
हाथरस/UPPCL MEDIA रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में बिजली विभाग से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। फरौली गांव में बिजली विभाग के एसडीओ का ड्राइवर ही अपने साथियों संग फर्जी विजिलेंस टीम बनकर बिजली चेकिंग करने पहुंच गया। गांव वालों को शक हुआ, पूछताछ की, और फिर जबरदस्त हंगामा हुआ। चार लोगों को villagers ने मौके पर पकड़ लिया और जमकर कूट दिया। आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
फर्जी ‘विजिलेंस’ टीम, असली ठगी की प्लानिंग
जानकारी के मुताबिक, बोलेरो गाड़ी में सवार 7 लोगों की टीम गांव पहुंची थी। गाड़ी पर ‘उत्तर प्रदेश सरकार’ और ‘एसडीओ’ लिखा गया था ताकि किसी को शक न हो। जैसे ही गांव में दाखिल हुए, खुद को विजिलेंस अधिकारी बताकर चेकिंग शुरू कर दी और लोगों से पैसे मांगने लगे। पैसा न देने पर बिजली कनेक्शन काटने की धमकी दी जाने लगी।
नशे में धुत थे सभी, प्राइमरी स्कूल के पास खड़ी की थी गाड़ी
गांव वालों को जब इनकी हरकतें संदिग्ध लगीं तो पूछताछ शुरू की। नशे में धुत फर्जी अधिकारी जवाब देने में हकलाने लगे और तीन आरोपी भाग खड़े हुए। लेकिन चार को ग्रामीणों ने दबोच लिया – प्रवीन शर्मा उर्फ तुलसी, जगदीश शर्मा, अंशू शर्मा और हेमंत प्रताप। इनमें से एक को एसडीओ का ड्राइवर बताया जा रहा है।
एसडीओ बोले – ‘हमने तो कोई आदेश ही नहीं दिया’
जैसे ही ग्रामीणों ने इनकी पोल खोली, आरोपियों ने एसडीओ की धौंस दिखानी शुरू कर दी। लेकिन जब गांव के एक युवक ने सीधे एसडीओ और एई से बात की तो मामला और भी साफ हो गया – “विभाग ने तो कोई जांच या चेकिंग का आदेश ही पारित नहीं किया।” यानि ये पूरी टीम ठगी की मंशा से गांव में घुसी थी।
पुलिस ने किया गिरफ्तार, दर्ज हुई रिपोर्ट
गांव वालों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि ‘हमें एसडीओ ने भेजा था’, लेकिन एसडीओ ने खुद इससे साफ इनकार कर दिया। मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 308(2) और 318(4) के तहत 07 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
UPPCL मीडिया की विशेष टिप्पणी:
“इस तरह की घटनाएं बिजली विभाग की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाती हैं। अगर एसडीओ का ड्राइवर ही ‘बिजली माफिया’ बन जाए तो आम जनता का भरोसा कैसे बचेगा? विभाग को अब ऐसे मामलों पर ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाते हुए तत्काल बर्खास्तगी और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।”
यह समाचार UPPCL MEDIA की विशेष रिपोर्ट है। विभागीय, जिला एवं राज्य स्तरीय अफसरों से अनुरोध है कि बिजली व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने हेतु ऐसे तत्वों पर कड़ी नजर रखें।
यदि आप भी किसी फर्जी विजिलेंस या विद्युत ठगी से जुड़े मामले की जानकारी देना चाहते हैं, तो हमें संपर्क करें।