
लखनऊ। बिजली विभाग में संविदा कर्मियों से लेकर अधिक्षण अभियन्ता स्तर तक फेरबदल का खाका तैयार कर लिया गया है। तबादला नीति और नियमों के तहत इसी माह में तबादले किए जाएंगे, जिनमें अब हफ्ते भर का वक्त और बचा है।
पावर कार्पोरेशन के एक निदेशक ने नाम न प्रिंट करने की शर्त पर बताया कि जो अधिक्षण अभियन्ता कार्पोरेशन में कई वर्षों से तैनात है या विभिन्न डिवीजनों की चार्ज ग्रहण कर चुके हैं, उनके बाबत सूचनाएं भेजी जा रही हैं। वे सिर्फ कार्पोरेशन स्तर तक ही फेरबदल जोन-स्तर पर कर सकते हैं। बिजली व्यवस्था की चुस्त दुरुस्त करने एवं तबादला नीतियों के तहत फेरबदल करना जरुरी माना जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक विभाग में आधे दर्जन अभियंता वर्षो से जोन में कार्यरत होने से दायरे में आ रहे हैं। इनमें उपखंड अधिकारी व अवर अभियंताओं को उनके कार्यकाल के हिसाब से सूचीबद्ध किया गया है। इसी तरह कर्मियों की उनके पदों के हिसाब से सूची बनाई गई है। विभाग में सभी की निगाहें जोन कार्यालय की ओर टिक गई है। विभाग में बड़े पैमाने पर फेरबदल होने की सूचना से अभियंता व कर्मी हलकान भी है। हालांकि कार्पोरेशन के अघ्यक्ष के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए योजनाओं की समीक्षा के दौरान तबादला नीति को सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं।
नीतियों के साथ राजस्व जुटाने के बीच उलझा है विभाग
प्रचंड गर्मी और उमस के बीच कटौती और दुश्वारियों को लेकर एक तरफ बिजली विभाग लोगो के निशाने पर है। वहीं तबादला नीतियों और राजस्व जुटाने को लेकर पूरा विभाग उलझा हुआ है। शहरी क्षेत्र के संवेदनशील बड़गांव इलाके में बीते एक वर्ष से अभी तक अवर अभियंता की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। वर्तमान समय में हालात यह है किकई जगह छह उपकेन्द्रों की देखरेख महज दो से तीन अवर अभियंताओं के द्वारा की जा रही है। सम्बन्धित अधिकारी अपने डिस्कॉम से कई महीनों से अवर अभियंताओं की मांग की जा रही है, लेकिन मिल नहीं सके। इससे राजस्व अदायगी भी प्रभावित हो रही है।