पुलिस के गिरफ्त से बाहर है गबन के आरोपी रोकड़िया अजय कुमार वर्मा अजय कुमार वर्मा… विभाग ने निलंबन कर दर्ज कराया मुकदमा पंजीकृत

लखनऊ। विद्युत नगरीय वितरण खंड महानगर, लेसा में रोकड़िया के पद पर कार्यरत कार्यकारी सहायक अजय कुमार वर्मा का 18 दिन के कैश कलेक्शन के ₹5255422.00 रुपये लेकर अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर चंपत हो गया। वह दो दिन कार्यालय नहीं आया और रकम भी जमा नहीं हुई तो अधिशासी अभियंता सहित लेखा इकाई के कर्मियों में हड़कंप मच गया। उपरोक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को निलंबित करते हुए अलीगंज थाना में गबन की जानकारी देते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है। उसके साथ ही उसके घर पर नोटिस भी चस्पा किया गया है।रोकड़िया अजय कुमार वर्मा के परिजन पहले ही थाना गाजीपुर में गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज कर चुके हैं।

विद्युत नगरीय वितरण खण्ड, महानगर, लेसा ट्रांस गोमती के अन्तर्गत कार्यरत रोकड़िया अजय कुमार वर्मा, की बिना सूचना के कार्यालय से गायब रहने एवं बैंक में भूकंप का पैसा न जमा करने की घटना से महानगर डिवीजन सहित संपूर्ण लेसा में हड़कंप बचा हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिशासी अभियंता इंजीनियर भविष्य कुमार सक्सेना द्वारा रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को दिनांक 18.04.2024 को अपने केबिन में बुला कर निर्देशित किया गया कि यदि आज लम्बित कैश जमा कराते हुए कैशबुक पूर्ण नहीं किया जायेगा, तो आपके विरूद्ध सुसंगत धाराओं में एफआईआर कराते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी जायेगी, जिस पर लेखाधिकारी अजय कुमार वर्मा द्वारा आश्वस्त किया गया कि बैंक में लम्बित धनराशि जमाकराकर शाम तक कैशबुक पूर्ण कर ली जायेगी।

इसके कुछ देर के बाद महानगर डिवीजन, लेसा में इंटरनल ऑडिटर ऑडिट करने के लिए पहुंच गए। ऑडिटर के आने के अपराध अधिशासी अभियंता इंजीनियर भविष्य कुमार सक्सेना ने पुनः रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को ऑडिटर आने की जानकारी देते हुए अपने केबिन में बुलाया जिस पर रोकड़िया अजय कुमार वर्मा ने पैसा जमा करने की बात को करते हुए बैंक में होने की सूचना दी, जिस पर अधिशासी अभियंता ने संबंधित रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को पैसा जमा करके तत्काल महानगर डिवीजन पहुंचने के लिए निर्देशित किया। कुछ देर उपरांत अधिशासी अभियंता ने फिर से रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को जल्दी कार्यालय पहुंचने के लिए फोन किया, तो रोकड़िया का मोबाइल स्विच ऑफ मिला। रोकड़िया अजय कुमार वर्मा उस दिन शाम तक कार्यालय वापस नहीं लौटे तथा मोबाईल भी स्विच ऑफ रहा।

इसके उपरांत रोकड़िया अजय कुमार वर्मा अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दिए बगैर अपने मूल तैनाती स्थल पर ना आकर दिनांक 19.04.2024 को खण्ड कार्यालय में न आकर विद्युत नगरीय वितरण उपखण्ड, महानगर जाकर कैश काउण्टर से दिनांक 16.04.2024 से 19.04.2024 की प्रथम पाली में उपभोक्ताओं की ओर से जमा किए गए बिल की रकम बैंक में विभागीय खाते में जमा करने हेतु निकल गये, परन्तु उनके द्वारा इस धनराशि को भी बैंक में जमा नहीं की गयी। इसके उपरांत तब से लेकर आज तक मोबाईल स्विच ऑफ रहने के कारण खण्ड कार्यालय से कोई सम्पर्क नहीं रहा ।

