शिवपुरी पावर हाउस : उपभोक्ता के परिसर में लगा मीटर में 14756 यूनिट से 4108 यूनिट आखिर कैसे दर्ज हो गई दर्ज ?

मध्यांचल विघुत वितरण निगम लिमिटेड, लखनऊ अन्तगर्त चिनहट डिविजन, गोमती नगर जोन, लेसा अधीनस्थ शिवपुरी पावर हाउस में बिलों को संशोधन के नाम पर लाखों रूपये हजम करने को लेकर शिवपुरी पावर हाउस एक बार फिर सुर्खियों में है, उपरोक्त हेराफेरी को लेकर तरह-तरह की चर्चाओ का बाजार गर्म है। उपरोक्त प्रकरण के साथ-साथ पिछले पॉच वर्षो के दौरान हुए बिल रिवीजन की अगर उच्च स्तर के अधिकारियो द्वारा मामले की जाँच करा ली जाये, तो गड़बड़झाला करने वाले अधिकारीगण/कर्मचारीगण पर कार्यवाही रूपी तलवार लटकाना तय है।

एक बिल (बिल संख्या- 471878149656) जारी हुआ, जिसमें उपभोक्ता के परिसर पर लगे मीटर में पिछले माह की रीड़िग 14550 – 14756 वर्तमान माह की रीडिंग दर्शाया गया, जिसको मीटर रीडर रंजीत यादव के अगुवाई में शिवपुरी पावर हाउस के सक्रिय गिरोह की अगुवाई में दिनांक 15 मई 2024 को बिल रिवीजन कर दी गई, जिसके उपरान्त उपभोक्ता के मीटर में पिछले माह की रीड़िग 14550 – 14756 वर्तमान माह की रीडिंग के स्थान पर पिछले माह की रीड़िग 4108 – 4115 पिछले माह की रीड़िग फीड कर दी गई…यह कारनामा कैसे हुआ, यह तो शिवपुरी पॉवर हाउस ही बताएगा….

ताजा मामला शिवपुरी पावर हाउस, चिनहट डिविजन, गोमती नगर जोन से पोषित अमराई गॉव, चिनहट के निवासी मोहम्मद आजाद का है, जिनका खाता संख्या 4719101000 है, द्वारा बिल सुधार के नाम पर विभाग के सक्रिय गिरोह से घालमेल कर विभाग को लाखों रूपया के राजस्व का चूना लगाने का मामला प्रकाश में आया है।

मिली जानकारी के अनुसार अमराई गॉव, चिनहट निवासी मोहम्मद आजाद ने शिवपुरी पावर हाउस के मीटर रीडर रंजीत यादव के सहयोग से न सिर्फ अपने परिसर में लगा मीटर में हेराफेरी कराते हुए पूर्व में दर्ज रीडिंग 14756 के स्थान पर 4108 रीड़िग दर्ज करवा दी, बल्कि इसका बिल भी रिवाइज कराकर बिल में उपरोक्त रीड़िग को फीड भी करा दी, जिसके उपरान्त प्रतिमाह 4108 रीड़िग से अधिक का बिल बनना शुरू हो गया। इस बिल रिवाइज प्रकरण में मीटर रीडर रंजीत यादव के साथ-साथ और कौन- कौन सहयोगी है, औैर किसके आई डी से यह बिल रिवाइज किया गया… इसका जबाब तो खबर प्रकाशन उपरान्त बनने वाली जॉच कमेटी ही दे पायेगी.. क्योंकि बिजली विभाग के पास आरोपी को बचाने का इससे बड़ा हथियार कोई और नहीं। इसके पहले भी चिनहट डिविजन में कार्यरत पवन मिश्रा को आरोप पुष्टि होने के उपरान्त भी सिर्फ स्थान्तरण कर बचा लिया गया।

बताते चले कि उपभोक्ता अमराई गॉव, चिनहट के निवासी मोहम्मद आजाद के यहां हर माह की तरह बीते 06 मई 2024 को एक बिल (बिल संख्या- 471878149656) जारी हुआ, जिसमें उपभोक्ता के परिसर पर लगे मीटर में पिछले माह की रीड़िग 14550 – 14756 वर्तमान माह की रीडिंग दर्शाया गया, जिसको मीटर रीडर रंजीत यादव के अगुवाई में शिवपुरी पावर हाउस के सक्रिय गिरोह की अगुवाई में दिनांक 15 मई 2024 को बिल रिवीजन कर दी गई, जिसके उपरान्त उपभोक्ता के मीटर में पिछले माह की रीड़िग 14550 – 14756 वर्तमान माह की रीडिंग के स्थान पर पिछले माह की रीड़िग 4108 – 4115 पिछले माह की रीड़िग फीड कर दी गई…यह कारनामा कैसे हुआ, यह तो शिवपुरी पॉवर हाउस ही बताएगा….

ठीक इसी प्रकार 20 फरवरी 2024 को जारी बिल (बिल संख्या- 471305640254) में पिछली रीड़िग 15214 – 15881 वर्तमान रीडिंग दर्ज की गई, तो ठीक अगले माह 6 मार्च 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471118460386) उपभोक्ता के मीटर में दर्ज रीडिंग पिछली रीड़िग 14489 – 14550 वर्तमान रीडिंग का बिल बन गया… कैसे?

उपरोक्त का करनामा के उपरांत अगले माह 30 अप्रैल 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471438787042) उपभोक्ता के मीटर में पिछले माह की रीड़िग 14550 – 14550 वर्तमान रीडिंग का बिल बन गया… क्या उपभोक्ता पूरे महीने अपना घर बंद रखा,यदि घर बंद रखा तो मीटर रीडर ने दर्ज यूनिट कैसे फीड की और उसका अप्रैल 2024 का बिल जीरो राशि का कैसे बन गया?

