
मेरठ। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कार्यालय से जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड मुख्यालय को भेजे जाने के चार माह उपरान्त अभी तक आरोपी नोएडा मुख्य अभियन्ता राजीव मोहन के खिलाफ टीजी- 2 कर्मचारी प्रवीण कुमार को उपभोक्ता से रिश्वत मांगने के मामले में बिना लिखित शिकायत के कालिख पोतने, जातिसूचक गालियां देने के मामले में हुई जॉच की जॉच आख्या पर कार्यवाही आखिर कब होगी, यह बताने में असमर्थ है पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष महोदय, आखिर क्यों??
यह बात समझ से परे है कि रिश्वत मांगने के मामले में बिना लिखित शिकायत के … यदि लिखित शिकायत होती, तो भी नोएडा मुख्य अभियन्ता राजीव मोहन को किस संविधान में यह अधिकार के दिया कि अपने अधीनस्थ टीजी – 2 कर्मचारी प्रवीण कुमार के चेहरे पर कालिख पोतते हुए जातिसूचक गालियां दे…. और इसमें भी हैरानी की बात यह कि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष/प्रबन्ध निदेशक को इस प्रकार के शर्मनाक घटना की जानकारी होने के बाद भी खामोश क्यों है…?? अभी तक ऐसे असमाजिक तत्व को बाहर निकाल कर क्यों नहीं फेका…?? आप ही बताये क्या अपने ही कर्मचारी के चेहरे पर कालिख पोतने, जातिसूचक गालियां देने वाले मुख्य अभियन्ता राजीव मोहन को असमाजिक तत्व जैसे शब्दों से सम्बोधित करना चाहिए कि नहीं…?? क्या ऐसे व्यक्ति समाज के लिए खतरा है कि नहीं…..?? ऐसे व्यक्ति को यदि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष/प्रबन्ध निदेशक का संरक्षण प्राप्त हो रहा है…?? तो पावर कारपोरेशन के लिए इसके बढ़कर शर्मनाक बात हो ही नहीं सकती।
हैरानी नोएडा पुलिस प्रशासन पर भी हो रही है कि बात बात पर फर्जी तरीके से एससी-एसटी एक्ट मामले में मुकदमा दर्ज करने वाली पुलिस तो क्या यह मामला नजर नहीं आ रही है? छह माह से अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी घटना के प्रमुख सूत्राधार आरोपी अफसर के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज भी दर्ज नहीं कर पाई।
क्या है सम्पूर्ण मामलाः
बीते साल 29 मई को टीजी-2 प्रवीण कुमार व उनके एक अन्य सहयोगी को नोएडा के मुख्य अभियंता के कार्यालय में देर रात घर से बुलाकर उनके मुंह पर कालिख पोतते हुए जातिसूचक गालियां दी गई। इस मामले को लेकर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कर्मचारीयों में जमकर बबाल हुआ था। मामले की गूंज केवल पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ही नहीं बल्कि पावर कारपोरेशन लिमिटेड मुख्यालय तक सुनाई दी गयी थी। प्रदेश भर के तमाम डिस्कॉम में यह मामला गूंजा था तथा घोर निंदा भी की गयी थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रबन्ध निदेशक पावर कारपोरेशन लिमिटेड मुख्यालय ने तीन सदस्यीय एक जांच कमेटी का गठन करा दिया था। जांच कमेटी ने टीजी -2 प्रवीण कुमार से सम्बन्धित घटना को को सही पाया। इतना ही नहीं टीजी -2 प्रवीण कुमार द्वारा जांच कमेटी को साक्ष्य भी सौंपे गए थे। जिसके आधार पर जांच कमेटी ने उक्त शर्मसार करने वाली घटना को सत्य माना।
उक्त जांच की आख्या डिस्कॉम द्वारा पत्र संख्या 3120/प.वि.वि.नि.लि.-मेरठ के माध्यम से 21 सितंबर 2023 को पावर निगम मुख्यालय लखनऊ को भेजी जा चुकी है, परंतु 4 माह से अधिक का समय बीतने पर भी निगम मुख्यालय से अभी तक कोई भी कार्रवाई दोषी अधिकारी के विरुद्ध नहीं की गयी है, जबकि इस प्रकरण में एक दलित वर्ग के कर्मचारी पर मीटर बदलने के एवज में रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए नोएडा के मुख्य अभियंता द्वारा बीते साल 29 मई की रात्रि में लगभग 11 बजे अपने कार्यालय बुलाकर अमानवीय कृत्य यथा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित करने, जान से मारने की धमकी देने और चेहरे पर कालिख पुतवाने जैसा कार्य किया गया।
