
📰 UPPCL में फिर घोटाले की गंध! गोरखपुर से बड़ा खेल उजागर
गोरखपुर-प्रथम क्षेत्र में स्मार्ट मीटर घोटाले का एक और मामला सामने आया है। बक्सरपुर नगरीय खंड के तहत WFM System ID से रिजेक्ट किए गए स्मार्ट मीटरों को सहायक अभियंता (मीटर) द्वारा QC-3 रिजेक्शन के बावजूद धांधली कर Approved कर दिया गया।
जांच में सामने आया कि अभियंता योगेन्द्र कुमार यादव (SAP ID-11000275) ने विभागीय सिस्टम ID का दुरुपयोग, गोपनीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ और सिस्टम में फर्जी एंट्री कर रिजेक्ट मीटरों को हेराफेरी से पास कर दिया।
👉 मुख्य बिंदु:
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17 और 18 सितम्बर को रिजेक्ट हुए मीटरों को गलत तरीके से Approved दिखाया गया।
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विभाग की गुप्त जानकारी लीक करने और फर्जीवाड़े में संलिप्त पाए जाने पर जांच बैठाई गई।
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AMISP की रिपोर्ट में भी 09PM से 12AM तक संदिग्ध गतिविधि दर्ज हुई।
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पूरे प्रकरण को गंभीर कदाचार मानते हुए अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।
⚡ सवाल यह उठता है—
जब सिस्टम ही भ्रष्टाचार में शामिल कर दिया गया है, तो उपभोक्ताओं की सुरक्षा और पारदर्शिता कैसे सुनिश्चित होगी?
क्या UPPCL में स्मार्ट मीटर सिर्फ “स्मार्ट घोटाला” साबित हो रहे हैं?
यह मामला विभागीय लापरवाही और संगठित भ्रष्टाचार का ताजा उदाहरण है, जिससे उपभोक्ताओं का भरोसा फिर डगमगा गया है।