
🔥 यूपीपीसीएल मीडिया की एक्सक्लूसिव स्पेशल रिपोर्ट…. ⚡ बदायूं में बिजली नहीं, घोटाला दौड़ रहा है! – ‘दबंग’ अखिलेश कुमार बना सिस्टम से बड़ा!
🚨 यह घोटाला नहीं, विभाग के मुंह पर करारा तमाचा है! यूपीपीसीएल अब चुप रहा, तो आने वाली पीढ़ियां यही कहेंगी – “भ्रष्टाचार जीता, और व्यवस्था शर्म से झुक गई।”
जब से अधीक्षण अभियंता अखिलेश कुमार की तैनाती बदायूं सर्कल में हुई है, विद्युत तंत्र खुद वेंटिलेटर पर है। बीते कुछ महीनों में 5 से अधिक पावर ट्रांसफार्मर ध्वस्त हो चुके, लेकिन न कोई पूछताछ, न कोई सस्पेंशन।
गारंटी पीरियड वाले नए ट्रांसफार्मर तक जल गए, इसका मतलब साफ है – खेल अंदर से शुरू होता है।
📍 5 से ज्यादा पावर ट्रांसफार्मर फुंक चुके
📍 गारंटी पीरियड वाला ट्रांसफार्मर तक ध्वस्त
📍 लाखों का नुक़सान – न जांच, न जवाबदेही
📍 सिस्टम चुप, विभागीय अफसर गूंगे-बहरों का रोल निभा रहे
🛑 ये सिर्फ ट्रांसफार्मर नहीं जले – ये ईमानदारी का दम घुटा है!
बदायूं सर्कल में अधीक्षण अभियंता अखिलेश कुमार पर इतने गंभीर आरोप हैं कि कोई भी जिम्मेदार सिस्टम होता, तो अब तक बड़ी कार्रवाई हो चुकी होती। लेकिन यहां तो मामला उल्टा है – अफसर राजा हैं और विभाग उनका गुलाम!
➡ 7-8 महीनों में लाखों के ट्रांसफार्मर उड़ गए, लेकिन न विभाग जागा, न चेयरमैन कार्यालय हिला।
➡ गारंटी पीरियड वाला ट्रांसफार्मर तक फेल हुआ, मतलब भ्रष्टाचार ने गुणवत्ता को पूरी तरह निगल लिया।
➡ अधिशासी अभियंता के. के. शर्मा ने रिपोर्टों में गड़बड़ी कर भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया, ताकि ‘साहब’ की इमेज को धूल न लगे।
🔥 जब रिपोर्टें बिकती हों, तो सिस्टम गूंगा हो जाता है!
“जनता अंधेरे में, ट्रांसफार्मर राख, और अफसरशाही की जेबें गर्म” – यही है आज बदायूं सर्कल की हकीकत। और सबसे बड़ा सवाल:
👇 चेयरमैन साहब, आप कब नींद से जागेंगे?
क्या अब भी अखिलेश कुमार पर विभागीय कार्रवाई नहीं होगी?
क्या यूपीपीसीएल की ईमानदारी को ऐसे ही जलने दिया जाएगा?
🧾 रिपोर्टों में हेराफेरी – के. के. शर्मा की ‘वफादारी’ या ‘साझेदारी’?
टेस्ट डिवीजन के अधिशासी अभियंता के. के. शर्मा ने तकनीकी रिपोर्टों को ‘तथ्य’ नहीं, हुक्म के अनुसार लिखा। लाखों का नुकसान जनता भुगते, लेकिन ‘साहब’ की चमक बनी रहे – इसी एजेंडे पर काम हुआ।
🧨 यूपीपीसीएल में एक ‘अघोषित सत्ता’ – नाम है अखिलेश कुमार!
आज आलम ये है कि अखिलेश कुमार पर उंगली उठाने की कोई हिम्मत नहीं करता। अधिकारी मौन हैं, फाइलें दब चुकी हैं, और चेयरमैन कार्यालय अब तक तटस्थ दर्शक बना बैठा है।
क्या यही है नया उत्तर प्रदेश? क्या यही है UPPCL का सिस्टम सुधार?
