कम्युनिटी पुलिसिंग के जरिये समाज के जिम्मेदार लोगों के साथ मीटिंग कर उन्हें जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं. सभी संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्‍थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी. वहीं, एरो स्टैग की मदद से काफी ऊंचाई से शहर की निगरानी रख सकेंगे. एरोस्‍टैग खुद तस्‍वीर लेकर जानकारी दे देगा.

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  • रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    हम सब जानते है कि मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ के रूप में कार्य करती है। इसके साथ ही हमारा मानना है कि पत्रकार एक विपक्ष का का कार्य करती है। यूपीसीएल मीडिया नामक व्हाट्सप्प ग्रुप की शुरूवात ऊर्जा क्षेत्र के लिए समाचार संकलन का कार्य कर रहे कुछ पत्रकार, जिसमें प्रमुख रूप से अविजित आन्नद, वेद प्रकाश, रवि शर्मा व आकिब शामिल रहे, ने शक्ति भवन, लखनऊ परिसर में किया, उस समय किसी भी प्रकार को यह अंदाजा नहीं था, कि कुछ ही समय में यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प गु्रप विभाग में इतना लोक प्रिय हो जायेगा। यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प ग्रुप का विभाग में लोकप्रियता को देखते हुए आज यूपीसीएल मीडिया एक व्हाट्सप्प ग्रुप से एक कदम आगे वढ़ाते हुए समाचार क्षेत्र में भी कार्य करना प्रारम्भ किया। यूपीसीएल मीडिया ऊर्जा क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारियों या कर्त्तव्यों को देखते हुए प्रिंट/वेब संस्करण के रूप में कार्य प्रारम्भ की है। यूपीसीएल मीडिया में हम यही करने की कोशिश कर रहे है और बिना आप सभी के सहयोग के यह संभव नहीं है। अतः मैं गुजारिश करूंगा कि बिजली उपभोक्ता एवं ऊर्जा क्षेत्र के अधिकारीयों के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए हमारे साथ शामिल हो। आप सभी को मेरी शुभकामनाएँ !!

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