
पीड़ित उपभोक्ता जिसने अपने घर में बिजली कनेक्शन के लिए 2.54 लाख मार्च 2023 में एस्टीमेट के नाम पर जमा कर दिए उसके घर में बिना बिजली कनेक्शन हुए सितंबर 2023 से बिल भेजा जा रहा है। यही नहीं विरोध करने पर धमकियां दी जा रही है कि कही भी शिकायत कर दो कुछ नहीं होने वाला।
लखनऊ। राजधानी में बिजली अभियंता उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने से बाज नहीं आ रहे हैं। खास बात यह है कि इस खेल में वरिष्ठ अभियंता अपने कनिष्ठ अभियंताओं का खुलकर साथ दे रहे हैं। कार्रवाई करने के बजाय अवर अभियंता को बचाया जा रहा है।
पीड़ित उपभोक्ता जिसने अपने घर में बिजली कनेक्शन के लिए 2.54 लाख मार्च 2023 में एस्टीमेट के नाम पर जमा कर दिए, उसके घर में बिना बिजली कनेक्शन हुए सितंबर 2023 से बिल भेजा जा रहा है। यही नहीं विरोध करने पर धमकियां दी जा रही है कि कही भी शिकायत कर दो कुछ नहीं होने वाला।
उपभोक्ता ने मध्यांचल एमडी को शिकायती पत्र भेजा तो अभियंता को भनक लग गई। आनन-फानन किसी दूसरे उपभोक्ता का मीटर नौ फरवरी 2024 को पीड़ित उपभोक्ता इस्लामुन निशा के घर पर लगा दिया। पीड़ित से कहा गया कि मीटर तुम्हारा वाला दो से तीन दिन में लगा दिया जाएगा। यही नहीं उपभोक्ता को मना किया गया कि अगर किसी से कुछ बोला तो कनेक्शन कट जाएगा।
अंबेडकर नगर विश्वविद्यालय बिजली घर से पोषित बिजनौर के कटरा मुहल्ला में इस्लामुन निशा ने पीएम आवास के अंतर्गत मकान बनवाया। बिजली कनेक्शन लेने गई तो अभियंताओं ने महीनों टरकाया, फिर लाइन चार्ज, मीटर कास्ट, केबल सहित कई अन्य चीजों का बिल बनाया और प्रार्थना संख्या नंबर 10112487600 पर 2.54 लाख जमा करा लिए।
पीड़ित महिला अपने बेटे के साथ महीनों चक्कर लगाती रही, पानी के लिए पड़ोसियों पर निर्भर रही, लेकिन अभियंता का मन नहीं पसीजा। हर बार आज कल करते और दबी जुबान में पैसा बढ़ने की बात करते। चंद दिन पहले जेई नितिन द्वारा गलत तरीके से सीलिंग सर्टिफिकेट अपलोड का मामला आया और निलंबित कर दिया गया। इससे सबक लेते हुए इस्लामुन निशा के घर पर मीटर लगवा दिया गया।
काबिल अभियंताओं ने जो मीटर लगाया, उसका सीरियल नंबर 11332230 है और घर पर लगे मीटर का सीरियल नंबर 1699808 है। यही नहीं जो 4,453 रुपये का बिल भेजा गया है, उसकी खाता संख्या 8624357774 है। सूत्र बताते हैं कि लाइन बनने से पहले सीलिंग सर्टिफिकेट अपलोड करते हुए बिल जनरेट कर देना गंभीर अपराध है।
मेरी जानकारी में अभी मामला नहीं है। अगर ऐसा कुछ किया गया है तो गंभीर बात है। मैं पूरे मामले को सोमवार को ही दिखवाता हूं। दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। – योगेंद्र कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता, सर्किल चार