मामले की गंभीरता को देखते हुए दिनांक 20.04.2024 को बैंक का स्टेटमेन्ट निकालने पर दिनांक 16.04.2024 के बाद कोई धनराशि जमा न होने की सूचना मिलने पर बिना अनुमति के कार्यालय से अनुपस्थित होने एवं मोबाईल स्विच ऑफ होने पर अधिशासी अभियंता द्वारा पत्रांक 711, दिनांक 20.04.2024 द्वारा दो दिन में कार्यालय में उपस्थित होने हेतु निर्देशित किया।

रोकड़िया अजय कुमार वर्मा द्वारा दिनांक 22.04.2024 तक कार्यालय में उपस्थित न हाने पर अधिशासी अभियंता द्वारा पत्रांक 716, दिनांक 22.04.2024 द्वारा दिनांक 23.04.2024 तक कार्यालय में उपस्थित होने हेतु नोटिस दी गयी, जिसमें यह उल्लिखित किया कि यदि दिनांक 23.04.2024 तक रोकड़िया अजय कुमार वर्मा कार्यालय में उपस्थित नहीं होते तो उनके विरूद्ध सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करा दी जायेगी, जिसे उपखण्ड अधिकारी, महानगर के माध्यम से रोकड़िया अजय कुमार वर्मा के घर पर चस्पा कराया गया।

महानगर डिविजन, लेसा के अधिशासी अभियंता इंजीनियर भविष्य कुमार सक्सेना द्वारा दिनांक 22.04.2024 को उपरोक्त प्रकरण में रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को तत्काल निलम्बित करते हुए इनके विरूद्ध विभागीय नियमानुसार जॉच की कार्यवाही किये जाने की संस्तुति अधीक्षण अभियंता इंजीनियर दीपक कुमार से की गयी, जिसके क्रम में अधीक्षण अभियंता इंजीनियर दीपक कुमार द्वारा पत्रांक 1496, दिनांक 23.04.2024 द्वारा रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को गबन करने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया।

दिनांक 23.04.2024 को महानगर डिवीजन, लेसा अधिशासी अभियंता इंजीनियर भविष्य कुमार सक्सेना द्वारा कार्यालय के पत्र संख्या 721, दिनांक 23.04.2024 के माध्यम से थानाध्यक्ष, थाना अलीगंज में प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आवश्यक कार्यवाही की गयी। जिसके क्रम में उप निरीक्षक पुलिस द्वारा महानगर डिविजन कार्यालय में फरार रोकड़िया अजय कुमार वर्मा के बारे में पूछताछ की गयी ।

क्या है पूरा मामला

विद्युत नगरीय वितरण खंड महानगर, लेसा में रोकड़िया के पद पर कार्यरत अजय कुमार वर्मा दिनांक 19.04.2024 से कार्यालय से बिना किसी सूचना के कार्यालय से अनुपस्थित चल रहे हैं और सहायक लेखाकार ने एक पत्र दिनांक 22.04.2024 के माध्यम से अधिशासी अभियंता महानगर डिविजन को अवगत कराया है कि लेखाधिकारी अजय कुमार वर्मा द्वारा दिनांक 19.04.2024 को महानगर उपखण्ड कार्यालय स्थित कैश काउण्टर से दिनांक 01.04.2024 से दिनांक 18.04.2024 तक के प्राप्त धनराशि लगभग रू0. 9724464.00 होती है, को रोकड़िया अजय कुमार वर्मा कार्यकारी सहायक द्वारा बैंक में मात्र 4469042.00 ही जमा किया गया है। रोकड़िया अजय कुमार वर्मा के पास अभी भी लगभग रू0. 5255422.00 बैंक में जमा किया जाना अवशेष है, जिसे उनके द्वारा बैंक में जमा किया जाना अनिवार्य है।