इस जांच रिपोर्ट को लखनऊ भेजे करीब चार माह का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक मुंह काला कराने के आरोपी नोएडा मुख्य अभियन्ता राजीव मोहन व इस कांड में शामिल अन्य के खिलाफ जानकारी होने के उपरान्त कार्यवाही न तो बात बात पर कलम चलाने के लिए विख्यात उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष एम देवराज ने की, और ही वर्तमान अध्यक्ष महोदय ने की….. इस प्रकार के शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिलाने वाले अफसर पर कार्रवाई आखिर क्यों नहीं कर पा रहे है, जबकि इस मामले को लेकर पीड़ित टीजी-2 प्रवीण कुमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री को भी भेजी, लेकिन कार्यवाही के नाम पर जीरो।
बिजली कर्मी रिश्वत के आरोप से दोषमुक्त
विद्युत निगम के नगरीय परीक्षण खंड मीटर- दो में तैनात टीजी-2 प्रवीण कुमार को रिश्वत मांगने के मामले में जांच अधिकारियों ने क्लीन चिट दे दी। एक उपभोक्ता ने 20 जून 2023 को सेक्टर-40 में मीटर बदलने के लिए टीजी-टू प्रवीण कुमार और टिंकू गिरी पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। इस मामले में सर्किल स्तर पर अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता की टीम को जांच सौंपी गई। इसमें प्रवीण कुमार को दोष मुक्त करार दिया गया है। अधिशासी अभियंता ग्रेटर नोएडा और अधीक्षण अभियंता सर्किल दो ने मंगलवार देर शाम को जांच रिपोर्ट में प्रवीण कुमार को रिश्वत मांगने के आरोप से दोष मुक्त करार दिया। उनके निलंबन, तबादला और अन्य सुविधाओं को तुरंत प्रदान करने की सिफारिश की। इसके अलावा पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक स्तर से भी एक टीम बनाकर मुख्य अभियंता द्वारा कालिख पोते जाने और रिश्वत मांगने के मामले में जांच कराई गई। इसमें मुख्य अभियंता के खिलाफ रिपोर्ट यूपीपीसीएल के चेयरमैन को सौंप दी गई है।
कहा कहा न्याय के लिए दिया प्रार्थना पत्र, लेकिन कोई नहीं आया काम
शुरू से विरोध जताता रहा पीड़ित
इस मामले में पीड़ित टीजी-2 प्रवीण कुमार ने अपने साथ हुए अन्याय को कुमार ने अपने साथ हुए अन्याय को लेकर शुरू से विरोध जताता रहा। से विरोध जताता रहा। वह शुरू से ही रिश्वत मांगने के आरोप को गलत बताते रहे, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी। उन्हें एक तरफा किसी ने नहीं सुनी। उन्हें एक तरफा फैसले में आरोपी करार दिया गया। इसके बाद उन्होंने स्थानीय थाने में भी शिकायत दी। जिस पर पुलिस ने जांच का हवाला देते हुए आज तक केस दर्ज नहीं किया।
न्यायालय और मानवधिकार आयोग से लगाई गुहार
पीड़ित प्रवीण कुमार ने मामले में न्यायालय, मानवाधिकार आयोग, मेरठ मुख्यालय, यूपीपीसीएल के चेयरमैन कार्यालय से भी निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई। इसी दौरान कोर्ट के आदेश से पहले ही मुख्य अभियंता व पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकारियों ने प्रवीण के निलंबन को विभाग की अंदरूनी जांच का हवाला देते हुए बहाल कर दिया और दादरी क्षेत्र में ट्रांसफर कर दिया।
मुख्य अभियंता के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पीड़ित ने न्यायालय और विद्युत निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से गुहार लगाई है कि मुख्य अभियंता राजीव मोहन ने उन पर रिश्वत मांगने के झुठे आरोप लगाकर मानसिक व सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया है। उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अभद्रता और गाली गलौज की है, जिसके लिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। हालांकि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मुख्यालय से लेकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड मुख्यालय तक रिपोर्ट पहुंचने के बाद भी अभी तक इस दिशा में मुख्य अभियंता के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
पावर कारपोरेशन भी है इस मामले में खामोश
पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कार्यालय से जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड मुख्यालय को भेजे जाने के चार माह उपरान्त अभी तक आरोपी नोएडा मुख्य अभियन्ता राजीव मोहन के खिलाफ टीजी- 2 कर्मचारी प्रवीण कुमार को उपभोक्ता से रिश्वत मांगने के मामले में बिना लिखित शिकायत के कालिख पोतने, जातिसूचक गालियां देने के मामले में हुई जॉच की जॉच आख्या पर कार्यवाही आखिर कब होगी, यह बताने में असमर्थ है
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष इस मामले में पूर्णतयः खामोश है, आखिर क्यों … यह समझ के परे है।