
“हाईडिल परिसर में अवैध कब्जों का खेल: चेयरमैन ने दिए कार्रवाई के आदेश, लेकिन संरक्षण किसका?”
🧨 हाईडिल कॉलोनी में अवैध कब्जा, कार्यालय में गंदगी, खुली वायरिंग – व्यवस्था चरमराई, लेकिन चेयरमैन को उपभोक्ताओं की चिंता नहीं!
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष गोयल ने बरेली के रामपुर गार्डन कार्यालय में अचानक पहुंचकर विद्युत विभाग के लापरवाह सिस्टम की परतें खोल दीं। निरीक्षण के नाम पर केवल “फाइलें देखी गईं”, लेकिन उपभोक्ताओं की असली समस्याएं, फीडर ट्रिपिंग, ओवरलोड, बिलिंग गड़बड़ी और जनसुनवाई पूरी तरह नदारद रही।
⚡ हाईडिल कॉलोनी में अवैध कब्जे पर बिफरे चेयरमैन – लेकिन वर्षों से काबिज माफिया पर कार्रवाई कब?
चेयरमैन ने हाईडिल परिसर में अवैध कब्जा देखकर मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश को तत्काल हटाने के आदेश तो दिए, लेकिन सवाल यह है कि अब तक किसके संरक्षण में ये कब्जे फलते-फूलते रहे?
🏗 IPDS योजना में अधूरा स्काडा भवन – लाखों की योजना अधर में!
आधी-अधूरी योजनाएं, आधे बने भवन, लटकती तारें और बजट का बंदरबांट – यही है पावर कॉरपोरेशन की असली तस्वीर। चेयरमैन ने सिर्फ निरीक्षण किया, पर जवाबदेही तय करने की कोई बात नहीं हुई।
🔌 33/11 केवी वर्टिकल तक निरीक्षण – लेकिन बिजली आपूर्ति की असल हालत पर कोई सवाल नहीं!
बरेली शहर की जर्जर बिजली आपूर्ति, घंटों की कटौती, झूलते तार, जलते ट्रांसफॉर्मर – इन पर चेयरमैन ने चुप्पी साध ली। आखिर क्यों?
❌ जनता से दूरी – चेयरमैन को उपभोक्ताओं से मिलने में परहेज?
निरीक्षण के दौरान न कोई जन सुनवाई, न किसी उपभोक्ता की समस्या पर बात! सवाल यह उठता है कि क्या चेयरमैन सिर्फ अधिकारियों की सफाई देखने आए थे या बिजली उपभोक्ताओं की चीख-पुकार सुनने भी?
🧹 कार्यालय की गंदगी और बिजली वायरिंग से छलका भ्रष्टाचार का सच!
कार्मशियल कार्यालय में गंदगी, खुली वायरिंग, बेतरतीब फाइलें देखकर चेयरमैन को गुस्सा जरूर आया, लेकिन इन सबकी जिम्मेदारी तय क्यों नहीं की गई? क्या यह सब एक दिन में हुआ?
🔴 यूपीपीसीएल मीडिया न्यूज की दो टूक:
“सिर्फ औचक निरीक्षण से नहीं चलेगा, अब चाहिए ठोस कार्रवाई – वरना जनता का भरोसा बिजली विभाग से पूरी तरह टूट जाएगा!”
📣 सोशल मीडिया कैप्शन (X/FB):
“अधिकारियों की लापरवाही पर बिजली फूटी – लेकिन उपभोक्ता रहे निरीक्षण से गायब! बरेली में चेयरमैन का ‘औचक दौरा’ बना केवल दिखावा?”
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