
बागपत। जनपद में गैडबरा गांव के जंगल में दाहा क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में बिजली के तारों को ठीक कर रहे दो लाइनमैन की मौत हो गई। बताते चले कि गैडबरा गांव आंधी आने पर टूटी बिजली लाइन को ठीक कर रहे ऊर्जा निगम के दो संविदा लाइनमैन तेजेंद्र निवासी धनौरा और प्रवेंद्र निवासी भड़ल की मौके पर ही मौत हो गई। जिसका पता चलने पर पहुंचे और शटडाउन लेने के बाद भी निपुड़ा बिजलीघर से आपूर्ति बहाल किए जाने पर भड़क गए। ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए पुलिस को शव नहीं उठाने दिया।
भड़ल गांव के रहने वाले डा. विनोद राणा ने बताया कि रात में आंधी आने पर गैडबरा गांव के जंगल में बिजली लाइन के तार टूट गए थे। किसानों की सूचना पर ऊर्जा निगम के दो संविदा कर्मी लाइनमैन तेजेंद्र निवासी धनौरा और प्रवेंद्र निवासी भड़ल निरपुड़ा गांव के बिजलीघर से शटडाउन लेने के बाद बिजली लाइन ठीक करने में जुट गए।
आरोप लगाया कि तभी निरपुड़ा बिजलीघर से बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई। जिससे बिजली लाइन ठीक कर रहे दोनों सविदा लाइनमैन तेजेंद्र और प्रवेंद्र करंट लगने से झु़लस गए और मौके पर ही मौत हो गई।
दो लाइनमैनों की मौत होने का पता चलने पर मृतकों के परिवार वाले और ग्रामीण गैडबरा गावं के जंगल में पहुंचे। जिन्होंने जानबूझकर निरपुड़ा बिजलीघर से आपूर्ति बहाल करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया और दोघट पुलिस को शव नहीं उठाने दिया। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने।
मृतक के परिवार के सदस्य को नौकरी और पचास लाख मुआवजे की मांग
एक साथ दो लाइनमैनों की मौत होने पर हंगामा कर रहे ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और अधीक्षण अभियंता को घटनास्थल पर बुलाने की मांग के साथ-साथ मृतकों के परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी और पचास लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांग पूरी होने तक शव नहीं उठाने दिया जाएगा।