
मुरादाबाद। विवेकानंद बिजली घर से कुछ ही दूरी पर 33 केवीए लाइन का जम्फर जोड़कर नीचे उतर रहे संविदाकर्मी संजीव कुमार मौर्या की लो टेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। संविदाकर्मी संजीव की मौत की खबर के बाद परिजन मौके पर पहुंच गए थे और बिजली घर पर परिजनों ने जमकर हंगामा काटा था और आरोपी के खिलाफ कारवाई और परिवार के सदस्य को नौकरी वा मुआवजे की मांग की थी। मौके पर पहुंची पुलिस और विद्युत विभाग के आला अधिकारियों ने गुस्साई भीड़ को समझा बुझाकर मांगें पूरी करने का आश्वासन भी दिया था। जिसके बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हो गए थे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। परिजनों की मांग पर विभाग की तरफ से मृतक के परिवार को एक लाख रुपए भी दे दिए गए थे।
इस घटना के बाद मृतक संजीव के बड़े भाई अनिल कुमार का दावा कि जिस दिन ये हादसा हुआ, उस दिन उनके भाई संजीव की ड्यूटी ही नही थी। उन्हे अवर अभियन्ता ने जबरन कार्य करने के लिए बुलाया और ऑफ ड्यूटी हादसे वाली जगह पर काम करवा रहे थे। इतना ही नही उन्होंने बताया कि ये हादसा हुआ उस बिजली घर पर उनके भाई की ड्यूटी भी नही थी। उन्होंने बताया की उनके भाई की ड्यूटी पीटीसी बिजली घर पर नाइट में थी, जबकि विवेकानद बिजली घर उन्हे जबरन काम के लिए बुलाया गया।

उन्होंने बताया की उनके भाई के साथ गए हेल्पर से उनकी बात हुई थी हेल्पर ने बताया था कि जब उनके भाई लाइन पर काम कर रहे थे, तब अवर अभियन्ता ने सिर्फ तीन मिनट का शट डाउन लिया था। तीन मिनट में काम पूरा नहीं हुआ और शट डाउन बिना कार्य कर रहे संविदाकर्मी से जानकारी लिए वापस कर दिया गया। तभी नीचे उतरते समय बराबर में लगे एलटी लाइन से टकराए और करंट लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई। अनिल कुमार ने अपने भाई की मौत का जिम्मेदार अवर अभियन्ता को ही जिम्मेदार ठहरा रहा है। उन्होंने कहा की जब उनके भाई की ड्यूटी ऑफ़ हो गई थी, तब दूसरे बिजली घर क्यों बुलाया गया?
हालांकि अवर अभियन्ता शिव कुमार मौर्य मृतक के भाई अनिल कुमार के आरोपों को सिरे से नकार रहे हैं। उनके मुताबिक मृतक संजीव कुमार ने लाइन पर काम करते समय लो लाइन का शट डाउन ही नही लिया था। उनके मुताबिक बिजली घर पर तैनात किसी भी कर्मी को दूसरे बिजली घर काम के लिए भेजा जा सकता है। जिस समय मृतक संजीव कुमार काम करने थे वो समय उनकी ड्यूटी का ही था।
फिलहाल इस घटना के बाद विद्युत विभाग के लगभग सभी आला अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं और यहां तक किसी पत्रकार का फोन रिसीव कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
बिजली विभाग की लापरवाही ने ली संविदाकर्मी की जान, बिजलीघर पर डेडबॉडी रखकर किया हंगामा
दूसरे पावर हाउस पर तैनात संविदा कर्मी, जो कि लाइन मैन का कार्य देखता है, अवर अभियन्ता ने घर जा चुके लाइन मैन को 33केवीए की लाइन पर जम्फर जोड़कर नीचे उतर रहा था। तभी बराबर से जा रही लो टेंशन लाइन की चपेट में आने से करंट की चपेट में आ गया, जिससे वो बुरी तरह झुलस गया और उसकी मौत हो गई।
परिजनों को जैसे ही घटना की सूचना मिली तुरंत परिजन घटनास्थल पहुंचे। जहां मालूम हुआ की जिस 33केवीए पर संविदाकर्मी काम कर रहा था। उसकी बराबर से गुजर रही लो टेशन लाइन का शट डाउन नहीं लिया गया था। जिसकी वजह से ये हादसा हुआ। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने मृतक संविदाकर्मी का शव विवेकानंद बिजली घर पर रखकर हंगामा शुरू कर दिया। दुखी परिजनों ने मृतक संजीव कुमार मौर्या के शव को बिजली घर पर रखने के बाद लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही और मृतक को दस लाख का मुआवजा देने और परिवार के सदस्य को नौकरी की मांग करने लगे, बाद में गुस्साए परिजनों को समझने के लिए पुलिस के आला अधिकारी और विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच कर मृतक के परिजनों को समझने की कोशिश की, हर मुमकिन मदद का आश्वासन दिया। मृतक संजीव कुमार मौर्या पुत्र फूल सिंह विवेकानंद स्थित सेरवा चौराहा के गांव के रहने वाले हैं। जो कि लगभग पिछले 15 सालों से बिजली विभाग में काम कर रहे थे।
आपको बता दें, विभाग की लापरवाही से पिछले दो माह पहले भी चार संविदाकर्मी हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से बुरी तरह झुलस गए थे। जिन्हे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि एक कर्मी की हालत गंभीर होने की वजह से उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया था।