
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के बीकेटी तहसील क्षेत्र के बिजली विभाग में संविदा कर्मियों का आंतक बढ़ता जा रहा है। बीकेटी डिवीजन अन्तगर्त इटौंजा पावर हाउस में विद्युत कर्मियों द्वारा अतिरिक्त शुल्क के नाम संविदा कर्मचारियों ने लूट मजा रखी है।
इस बारे में क्षेत्रीय गरीब जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र रावत व भारतीय किसान यूनियन की बबली गौतम ने आरोप लगाते हुए बताया कि इटौंजा उपखण्ड केन्द्र पावर हाउस में तैनात संविदा कर्मियों व लाइनमैनों चारों तरफ अपना-अपना मकड़जाल फैला रखा है। क्षेत्र में मुर्गा फार्म, कटिया समरसेबल, मानपुर मंडियों से हर महीने जमकर वसूली की जाती है। इतना ही नहीं कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि संविदा कर्मचारी कहते हैं कि जब तक हम लोग हैं, तब तक आप लोगों को कोई बाल बांका नहीं कर सकता है। क्योंकि रिपोर्ट तो हमको ही लगाना होता है।
हालात यह है कि सरकारी कर्मचारियों का काम संविदा कर्मचारी चला रहे है। अतिरिक्त शुल्क अब बिजली विभाग की ऊपरी कमाई का अतिरिक्त जरिया बन गया है। समय-समय पर इस कारनामे की शिकायत लगातार माननीय द्वारा उठाया जाता रहा है। अभी पिछले साल ही मार्च महीने में होली के त्यौहार पर बीकेटी बड़ी बाजार में एक मीटिंग हुई थी, जिसमें केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर से बिजली पीड़ितों ने अपने दर्द भरे आंसू बहा कर बताया था। वहीं राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कड़े शब्दों में बिजली विभाग के अधिकारियों को कड़े शब्दों में फटकार भी लगाई थी कि बिजली विभाग से पीड़ित व्यक्ति की समस्या को तुरंत निस्तारित किया जाए।
बताते चले कि बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र में ग्रामीणों की ज्यादातर शिकायतें इसी प्रकार के धन उगाही के मामले को लेकर रही हैं, लेकिन विभाग के उच्चधिकारी इसका संज्ञान में पहले लेते ही नहीं है, यदि दवाब में ले भी ले, तो जॉच के नाम पर मामले को दबा देते है, क्योंकि यदि सूत्रों की माने तो इस अतिरिक्त शुल्क के नाम पर की जा रही धन उगाही का एक हिस्सा उनकी जेब में भी जाता है। अगर इस मामले को लेकर विभागीय अधिकारियों से बात की जाती है, तो उनका जवाब सिर्फ यही होता है हमारी जानकारी में नहीं है। यदि ऐसी कोई जानकारी मिलती है तो जांच करवाते हैं, रटा रटाया जवाब देने में अधिकारी माहिर है।
इसके अलावा बिजली विभाग द्वारा एक और खेल खेला जा रहा है, जिसमें एक-दो बल्ब जलाने वाले लोगों को भी भारी-भरकम बिल थमाया जा रहा है और समझौता कराने के नाम पर बिजली विभाग के कर्मचारियों और दलालों के मध्य वार्ता कराकर भी उपभोक्ताओं को चूना लगाया जा रहा है। पीड़ित व्यक्ति की सुनवाई नहीं की जा रही है तथा उन्हें शिकायत करने पर या किसी को जानकारी देने पर काम ना होने की धमकी भी दी जा रही है।
इतना ही नहीं यदि बात करते है बिजली थानों की, जहां पुलिस अपना स्थान्तरण कराने से कतराते थ, वहीं अब से सिफारिश लगवा कर नियुक्ति के लिए जोर आजमाइश करते नजर आ रहे हैं। क्योंकि उनको पता चला है कि बिजली विभाग में आकर उन्हें अतिरिक्त कमाई का बेहतरीन मौका भी हासिल हो जाता है। क्योंकि आमजन की जरूरत बिना बिजली के पूरी नहीं होती है। ज्यादातर शिकायतें ग्रामीण क्षेत्रों से आती हैं।
जहां बिजली विभाग के कर्मचारी जिसमें ज्यादातर सरकारी कर्मचारियों का टोटा है। संविदा कर्मचारी रौब झड़ते हैं जो हम कहेंगे वहीं होगा। शिफारिश जहां जाओ जिस से लगाओ रिपोर्ट हमें को लगाना है, यदि इनकी आय की जांच कर ली जाए, तो यह कभी साइकिल से चलने वाले लोग आज गाड़ियों से चल रहे हैं।