अभिमन्यु का कहना है कि असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के इस बयान से सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा की भी हानि हुई है जिससे वे काफी आहत है.
छपरा. बिहार (Bihar) के छपरा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आए ओवैसी के बायन से आहत होकर हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ने कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है. दर्ज परिवाद में अभिमन्यु कुमार सिंह ने सांसद ओवैसी पर लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है.
अभिमन्यु का कहना है कि ओवैसी के इस बयान से सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा की भी हानि हुई है जिससे वे काफी आहत है. सीजीएम कोर्ट में परिवाद पत्र संख्या 3909 दर्ज कराते हुए अभिमन्यु कुमार सिंह ने कहा है कि सांसद ओवैसी के इस बयान से लोगों की भावनाएं प्रभावित हुई है और इससे दो समुदाय विशेष में आपसी वैमनस्यता का भाव पैदा हो गया है.
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले की सुनवाई के बाद परिवार को स्वीकार करते हुए एसीजीएम प्रथम की अदालत में केस को ट्रांसफर कर दिया है.
ये कहा था ओवैसी ने…
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि उनकी पार्टी अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के तहत एक मस्जिद के निर्माण के लिए दी जाने वाली पांच एकड़ की भूमि के पक्ष में नहीं है क्योंकि यह लड़ाई कानूनी अधिकार और बाबरी मस्जिद (Babri Mosque) के लिए थी.
‘कई वर्षों तक चला संघर्ष जमीन के एक टुकड़े के लिए नहीं था’
जब उनसे कुछ मुस्लिम नेताओं (Muslim Leaders) की उन टिप्पणियों के बारे में पूछा गया कि पांच एकड़ की जमीन सरकार द्वारा अधिग्रहित 67 एकड़ जमीन में से ही आवंटित की जानी चाहिए, तो उन्होंने कहा कि कई वर्षों तक चला यह पूरा संघर्ष जमीन के एक टुकड़े के लिए नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इतना संयम क्यों रखा. हम अदालत में गए, अगर यह जमीन का एक टुकड़ा होता तो हम इसे कहीं और स्वीकार कर सकते थे. लेकिन पिछले 50 वर्षों से हम सभी संयम के साथ इस मामले को कानून की अदालत (Court of Law) में लड़ रहे थे.’’
ओवैसी ने दोहराया दावा- ‘हिंदू राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा देश’
ओवैसी ने अपने उस दावे को दोहराया कि देश ‘‘हिंदू राष्ट्र’’ की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘…भारत में मुसलमानों को द्वितीय श्रेणी के नागरिक (Second Class Citizens) बनाने के लिए कैसे प्रयास किए जा रहे हैं. देखते रहे.’’








