बस्ती। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने बिजली विभाग के एक और लापरवाह अधिकारी पर बड़ी कार्रवाई की है। बस्ती के अधीक्षण अभियंता (SE) प्रशांत सिंह को उपभोक्ता की शिकायत पर असंवेदनशील प्रतिक्रिया और अमर्यादित व्यवहार के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मंत्री ने इस मामले से संबंधित ऑडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) पर साझा किया है।
पूरा मामला तब सामने आया जब एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बस्ती शहर में लंबे समय से बिजली बाधित रहने पर SE प्रशांत सिंह से फोन पर संपर्क किया। इस दौरान SE ने न केवल संवेदनशीलता से जवाब देने के बजाय टालमटोल किया, बल्कि सांसद रामजी लाल सुमन को अपना बहनोई और पूर्व सांसद राज बब्बर को समधी बताते हुए रौब झाड़ा। अधिकारी का यह रवैया सामने आते ही प्रदेश भर में हलचल मच गई।
ऊर्जा मंत्री ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए लिखा:
“उपभोक्ता देवो भव:। बिजली उपभोक्ता की शिकायत के प्रति असंवेदनशीलता और अमर्यादित व्यवहार की घटना पर बस्ती के SE प्रशांत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। सभी विद्युत अधिकारियों और कर्मियों को उपभोक्ता समस्याओं के प्रभावी और त्वरित समाधान के लिए पुनः निर्देशित किया गया है।”
शर्मा ने साफ कहा कि शिकायत समाधान के लिए टोल फ्री नंबर 1912 या डिजिटल तकनीकों का उपयोग मानवीय व्यवस्था की पूरक हो सकता है, विकल्प नहीं। उन्होंने अफसोस जताया कि अधिकारियों ने न केवल उनकी चेतावनी को नजरअंदाज किया, बल्कि फोन उठाना भी बंद कर दिया।
मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उन्हें बैठक में गुमराह करने की कोशिश की और 1912 पर ही शिकायत दर्ज कराने की नीति को नकार दिया। लेकिन ऑडियो और व्हाट्सएप मैसेज ने हकीकत उजागर कर दी।
संदेश साफ है — जनता की आवाज अनसुनी नहीं की जाएगी। जो अधिकारी जनता की समस्या का समाधान नहीं करेंगे और रौब दिखाएंगे, उन पर होगी कड़ी कार्रवाई।
यह कदम ऐसे समय में आया है जब प्रदेश में बिजली आपूर्ति को लेकर कई क्षेत्रों से लगातार शिकायतें आ रही हैं। ऊर्जा मंत्री का यह रुख स्पष्ट करता है कि सरकार लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर चल रही है।
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