
सूत्रों की माने तो उपखण्ड अधिकारी अपने स्थानांतरण के बाद डिवीजन आफिस हाटा गए। वहां जब उन्होंने अपनी आईडी को चेक करवाया तो पता चला कि उनकी आईडी से करीब दो करोड़ रुपये का विद्युत बिल समायोजित कर उपभोक्ताओं का बिल शून्य यानी सम्पूर्ण बकाए का भुगतान कर दिया गया है।
कुशीनगर। रामकोला बिजली उपकेन्द्र के उपखण्ड अधिकारी की आईडी पासवर्ड से बकाया बिल समायोजन में की गई धांधली पर विभाग के उच्च अधिकारीयों ने संभान लिया है। संभान में आने पर जांच के लिए अधिशासी अभियन्ता हाटा ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी है… जिसकी अगुवाई वह स्वयं करेंगे। सरकार से बकाए बिल भुगतान में मिली छूट का लाभ देने के नाम पर विद्युत बिल में सुधार करने का अधिकार उपखंड स्तर पर तैनात उपखण्ड अधिकारी को मिला है, इसके लिए आईडी और पासवर्ड विभाग से आवंटित होता है। उसी आईडी पासवर्ड से सुधार की साइट पर जाकर उपभोक्ताओं के बिजली बिलों का सुधार किया जाता है।
विद्युत उपकेंद्र रामकोला पर तैनात निवर्तमान उपखण्ड अधिकारी इस कदर आरामतलब हो गए कि उन्होंने अपना आईडी पासवर्ड अपने एक निजी असिस्टेंट जो खड्डा क्षेत्र का रहने वाला है, को दे दिया था। अपने उसी असिस्टेंट से उपखण्ड अधिकारी विद्युत बिलों का सुधार करवाते थे। इसका फायदा उठाकर उनका असिस्टेंट कुछ लाइनमैनों व उपकेंद्र के कर्मचारियों की मिलीभगत से मनमाने तरीके से विद्युत बिलों का सुधार करने लगा। जिसकी भनक तक उपखण्ड अधिकारी को नहीं लगी।
करीब एक सप्ताह पूर्व उपखण्ड अधिकारी का स्थानांतरण हो गया। सूत्रों की माने तो उपखण्ड अधिकारी अपने स्थानांतरण के बाद डिवीजन आफिस हाटा गए। वहां जब उन्होंने अपनी आईडी को चेक करवाया तो पता चला कि उनकी आईडी से करीब दो करोड़ रुपये का विद्युत बिल समायोजित कर उपभोक्ताओं का बिल शून्य यानी सम्पूर्ण बकाए का भुगतान कर दिया गया है। आईडी की असलियत जानने के बाद उपखण्ड अधिकारी के पैरों तले जमीन खिसक गई। अपने निजी अधीनस्थ के कारनामे से भौंचक उपखण्ड अधिकारी ने पहले तो सभी समायोजित बिलों को दुबारा सम्पूर्ण अधिभार के साथ चार्ज कर दिया। इसका मतलब उन बिलों को समायोजन से निकलकर उन्हें पूर्ण रूप से बकाया करार दे दिया। इसके बाद वे अपने निजी असिस्टेंट को ढूढने लगे।
सूत्रों की मानें तो असिस्टेंट ने मिलने के बाद उपखण्ड अधिकारी को समझाया कि उसने बिल जमा कर दिया है। लेकिन उपखण्ड अधिकारी व डिवीजन के अन्य कर्मचारी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। उपखण्ड अधिकारी ने अपने अधीनस्थ को मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दे डाली है।
मामला सुर्खियों में आने पर अधिशासी अभियन्ता हाटा दिनेश यादव ने मामले का संज्ञान लिया और जांच का निर्णय लिया। जांच टीम की अगुवाई वह खुद करेंगे। जांच टीम में उनके साथ रामकोला के नए उपखण्ड अधिकारी व लेखाकार की शामिल हैं। टीम पूरे मामले की जांच करेगी। टीम अभी घोटाले और दुबारा चार्ज किये गए बिलों का आंकलन कर रही है। जांच में 15 दिनों का समय लग सकता है। लेकिन किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। दूसरी ओर विभगीय सूत्रों की मानें तो उपभोक्ताओं से पैसा लेकर बिल समायोजन कराने का जिम्मा लिए उपकेन्द्र के कुछ लाइनमैन व कर्मचारी एक एक कर पैसे की वापसी भी कर रहे हैं।