📢 हम पूछते हैं –
🔴 गारंटी ट्रांसफार्मर जलने की जिम्मेदारी किसकी?
🔴 क्या ट्रांसफार्मर आपूर्तिकर्ता और विभाग की मिलीभगत नहीं?
🔴 के. के. शर्मा पर कार्रवाई कब?
🔴 चेयरमैन साहब, क्या आपकी चुप्पी मंजूरी है इस भ्रष्टाचार की?
🚨 अब चुप्पी नहीं – कार्रवाई चाहिए!
“घोटाले पर पर्दा डालने वाले हर अफसर का नाम उजागर होना चाहिए।”
🚨 बदायूं सर्कल का ब्लैकआउट घोटाला
जब पूरा सिस्टम बिक गया, और चंद अफसर बन बैठे ‘ऊर्जा माफिया’!
🔸 7 महीने में 5 से ज़्यादा पावर ट्रांसफार्मर जल गए
🔸 न जांच, न रिपोर्ट, न किसी की जवाबदेही तय
🔸 नया ट्रांसफार्मर गारंटी में ही जल गया – लेकिन अफसरों की नींद नहीं टूटी!
🔸 के.के. शर्मा ने रिपोर्टों में हेराफेरी कर मामले को दबा दिया
🔸 अधीक्षण अभियंता अखिलेश कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप – फिर भी ‘फुल प्रोटेक्शन’ में
🧨 सवाल बड़ा है – अखिलेश कुमार से डरता है विभाग या उनके साथ बंधा है?
अखिलेश कुमार आज विभाग में अफसर नहीं, ’सत्ता के लाडले’ और ‘अघोषित राजा’ बन चुके हैं। जिनकी करतूतों को छिपाने के लिए पूरा विभाग ढाल बना हुआ है। जब ट्रांसफार्मर जलते हैं, तो
➡ जनता अंधेरे में जाती है
➡ करोड़ों का सरकारी नुकसान होता है
➡ और कुछ लोग जेबें गर्म कर लेते हैं
🔍 फर्जीवाड़े का फुल प्लान तैयार था:
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ठेकेदारों से सेटिंग
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घटिया सामान की खरीद
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रिपोर्टों में गड़बड़ी
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दोषियों को बचाने की प्लानिंग
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विभागीय अधिकारियों की चुप्पी
📸 हमारे पास हैं सबूत, फोटोज, रिकार्ड्स और प्रत्यक्षदर्शी बयान – जल्द सार्वजनिक होंगे
(📷 ट्रांसफार्मर की राख बन चुकी यूनिट्स की ग्राउंड फोटोज़
📄 विभागीय पत्राचार जो दबा दिया गया
🗣️ ग्रिडकर्मियों के गुमनाम बयान: “हमें ऊपर से मना किया गया रिपोर्ट देने को…”)
🛑 अब सवाल नहीं, ACTION चाहिए!
📢 क्या चेयरमैन अखिलेश कुमार पर निलंबन की कार्रवाई करेंगे?
📢 क्या विभाग CVO जांच बैठाएगा?
📢 क्या जनता को मुआवज़ा मिलेगा?
📢 या फिर यह मामला भी किसी फाइल में दफन हो जाएगा?
🔴 यूपीपीसीएल मीडिया की चेतावनी
“अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरे प्रदेश में जनता के बीच चलेगा सत्य उजागर अभियान!”
✍️ प्रस्तुतकर्ता: यूपीपीसीएल मीडिया बैनर | जनता की बिजली, जनता का हक़
📸 दस्तावेज़, सबूत और जनता की आवाज़ जल्द सामने!
✍️ रिपोर्ट: यूपीपीसीएल मीडिया जनहित में सच्चाई के साथ |जनता के सवालों की बिजली
📞 सम्पर्क: जांच के साक्ष्य साझा करने के लिए हमसे जुड़ें