
लखनऊ। वीआईपी से लेकर आम आदमी तक को निर्बाध बिजली सप्लाई करने में अहम भूमिका निभाने वाले संविदा श्रमिक, पेट्रोलमैन, लाइनमैन, ऑपरेटरों की कई समस्याएं हैं। इन सभी कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें उपकेंद्र पर आठ घंटे काम करने का दाम मिलता है, लेकिन अभियंता उनसे 12 घंटे काम ले रहे हैं। इस प्रकार का कारनामा ग्वारी पावर हाउस गोमती नगर, लेसा सहित पावर कारपोरेशन अन्तगर्त अधिकतर सब स्टेशनों का है। 12 घंटे काम लिए जाने से संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है। इस खबर के उपरान्त अगली खबर में पावर हाउस के नाम सहित उनके कारनामा प्रकाशित किये जायेगें।
यह मामला गोमती नगर स्थित ग्वारी पावर हाउस का, जहांए काम करने वाले कर्मचारियों को महीने के 30 दिन काम करना पड़ता है। कर्मचारियों की कमी के चलते उपकेंद्र पर दर्ज होने वाली शिकायतों का समय से निराकरण नहीं हो रहा है। श्रम विभाग के आदेश के दर किनार करते हुए संविदा कर्मचारी को इतनी महंगाई में सिर्फ आठ हजार रुपये मानदेय मिलता है। इसके बाद भी कर्मचारियों से आठ घंटे की बजाय 12 घंटे काम लिया जा रहा है। लाइन चालू करना, राजस्व वसूली, कनेक्शन काटना और जोड़ना, ब्रेकडाउन, बिजली लाइन के आसपास आए पेड़ों की कटाई-छटाई का काम भी इन्ही संविदा से लिया जा रहा है। यदि कोई संविदा अपने अभियंताओं के खिलाफ इस प्रकार के शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो संविदा कर्मचारियों को अभियंताओं की बात नहीं मानने पर वह नौकरी से हटाने की धमकी भी देते हैं। इस प्रकार के कारनामा सिर्फ ग्वारी पावर हाउस में नहीं बल्कि सम्पूर्ण पावर कारपोरेशन का है।
यह है मानक
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के निदेशक मंडल ने 33 केवी उपकेंद्र के एक फीडर पर एक शिफ्ट में तीन कर्मचारी को तैनात करने का मानक तय किया है। इन चार कर्मचारियों में एक लाइनमैन, एक पेट्रोलमैन और एक श्रमिक शामिल होने का प्रावधान है। इस गैंग की कार्य करने की अवधि आठ घंटे होती है। 24 घंटे में तीन शिफ्ट सुबह 8 से शाम 4 बजे, शाम 4 बजे से रात 12 बजे और 12 बजे से सुबह 8 बजे तक होती है। पावर कारपोरेशन ने इस मानक के आधार पर श्रमिकों की तैनाती करने के आदेश दिए हैं।
लेसा अर्न्तगत अधिकतर पावर हाउस सहित अधीनस्थ सब स्टेशन के फीडरों का काम 15 से 20 संविदा कर्मचारियों के सहारे है। जबकि नियमानुसार एक फीडर पर एक गैंग में तीन से चार कर्मचारी होने चाहिए। जिससे कर्मचारियों की कमी के कारण संविदा कर्मचारियों से आठ घंटे की जगह 12 घंटे काम लिया जा रहा है।
उपकेंद्रों पर संविदा कर्मचारियों से एक शिफ्ट में आठ घंटे काम लेने का आदेश है। जो भी आठ घंटे के बजाय 12 घंटे काम ले रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी – योगेश कुमार, वाणिज्य निदेशक- मध्यांचल विघुत वितरण निगम