उसके उपरांत रोकड़िया अजय कुमार वर्मा से कई बार सम्पर्क स्थापित किये जाने के प्रयास किये गये, परन्तु मोबाईल बन्द होने के कारण उनसे सम्पर्क स्थापित नहीं हो सका, उस दिन से आज तक रोकड़िया अजय कुमार वर्मा का मोबाईल नम्बर लगातार बंद बता रहा है। जिसके उपरांत कार्यालय द्वारा इस कार्यालय पत्रांक संख्या 716, दिनांक 22.04.2024 द्वारा रोकड़िया अजय कुमार वर्मा के आवास सी-1071 / 1 के सामने, गाजीपुर, इन्दिरानगर, लखनऊ पर नोटिस भी उपखण्ड अधिकारी, महानगर के माध्यम से चस्पा करा दी गई। इसके बाद अधिशासी अभियंता इंजीनियर भविष्य कुमार सक्सेना ने 22.04.2024 को उसे निलंबित करने की संस्तुति करते हुए अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार को पत्र भेजा, इसको संज्ञान में लेते हुए 23.04.2024 को अधीक्षण अभियंता ने रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को निलंबित कर दिया।

मामला प्रकाश में आने के बाद उपरोक्त प्रकरण में रोकड़िया अजय कुमार वर्मा पुत्र स्व0 बुद्धराम, निवासी: सी-1071/1 के सामने, गाजीपुर, इन्दिरानगर, लखनऊ (मो0नं0 6307806207) के विरूद्ध सुसंगत धारा में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई।

पहले भी कर चुका है इस प्रकार का गबन

रोकड़िया अजय कुमार वर्मा इसके पूर्व कार्यस्थल में इस प्रकार का गबन लगभग 6.5 लाख से अधिक का पहले भी कर चुके है, उस वक्त संबंधित अधिकारी रोकड़िया अजय कुमार वर्मा के इस अपराध को इतना गंभीर नहीं माना कि मुकदमा पंजीकृत कर सके यहां तक इस मामले में उनका निलंबित भी नहीं किया। मामला खुलने के बाद भी प्रकरण को रफादफा कर रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को गबन की रकम किस्तों में जमा करने का अवसर दिया गया। विभाग ने रोकड़िया अजय कुमार वर्मा के वेतन से ₹3500 प्रतिमाह काटना प्रारंभ भी कर दिया, जिसके कारण लगभग 2.5 लाख रुपए विभाग को वापस मिल भी गए हैं, रोकड़िया अजय कुमार वर्मा पर अभी भी 4.50 लाख रुपये की देनदारी है।

पहले भी हो चुका हैं निलंबन

रोकड़िया अजय कुमार वर्मा अपनी शादी के उपरांत पत्नी विवाद से काफी परेशान रहते थे जिसके कारण अक्सर अपनी ड्यूटी से नदारत रहते थे, जिसको देखते हुए कर के प्रति लापरवाही के कारण उनको निलंबित भी किया गया था।

सर्विस बुक है लापता

रोकड़िया अजय कुमार वर्मा महानगर डिवीजन में स्थानांतरण होने के बाद आज तक उनका सर्विस बुक पुराने डिवीजन से आ ही नहीं पाया, जिसके कारण उनका कोई इंक्रीमेंट लगा ही नहीं। सर्विस बुक को लेकर महानगर डिवीजन के अधिशासी अभियंता ने पूर्व तैनाती डिवीजन के अधिशासी अभियंता से पत्र व्यवहार भी किया है।

यूपीपीसीएल मीडिया ने जब पूर्व कार्य स्थल डिवीजन के अधिशासी अभियंता से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए तो उन्होंने बताया कि अभी 2 दिन पूर्व ही महानगर डिवीजन को सर्विस बुक भेज दी गई है, जबकि महानगर डिवीजन के अधिशासी अभियंता के अनुसार अभी तक सर्विस बुक प्राप्त नहीं हुई है।

