मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक भवानी सिंह खगारौत की अध्यक्षता में पहली बार लेसा के समस्त जोन के अधिकारियों सहित सभी उपखण्ड अधिकारीयों एवं अवर अभियन्ताओं द्वारा किये गये राजस्व सम्बन्धीकार्यो एवं अन्य विद्युत सप्लाई सम्बन्धी कार्यों की समीक्षा की गयी।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक भवानी सिंह खगारौत ने अपने कार्यकाल में पहली बार लिए गये समीक्षा बैठक में ट्रू-रेट एवं टर्न-अप बढ़ाने सम्बन्धित निर्देश, एमआरआई बिलिंग करने के सम्बन्धित निर्देश, उपभोंक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने के सम्बन्धित निर्देश के साथ-साथ उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने जैसे महत्पवूर्ण बिन्दुओं पर समीक्षा के साथ साथ राजस्व वसूली में सुधार नहीं होने पर कठोरतम प्रशासनिक कार्यवाही के लिए तैयार रहे की अभियन्ताओं को चेतावनी भी दी।
समीक्षा बैठक में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक भवानी सिंह खगारौत ने लखनऊ के लेसा सिस गोमती (प्रथम/द्वितीय जोन) एवं लेसा ट्रांस गोमती (प्रथम/द्वितीय जोन) जोन के विगत वर्ष 2022-23 के सापेक्ष वर्ष 2023-24 में ट्रू-रेट में कमी एवं वितरण हानियों में बढ़ोत्तरी के कारण अवर अभियन्ता/उपखण्ड अधिकारी के कार्यों की समीक्षा कर निर्देशित किया कि यदि उनके विद्युत उपसंस्थान की मई माह के अन्त तक राजस्व वसूली के पैरामीटर्स में गुणात्मक सुधार नही होता है, तो उस परिपेक्ष्य में उनके विरूद्ध कठोरतम प्रशासनिक कार्यवाही की जायेगी।
बिलिंग की समीक्षा के दौरान मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक भवानी सिंह खगारौत ने उपस्थित इंजीनियरों को कहा कि जिस खण्ड/विद्युत उपसंस्थान का बिलिंग प्रतिशत कम रहा है, वह प्रत्येक दशा में शतप्रतिशत बिलिंग करना सुनिश्चित करें।
यदि किसी खण्ड/विद्युत उपसंस्थान द्वारा विद्युत उपकरण पर अनुरक्षण कार्य कराया जा रहा है, तो उसकी पूर्व सूचना उपभोक्ताओं को समय से देना सुनिश्चित करें।
समीक्षा बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि अधिकारी अपने क्षेत्र के परिवर्तकों का निरीक्षण कर ऐसे परिवर्तकों को चिन्हित करें, जिनमें कोई कमी है, तो उनपर आवश्यक कार्यवाही तत्काल करवाना सुनिश्चित करें, ताकि परिवर्तकों को क्षतिग्रस्तता से बचाकर बेहतर विद्युत आपूर्ति की जा सकें।
इसी क्रम यह भी निर्देश दिये गये यदि कोई परिवर्तक क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो उसे तत्काल ठीक किया जाये।
इस अवसर पर निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार द्वारा भी गत वर्ष के सापेक्ष प्रत्येक अवर अभियन्ता, उपखण्ड अधिकारी एवं अधिशासी अभियन्ता के वाणिज्य कार्यों का विश्लेषण करते हुए उन्हें आगाह किया कि वह आगामी 30 दिनां के अन्दर अपनी स्थिति में गुणात्मक सुधार लायें।