
जहाँ एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उर्जा मंत्री ए के शर्मा जनता के लिए सरलीकरण प्रक्रिया बना रहे हैं… जैसे कि जनता के नए कनेक्शन मिल जाए, जनता की शिकायतें अधिकारियों तक आसानी से चली जाए या मिल जाए …जनता उनसे मिले….
ठीक उसके विपरीत अधिशासी अभियन्ता – विधुत वितरण खंड फतेहपुर सुभाष मौर्य, जिनको 13 मार्च 2025 को मिला था विधुत वितरण खंड फतेहपुर का अतिरिक्त कार्य प्रभार….. के यहां उपभोक्ता तो दूर की बात है, बल्कि अपने ही डिविजन के अधीन कार्यरत अधिकारीयों/कर्मचारियों से मिलने के लिए भी पर्ची भेजवानी पड़ती है… अधिकारीयों/कर्मचारियों की पर्ची देखने के उपरान्त यदि अधिशासी अभियनता को लगा कि अगला मिलने वाला व्यक्ति कुछ काम का है, तो तुरन्त मुलाकात हो जायेगी… नहीं तो उक्त अधिकारीयों/कर्मचारियों को तीन-तीन घंटे बैठ कर भी बैरंग लौटना पड़ता है… यदि कोई अधिकारीयों/कर्मचारियों गलती से उनसे मिलने बिना अनुमति लिए उनके कक्ष में चला जाता है, तो भी उनके द्वारा कहा जाता है कि मैंने आप को नहीं बुलाया…. तो कैसे चले आए….
अपनी बात भी रखने में इस तरह का यदि व्यवहार यदि विभागीय अधिकारीयों/कर्मचारियों के साथ है …तो सवयं अंदाजा लगाईए कि आम जनता का क्या हाल होता होगा।
इन सब के बीच एक हैरानी का विषय यह भी है कि 13 मार्च 2005 को कार्यभार ग्रहण करने के उपरान्त आज तक पलट कर फतेहपुर डिविजन की तरफ देखा भी नहीं.. जब कोई अधिकारीं/कर्मचारी अधिशासी अभियन्ता फतेहपुर का अतिरिक्त चार्ज संभालने वाले डिविजन फर्स्ट के अधिशासी अभियन्ता के पास जाता है, तो पहले पर्ची केबिन में भेजवाओं … फिर तीन-तीन घण्टे इंतजार भी करो… यदि गलती से बिना बुलाये उनके केबिन में चला गया तो यह कहा जाता है कि मैंने आप को नहीं बुलाया…. तो कैसे चले आए….भागो मै कोई काम नहीं करूगा… हाल में ऐसी घटना आलोक कुमार एवं शिव प्रसाद नामक बाबू के साथ घटी।
यह वहीं अधिशासी अभियन्ता महोदय है, जिन्होने नियमों की अनदेखी कर मुख्य अभियन्ता -अयोध्या क्षेत्र की शह पर दूसरे डिविजन क्षेत्र में जाकर उपभोक्ता को 150केवी का सयोजन सम्बन्धित प्रकरण में मुख्य आरोपी है।