
गाजियाबाद। एक माह में जिले में 202 ट्रांसफार्मर फुंक गए, लेकिन किसी अवर अभियन्ता और उपखण्ड अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई। गर्मी शुरू होने से पहले ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा था कि यदि कोई ट्रांसफार्मर फुंकता है तो जिम्मेदार उपखण्ड अधिकारी और अवर अभियन्ता पर कार्रवाई की जाएगी। 31 दिन में सिर्फ जोन दो में 145 ट्रांसफार्मर फुंके हैं। जोन एक और तीन में मई में 57 ट्रांसफार्मर जल गए। इस वजह से मई की भीषण गर्मी में लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ा।
गर्मी में लोगों को बिजली संकट से परेशानी न झेलनी पड़े, इसके लिए शासन ने ओवरलोड ट्रांसफार्मर की क्षमतावृद्धि के आदेश दिए थे, ताकि किसी भी हाल में ट्रांसफार्मर न फुंके और लोगों को बिजली संकट न झेलना पड़े। इसके लिए 2024-25 में करोड़ों रुपये भी जारी किए गए, अधिकारियों ने इस धनराशि से ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि भी की, लेकिन इसके बाद भी स्थिति काफी खराब है।
वर्कशॉप के आंकड़ों के मुताबिक 250 केवीए क्षमता तक के प्रतिदिन करीब 18 ट्रांसफार्मर मरम्मत के लिए वर्कशॉप लाए जा रहे हैं। जबकि मार्च से अप्रैल माह में यह आंकड़ा केवल 10 से 12 प्रतिदिन था। 250 केवीए से अधिक क्षमता के प्रतिदिन छह से आठ ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं, जिन्हें या तो मौके पर ही ठीक किया जाता है, अन्यथा की स्थिति में कंपनी की ओर से बदल दिया जाता है।