बांदा। बिजली विभाग रिवैंप योजना से चित्रकूटधाम मंडल में ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने और जर्जर लाइन बदलने का काम तेजी से करा रहा है। अब तक सवा दो अरब रुपये से ज्यादा रुपये खर्च किए गए जा चुके हैं, पर शिकायतों में कोई कमी नहीं है। चारों जिलों में 40 दिनों में ट्रांसफार्मर फुंकने की जहां 207 शिकायतें आईं, वहीं 4100 उपभोक्ताओं ने लाइन टूटने व फाल्ट होने की शिकायतें कीं। अधिकारियों का दावा है कि उपभोक्ताओं की अधिकांश शिकायतों का निस्तारण करा दिया गया है।
शासन ने चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों में 24 घंटे बिजली देने के निर्देश हैं। इसके बावजूद भीषण गर्मी में लोगों को कई-कई घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति तब है जबकि दक्षिणांचल विद्युत वितरण खंड के चित्रकूट जोन में रिवैंप योजना के तहत करीब एक वर्ष से ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने और जर्जर लाइन और खंभे बदलने का तेजी से कार्य कराया जा रहा है।
बिजली विभाग रिवैंप योजना में 49 करोड़ निर्माण और 162 करोड़ रुपये सामग्री पर खर्च कर चुका है। इस तरह करीब 2.53 अरब रुपये खर्च होने के बाद भी व्यवस्था में सुधार नजर नहीं आ रहा है। इसकी बानगी उपभोक्ताओं की आने वाली शिकायते हैं।
चित्रकूट में सबसे ज्यादा फुंके ट्रांसफार्मर
बिजली विभाग उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर 1091 शुरू किया है। एक अप्रैल से दस मई तक इसमें ट्रांसफार्मर फुंकने की 702 और लाइन फाल्ट होने व तार आदि टूटने की 4100 शिकायतें आईं। बांदा में अतर्रा नगरीय, ग्रामीण व अतर्रा डिवीजन में मई में 207 उपभोक्ताओं ने ट्रांसफार्मर फुंकने व 1693 लोगों ने लाइन फाल्ट की जानकारी दी। जांच में 43 ट्रांसफार्मर फुंके मिले। इन्हें बदलवाने में उपभोक्ताओं को हफ्तों का समय लग गया। चित्रकूट जनपद के दो डिवीजन में ट्रांसफार्मर फुंकने की 305 व लाइन फाल्ट की 865 शिकायतें आईं। हमीरपुर के दो डिवीजनों में 115 ट्रांसफार्मर फुंकने तथा 829 शिकायतें लाइन में फाल्ट की आईं। महोबा के दो डिवीजनों में हेल्पलाइन नंबर के जरिए 55 लोगों ने ट्रांसफार्मर फुंकने व 713 लोगों ने लाइन फाल्ट होने या तार टूटने की शिकायतें कीं।
विभाग में अभी 51 शिकायतें लंबित
वर्कशाप के अधिकारियों के मुताबिक लाइन फाल्ट और ट्रांसफार्मर फुंकने की करीब 5060 शिकायतें 40 दिनों में आईं। अभी ट्रांसफार्मर फुंकने की 18 व लाइन फाल्ट की 28 तथा तार टूटने की पांच शिकायतों का निस्तारण किया जाना है।
वर्कशाप में लगा जले ट्रांसफार्मरों का ढेर
मंडल मुख्यालय के वर्कशाप में करीब 300 ट्रांसफार्मर मरम्मत के लिए रखे हैं। एक ट्रांसफार्मर के दुरुस्त करने में 10 से 32 हजार रुपये तक का खर्च आता है। कर्मचारी 10 ट्रांसफार्मर तैयार करते हैं तो 20 फुंके हुए ट्रांसफार्मर और आ जाते हैं।
गर्मी में बिजली की खपत बढ़ती है, इससे शिकायतों में भी इजाफा होता है। विभाग की ओर से लगातार शिकायतों का निस्तारण किया जाता है। रिवैंप योजना से काम होने के बाद फाल्ट और ट्रांसफार्मर फुंकने की स्थिति में काफी सुधार हुआ है -आरके मिश्रा, अधीक्षण अभियंता, डीवीवीएनएल, चित्रकूटधाम मंडल, बांदा।