
गाजियाबाद। लालकुआं बिजलीघर पर तैनात एसएसओ की फॉल्ट ठीक करने के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने अवर अभियन्ता सहित एक अन्य कर्मचारी पर काम करने का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
बताते चले कि विजयनगर के लाल क्वार्टर निवासी ललित करीब तीन वर्षों से संविदा पर बिजलीघर में एसएसओ के पद पर काम कर रहे थे। परिजनों के ललित मुताबिक बृहस्पतिवार रात ललित और संविदा लाइनमैन प्रमोद बिजलीघर में थे। आरोप है कि रात में अवर अभियंता नीरज शर्मा का प्रमोद के पास पुलिस चौकी के पास एनएचएआई की स्ट्रीट लाइट वाली लाइन में फॉल्ट ठीक करने के लिए कॉल आई तो प्रमोद ने मना कर दिया।
अवर अभियंता ने एसएसओ को फॉल्ट ठीक करने के लिए कहा जब एसएसओ ने अवर अभियन्ता को बताया कि वो फॉल्ट ठीक करने के लिए अधिकृत नहीं हैं तो अवर अभियन्ता ने उन्हें सस्पेंड करने की धमकी दी। नौकरी बचाने के दबाव में आकर ललित ने फॉल्ट ठीक करने के लिए बिजलीघर पर कार्यरत कर्मचारी रनपाल से शटडाउन लिया। फॉल्ट ठीक करते समय ललित चलती बिजली लाइन की चपेट में आ गए लोगों ने उन्हें यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। ललित के पिता मान सिंह ने अवर अभियंता नीरज शर्मा और कर्मचारी रन सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
लालकुआं बिजली घर पर तैनात एसएसओ ललित के साथ हादसा
आरोप : अवर अभियन्ता ने निलंबन की धमकी देकर भेजा फॉल्ट ठीक करने के लिए
एसएसओ की नहीं है फॉल्ट ठीक करने की जिम्मेदारी
ऊर्जा निगम के अधिकारियों का कहना है कि स्टेशन ऑफिसर की फॉल्ट ठीक करने की जिम्मेदारी नहीं होती है। इसे ठीक करने के लिए बिजलीघरों में लाइनमैनों को तैनात किया गया है। एसएसओ का काम केवल शिकायतों को रजिस्टर में दर्ज करना और उनके बारे में अधिकारियों और कर्मचारियों को जानकारी देना है।
पहले भी दो बार हो चुके थे हादसे के शिकार
परिजनों के मुताबिक इससे पहले भी 11 केवी लाइन पर काम करते समय ललित दो बार बिजली के करंट की चपेट में आ चुके थे। ललित शारीरिक तौर पर दिव्यांग थे, लेकिन अधिकारियों द्वारा उन पर फॉल्ट ठीक करने का दबाव बनाया जाता था।
जुड़वा बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
ललित परिवार में इकलौते पुत्र थे। उनके अलावा परिवार में कोई सहारा नहीं है। ललित के दो छोटे बच्चे हैं। बच्चे जुड़वां हैं। ललित की मौत से परिवार में कोहराम मचा है। परिजनों का कहना है कि अवर अभियन्ता के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। अवर अभियन्ता की गलती से बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया।
अधीक्षण अभियंता महफूज आलम ने बताया कि एसएसओ को ऊर्जा निगम द्वारा फॉल्ट ठीक करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। ललित की मौत किन कारणों से हुई इसकी जांच कराई जा रही है। अगर अवर अभियन्ता और कर्मचारी की लापरवाही सामने आई तो कार्रवाई की जाएगी।
तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। घटना से जुड़े साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं- ज्ञानंजय सिंह, डीसीपी सिटी