
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मंगलवार को 29261 मेगावाट बिजली आपूर्ति के साथ नया रिकॉर्ड बन गया है, लेकिन कई जिलों में कटौती का दौर जारी है, जिसको लेकर कई जगह उपभोक्ता रोड़ पर आ गये है। शहरी इलाके में रात्रिकालीन स्थानीय फॉल्ट से उपभोक्ता परेशान हैं। बिजली कर्मियों का कहना है कि अधिक लोड होने की वजह से यह समस्या आ रही है।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल नें प्रदेश के सभी प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया कि गर्मी से परेशान जनता को उनकी मांग के अनुसार बिजली उपलब्ध कराएं। उन्होंने मध्यांचल, पश्चिमांचल, दक्षिणांचल, पूर्वांचल एवं केस्को के अधिकारियों से क्षेत्रवार जानकारी ली। उत्तर प्रदेश में 24 मई को 29147 मेगावाट आपूर्ति का रिकॉर्ड बना था, लेकिन मंगलवार को पीक ऑवर में मांग 29261 मेगावाट पर पहुंच गई। इसके निरंतर बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में निर्देश दिया कि ओवरलोडिग, क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को लेकर अलर्ट रहें।
राजधानी लखनऊ में रात्रिकालीन कटौती की वजह से लगातार बवाल हो रहा है। विभागीय अधिकारी इसे लोकल फॉल्ट का नाम दे रहे हैं। इसी तरह प्रयागराज, जौनपुर, रायबरेली, देवरिया, औरैया, इटावा, बांदा, बुलंदशहर सहित अन्य जिलों में भी उपभोक्ताओं के सड़क पर उतरने की सूचना है। उपभोक्ताओं का कहना है कि वे भार के अनुसार बिजली बिल हर माह भुगतान कर रहे हैं। इसके बाद भी उमसभरी गर्मी में बिजली न मिलने से बेहाल हैं।
ऊर्जा क्षेत्र को देख रहे एक वरिष्ठ पत्रकार के अनुसार यूपीएसएलडीसी के कागजों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया गया है, जबकि धरातल पर ज्यादातर जिलों में बिजली गुल है। इसकी प्रमुख वजह पिछले दो साल में लगभग 80000 से अधिक किलोमीटर में लगे निम्न गुणवत्ता के बंच कंडक्टर हैं। यदि गुणवत्ता अच्छी होती तो बिजली चोरी और विद्युत दुर्घटना पर अंकुश लग सकता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि हर दिन स्थानीय फाल्ट के मामले में 20 से 25 प्रतिशत केस बंच कंडक्टर के हैं। दूसरी तरफ जिन स्थानों पर पुराने बंच कंडक्टर लगे हैं, वहां इस तरह की घटनाएं नहीं हो रही हैं। यहीं हाल अंडरग्राउंड केबिल का भी है।
सम्पूर्ण प्रदेश में हर दिन बिजली की मांग प्रतिदिन बढ़ ही रही है, 27 मई को पूरे दिन में 64.20 करोड़ यूनिट की विद्युत आपूर्ति की गई है, जो नया कीर्तिमान है। 18 मई को एक दिन की आपूर्ति 58.80 करोड़ यूनिट थी। गर्मी में विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन मांग बढ़ेगी। ऐसे में ऊर्जा निगम प्रबंधन के नेतृत्व में उत्पादन निगम, ट्रांसमिशन एवं वितरण निगमों में समस्त अभियंताओं को एकजुट होकर तत्परता दिखानी होगी।