19 अगस्त 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471702796456) 11696 - 11712 तक के रीडिंग का बिल
19 अगस्त 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471702796456) 11696 – 11712 तक के रीडिंग का बिल
27 सितंबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471077647748) 11712 - 11986 तक के रीडिंग का बिल
27 सितंबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471077647748) 11712 – 11986 तक के रीडिंग का बिल
25 अक्टूबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471058197494) 11986 - 12023 तक के रीडिंग का बिल
25 अक्टूबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471058197494) 11986 – 12023 तक के रीडिंग का बिल
21 नवंबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471777179443) 12023 - 14489 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
21 नवंबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471777179443) 12023 – 14489 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
03 दिसंबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471617810873) 14489 - 14841 तक के रीडिंग का बिल
03 दिसंबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471617810873) 14489 – 14841 तक के रीडिंग का बिल
21 जनवरी 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471249047823) 14841 - 15214 तक के रीडिंग का बिल
21 जनवरी 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471249047823) 14841 – 15214 तक के रीडिंग का बिल
20 फरवरी 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471305640254) 15214 - 15581 तक के रीडिंग का बिल
20 फरवरी 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471305640254) 15214 – 15581 तक के रीडिंग का बिल
06 मार्च 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 4711118460386) 14489 - 14550 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
06 मार्च 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 4711118460386) 14489 – 14550 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
30 अपैल 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471438787042) 14550 - 14550 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
30 अपैल 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471438787042) 14550 – 14550 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
06 मई 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471878149656) 14550 - 14756 तक के रीडिंग का बिल
06 मई 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471878149656) 14550 – 14756 तक के रीडिंग का बिल
15 मई 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471911644958) 4108 - 4115 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
15 मई 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471911644958) 4108 – 4115 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
06 जून 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471906486559) 4115 - 4613 तक के रीडिंग का बिल
06 जून 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471906486559) 4115 – 4613 तक के रीडिंग का बिल
19 जुलाई 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471486383606) 4613 - 4710 तक के रीडिंग का बिल
19 जुलाई 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471486383606) 4613 – 4710 तक के रीडिंग का बिल

उपरोक्त विद्युत विभाग के खेल का पर्दाफाश करने के लिए हमने इस उपभोक्ता के अंतिम एक वर्ष यानी कि 19 अगस्त 2023 का बिल से शुरुआत की…

  • 19 अगस्त 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471702796456) 11696 – 11712 तक के रीडिंग का बिल
  • 27 सितंबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471077647748) 11712 – 11986 तक के रीडिंग का बिल
  • 25 अक्टूबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471058197494) 11986 – 12023 तक के रीडिंग का बिल
  • 21 नवंबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471777179443) 12023 – 14489 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
  • 03 दिसंबर 2023 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471617810873) 14489 – 14841 तक के रीडिंग का बिल
  • 21 जनवरी 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471249047823) 14841 – 15214 तक के रीडिंग का बिल
  • 20 फरवरी 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471305640254) 15214 – 15581 तक के रीडिंग का बिल
  • 06 मार्च 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 4711118460386) 14489 – 14550 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
  • 30 अपैल 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471438787042) 14550 – 14550 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
  • 06 मई 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471878149656) 14550 – 14756 तक के रीडिंग का बिल
  • 15 मई 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471911644958) 4108 – 4115 तक के रीडिंग का (बिल रिवाइज) बिल
  • 06 जून 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471906486559) 4115 – 4613 तक के रीडिंग का बिल
  • 19 जुलाई 2024 को जारी की गई बिल (बिल संख्या 471486383606) 4613 – 4710 तक के रीडिंग का बिल

शिवपुरी पावर हाउस के अधिकारीगण द्वारा पिछले एक साल में एक ही उपभोक्ता के तीन-तीन बार बिल रिवाइज करने के कारण स्वतः ही संदेह के घेरे नजर आ रहे है। विभागीय जानकार बताते है कि अगर उक्त अधिकारी की उच्च स्तरीय जांच हो गयी तो इनके ऊपर कार्यवाही रूपी तलवार लटकाना तय है। अब देखना यह होगा कि जिस प्रकार से विधुत विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है उस पर विराम लगाने के लिए उच्च स्तरीय अधिकारी अपना अगला कदम क्या उठाते है यह तो आने वाला समय ही बता पायेगा। क्या वास्तव में बिजली विभाग द्वारा उपरोक्त प्रकरण में डिपार्टमेंट का चाबुक चलेगा है.. यह अपने आप में अहम सवाल है

आखिर कैसे होता है बिल रिवाइज
बिजली निगम में बिल रिवीजन का खेल काफी पुराना है। निगम के कुछ बाबू सेटिंग कर बिल सुधार के नाम पर रकम को काफी कम कर देते हैं। कम रकम की फाइल संबंधित अफसर के पास भेजी जाती है। अफसर इसे अपने सिस्टम में फीड कर देता है। इसके बाद कम बिल को ही उपभोक्ता का पक्का बिल मान लिया जाता है। इस आधार पर उपभोक्ता से रुपये जमा कराकर बिल को शून्य कर दिया जाता है।

विभागीय जानकार इस बात की खुलेआम पुष्टि करते हैं कि अगर उच्च स्तर पर बिल सुधार के नाम पर घालमेल सम्बन्धित कार्यों की जांच अगर हो जाये, तो बड़ा राजस्व घोटाला सामने आ सकता है, ऐसे में सम्बन्धित अधिकारी दोषी करार देने उपरान्त बहाल होना मुश्किल हो जाये।

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