
बिजली विभाग, बदायूं के अफसरों पर गंभीर आरोपों की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं। कार्यरत अधिकारियों के खिलाफ कई शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें भारी स्तर पर अनियमितताएं और संसाधनों का दुरुपयोग शामिल है।
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फर्जी रिप्लेसमेंट का खेल
सतलापुर सबस्टेशन पर 05 MVA ट्रांसफार्मर खराब हो जाने पर बिना जांच और बिना सक्षम आदेश के दूसरे ट्रांसफार्मर से बदल दिया गया। यही हाल उजानी सबस्टेशन पर भी हुआ, जहां 10 MVA ट्रांसफार्मर बदला गया। दोनों जगहों की स्थिति संदिग्ध बताई जा रही है। -
RDSS योजना में धांधली
आरडीएसएस योजना में शामिल कार्यों को बिजनेस प्लान में भी घुसा दिया गया। इसका मतलब साफ है कि बजट और योजनाओं का दोहरा खेल खेला जा रहा है। -
ड्राइवर बिना, वेतन जारी
अधिशासी अभियंता, खण्ड-प्रथम बदायूं ने एक ड्राइवर को बिना काम कराए वेतन दिलवाने का खेल रचा। इसके अलावा विभागीय वाहन का इस्तेमाल खुद के निजी कामों में भी किया गया। -
निजी यात्राओं में विभागीय गाड़ी
अधिशासी अभियंता (परीक्षण खण्ड) पर आरोप है कि उन्होंने विभागीय वाहन का प्रयोग अपनी निजी यात्राओं के लिए किया।
जांच टीम गठित
इन गंभीर आरोपों की जांच के लिए लखनऊ से अधिकारियों की टीम गठित की गई है, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करेगी।
👉 साफ है कि बिजली विभाग बदायूं में ट्रांसफार्मर बदलने से लेकर आरडीएसएस योजना तक गड़बड़ियों का अड्डा बन गया है। सवाल उठता है कि आम जनता के लिए बनाई गई योजनाएं आखिर अफसरों की जेब भरने का जरिया क्यों बन रही हैं?