🛑 बिजली विभाग की लापरवाही का बड़ा खुलासा!
उपभोक्ता से पैसे लेकर भी नहीं दिया मीटर—अब मांगनी पड़ रही FIR की धमकी!
सीतापुर। ऊर्जा विभाग की कर्मचारियों की लापरवाही नहीं—सीधा शोषण और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।, जिसमें एक उपभोक्ता ने विभागीय कर्मचारियों पर गंभीर लापरवाही और मनमानी का आरोप लगाया है। ग्रामीण उपभोक्ता सुभाष, जिसने 2017 में कनेक्शन लिया था, आज 2025 में भी मीटर नंबर के लिए भटक रहा है।

ग्रामीण क्षेत्र के निवासी सुभाष पुत्र राजेंद्र प्रसाद ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में बताया कि उन्होंने 2017 में लेहेरपुर पावर हाउस से नया बिजली कनेक्शन कराया, लेकिन उन्हें आज तक मीटर नंबर नहीं मिला। यह मामला सिर्फ लापरवाही का नहीं, बल्कि अंदरूनी मिलीभगत और अवैध वसूली का गंभीर संकेत देता है।

ग्रामीण उपभोक्ता सुभाष पुत्र राजेंद्र प्रसाद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बताया कि कनेक्शन लेने के बाद लाइनमैन अमित तिवारी लगातार जेई के नाम पर पैसे लेता रहा, लेकिन रसीद नहीं दी, मीटर नंबर नहीं दिया, और विभागीय रिकॉर्ड में उसके कनेक्शन के कागज़ तक नहीं चढ़ाए गए। अब उपभोक्ता ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि “मेरी मीटर फीडिंग व मीटर संख्या उपलब्ध कराई जाए, ताकि मुझे बिजली संबंधी अधिकार मिल सकें और अंधेरे में न रहना पड़े।” उपभोक्ता का कहना है कि जब उसने रसीद और मीटर संख्या की मांग की तो कर्मचारियों ने उल्टा FIR की धमकी देकर चुप कराने की कोशिश की।
⚡ यह केस विभागीय भ्रष्टाचार और उपभोक्ता शोषण का जीता-जागता उदाहरण है।

कई वर्षों से चल रही इस गड़बड़ी से साफ है कि स्थानीय बिजली तंत्र किस कदर मनमर्जी और अवैध वसूली पर उतारू है।
📌 गंभीर सवाल उठते हैं :
- बिना मीटर नंबर के 8 साल तक बिल कैसे बने?
- भुगतान की रकम किसके पास गई?
- लाइनमैन अकेले खेल रहा था या जेई भी शामिल था?
- विभाग के रिकॉर्ड से उपभोक्ता का नाम क्यों गायब रखा गया?
- क्या यह पूरा प्रकरण जानबूझकर रचा गया उगाही का खेल है?
यूपीपीसीएल मीडिया जल्द इस मामले में अधिकारियों की प्रतिक्रिया भी मांगेगा, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली विभाग की पकड़ कुछ कर्मचारियों के हाथों की कमाई की मशीन बन चुकी है। मीटर नंबर रोककर उपभोक्ता को वर्षों तक डराते रहना और पैसा वसूलना, फिर शिकायत करने पर FIR की धमकी देना— यह भ्रष्टाचार का खुला प्रदर्शन है।

उपभोक्ता ने मुख्यमंत्री से तत्काल मीटर फीडिंग और मीटर संख्या जारी करवाने की मांग की है, ताकि उसे कानूनी उपभोक्ता अधिकार मिल सकें और अंधेरे में रहने की मजबूरी समाप्त हो सके हम इस मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषी लाइनमैन व जेई की जवाबदेही, भुगतान का विस्तृत ऑडिट, और पावर हाउस की कार्यप्रणाली की विजिलेंस जांच की मांग करते हैं।
- आखिर उपभोक्ता को 8 साल तक मीटर नंबर क्यों नहीं दिया गया?
- रसीद और रिकॉर्ड कहाँ गायब हैं?
- संबंधित लाइनमैन और जेई के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?
📢 यह सिर्फ एक उपभोक्ता का दर्द नहीं—यह विभागीय काले खेल का उजागर चेहरा है।
📌 यूपीपीसीएल मीडिया की विशेष रिपोर्ट—जल्द और तथ्य सामने लाएगी।
📌 यदि आपके पास भी बिजली विभाग से जुड़ी कोई शिकायत है, हमें भेजें।