सहायक लेखाकार भी संदेह के दायरे में

विद्युत नगरीय वितरण खंड महानगर, लेसा में कार्यरत रोकड़िया अजय कुमार वर्मा का 18 दिन के कैश कलेक्शन के ₹5255422.00 रुपये लेकर अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर चंपत होने संबंधी प्रकरण में सहायक लेखाकार सोनिल गुप्ता की भूमिका भी संदेश के दायरे में है।

इस सन्दर्भ में सोमिल गुप्ता, सहायक लेखाकार के द्वारा विभागीय कार्यों में बरती गयी शिथिलता के कराण हुई राजस्व की क्षति के लिये अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में अधिशासी अभियन्ता महानगर ने अधीक्षण अभियंता, विद्युत नगरीय वितरण मण्डल – षष्टम्, लेसा ट्रांस गोमती, लखनऊ को एक पत्र भी लिखा है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक रोकड़िया अजय कुमार वर्मा ने उपरोक्त गबन धीरे-धीरे किया है। जैसे कि यदि एक लाख बैंक में जमा करना है तो वह ₹80000 जमा करता था या फिर 500000 जमा करना होता था,तो 4 लाख जमा करता था… यह जानते हुए कि रोकड़िया अजय कुमार वर्मा ने कभी भी पूरा पैसा बैंक पर जमा किया ही नहीं… तो समय रहते इस प्रकार की जानकारी अपने अधिशासी अभियंता इंजीनियर भविष्य कुमार सक्सेना को क्यों नहीं उपलब्ध कराई, यदि समय रहते इस प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो जाती तो आज इतनी बड़ी धनराशि के गबन होने की संभावना न के बराबर होती है।

रोकड़िया अजय कुमार वर्मा हमेशा उपभोक्ताओं का पैसा बैंक में जमा करने के लिए बगैर किसी सुरक्षा के अकेले ही बैंक जाता था जिसकी जानकारी सहायक लेखाकार को थी, लेकिन कभी भी उसने अपने उच्च अधिकारियों को इस तथ्य से अवगत नहीं कराया।

महानगर डिविजन में रोकड़िया के पद पर कार्यरत् अजय कुमार वर्मा, कार्यकारी सहायक के दिनांक 19.04.2024 से कार्यालय से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित होने एवं राजस्व वसूली की धनराशि लगभग रुपया 53.00 लाख के गबन में सहायक लेखाकार सोमिल गुप्ता द्वारा अपने विभागीय दायित्वों का ससमय निर्वहन न करने एवं राजस्व संग्रह जैसे संवेदनशील कार्यों में शिथिलता बरतने के कारण हुई राजस्व हानि का आरोप है।

मुख्य रोकड़िया द्वारा खण्ड के अन्तर्गत संचालित बिल संग्रह केन्द्रो से प्राप्त धनराशि का दैनिक मिलान, रोकड़ बही में अंकित कराना एवं बैंक में जमा कराने के कार्य की दैनिक निगरानी में शिथिलता के कारण रोकडिया के द्वारा किये गये गबन में सहायक लेखाकार सोमिल गुप्ता प्रथम दृष्टया दोषी प्रतीत हो रहे है।

मेन कैशबुक माह सितम्बर 2023 तक ही पूर्ण है, जिसका दायित्व इनके द्वारा पूर्ण नही किया गया है। बँक रिकन्सीलेशन बनाने का कार्य सहायक लेखाकार सोमिल गुप्ता के विरुद्ध विभागीय नियमानुसार कार्यवाही किये जाने की संस्तुति की जाती है।

खबर यह भी मिल रहा है रोकड़िया अजय कुमार वर्मा एवं सहायक लेखाकार सोनिल गुप्ता आपस में मिलकर उपभोक्ताओं के रुपए को ब्याज पर देने का काम करते है, और आज भी एक दूसरे के संपर्क में है …हालांकि अभी इस संदर्भ में कोई सबूत यूपीपीसीएल मीडिया को प्राप्त नहीं हुआ है, यूपीपीसीएल मीडिया द्वारा दोनों की कॉल डिटेल्स प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है। डिटेल्स प्राप्त होने के बाद इस विषय पर खुलासा किया जाएगा।

कैसे हो अधिशासी अभियंता के प्रति जिम्मेदारी तय

विद्युत नगरीय वितरण खंड महानगर, लेसा में इंजीनियर भविष्य कुमार सक्सेना ने 16 फरवरी 2024 को अधिशासी अभियंता के पद की जिम्मेदारी संभाली, तब से लेकर आज तक लगभग 2 माह से अधिक का समय व्यतीत होने के उपरांत भी आज तक पूर्व अधिशासी अभियंता द्वारा कैश चेस्ट की जिम्मेदारी हस्तानांतर नहीं किया गया है, जो कार्यभार ग्रहण करने के समय ही हो जाना चाहिए, वह काम दो माह से अधिक का समय व्यतीत होने के बाद भी नहीं हो पाया, इसको लेकर अधिशासी अभियंता इंजीनियर भविष्य कुमार सक्सेना ने अपने अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार को पत्र भेज क्या आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही, इसके उपरांत भी आज तक पूर्व अधिशासी अभियंता द्वारा वर्तमान अधिशासी अभियंता को काश चेस्ट की जिम्मेदारी नहीं हस्तनंत्रण किया गया… इस परिस्थिति में किस प्रकार से इस गबन के प्रति जिम्मेदारी इंजीनियर भविष्य कुमार सक्सेना के प्रति तय की जाए।

हमारे नजर में स्थानांतरण करने वाला अधिकारी है जिम्मेदार

यूपीपीसीएल मीडिया के नजर में उपरोक्त गबन प्रकरण में रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को  महानगर डिवीजन में स्थानांतरण करने वाले अधिकारी ही दोषी है।

रोकड़िया अजय कुमार वर्मा द्वारा तैनाती स्थल पर गबन करने के उपरांत बहाल होने के कार्यालय ज्ञाप पत्र के साथ-साथ उनकी सर्विस बुक पर साफ-साफ दर्शाया गया है कि भविष्य में अजय कुमार वर्मा से वित्तीय संबंधी जिम्मेदारी न ली जाए… तो किस आधार पर एक बार फिर से रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को महानगर डिवीजन में लेखा अधिकारी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई।

स्थानांतरण करने की पूर्व यदि इस रिमार्क को संज्ञान में ले लिया गया होता, तो आज इतनी बड़ी धनराशि को गबन होने से बचा पाते। यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है है कि जिस कर्मचारी की सत्यनिष्ठा पहले से संदिग्ध थी, उसे यह काम क्यों सौंपा गया?

क्या कहते हैं मुख्य अभियंता इंजीनियर सुनील कपूर

मुख्य अभियंता लेसा ट्रांस गोमती इंजीनियर अनिल कपूर ने बताया कि अधीक्षण अभियंता इंजीनियर दीपक कुमार को एक जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच कमेटी रिपोर्ट आने पर अधिकारियों की लापरवाही पाई जाएगी, उन्हें निलंबित किया जाएगा।

क्या कहते हैं अधीक्षण अभियंता इंजीनियर दीपक कुमार

रोकड़िया अजय कुमार वर्मा द्वारा गबन प्रकरण में जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है जिसमें मुख्य अभियंता (वितरणत) कार्यालय में तैनात अधिशासी अभियंता इंजीनियर विशाल बर्मा को जांच समिति अध्यक्ष एवं कार्यालय उप मुख्य लेखा अधिकारी (वितरण) पवन कुमार मित्तल को सदस्य बनाया है। रोकड़िया अजय कुमार वर्मा को निलंबित करके उनके आवास पर इस संदर्भ में नोटिस चस्पा करा सुसंगत धारा में मुकदमा पंजीकृत करा दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी

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