
अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत वितरण मण्डल, कासगंज अनुचित तरीके से व्यक्तिगत उपयोग हेतु अपने ही अवर अभियन्ता सें 2 टन का एसी मांग रहे थे. इसका ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. मामला सामने आने पर दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने अधीक्षण अभियंता को निलंबित कर दिया।
लखनऊ। बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता के एक ऑडियो ने विभाग में घूसखोरी की पोल खोल कर रख दी है. रिश्वतखोरी का आलम ये है कि अधीनस्थ अफसरों का नौकरी करना मुश्किल हो रहा है. बिजली विभाग के एक अधीक्षण अभियंता का अवर अभियंता से दो टन का एयरकंडीशन मांगने का ऑडियो वायरल हो गया. इसके बाद उन्हें मुफ्त में एसी तो नहीं मिला, सस्पेंशन जरूर हिस्से में आ गया. अधीक्षण अभियंता की इस हरकत पर विभाग की तरफ से निलंबन की कार्रवाई की गई है।
विद्युत वितरण मंडल कासगंज रीजन में तैनात अवर अभियंताओं ने अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार की सामूहिक शिकायत की थी. इसका ऑडियो भी वायरल हो गया, जिसमें अधीक्षण अभियंता अपने अवर अभियन्ता से अनुचित तरीके से व्यक्तिगत उपयोग हेतु 2 टन का एसी मांग रहे थे।
इसके बाद दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने पूरे मामले की जांच कराई। जांच समिति द्वाराद्वारा किये गये जॉच में पत्रांक 132-मु0अ0 (वि०) जा0क्षे0 / द०वि०वि०नि०लि० / आ० / दिनांक 17.05.2024 द्वारा जांच आख्या प्रेषित की गई, जिसके निष्कर्ष में अवगत कराया गया कि मनोज कुमार (सैप आई0डी0 11005719) ( 99003), अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत वितरण मण्डल, कासगंज द्वारा विभिन्न अवर अभियन्ताओं के कार्यक्षेत्रों का निरीक्षण कर इनकी खराब कार्य प्रणाली को इंगित कर इस प्रकार का माहौल बनाया जाता है कि सम्बन्धित अवर अभियन्ता आतंकित हो जाये एवं उनके कहे अनुसार हर निर्देश का पालन करें। इन अवर अभियन्ताओं की शिकायतों को नजर अंदाज करना सम्भव नहीं है। जांच समिति ने जांच आख्या में आडियो सीडी का भी संज्ञान लिया गया है एवं मनोज कुमार को दोषी बताया है। इसकी पुष्टि होने के बाद दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अमित किशोर ने अधीक्षण अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया।
ये ऑडियो आया सामने, जांच के बाद हुई कार्रवाई
अधीक्षण अभियंता : और वो क्या हुआ उसका?
अवर अभियंता : सर मैं कासगंज जाऊंगा…
अधीक्षण अभियंता : हूं…
अवर अभियंता : कासगंज जाना पड़ेगा साहब उसके लिए….यहां गंज में तो मिल नहीं पाएगा.
अधीक्षण अभियंता : कासगंज पहुंचना पड़ेगा.
अवर अभियंता : कल …..हां सर यहां गंज में तो….
अधीक्षण अभियंता : हां ठीक है तो कासगंज कौन सा दूर है…
अवर अभियंता : तो साहब मैं कल देख ले रहा हूं….साहब.
अधीक्षण अभियंता : यहीं पर लगना है…..यहीं पर लगवा देना.
अवर अभियंता : कल…..कल देख ले रहा हूं …
अधीक्षण अभियंता : अब इसमें देख लो…..
अवर अभियंता : जी सर….जी सर….
अधीक्षण अभियंता : ठीक है…..
अवर अभियंता : जी सर ….जी सर ….जी सर ….
अधीक्षण अभियंता : कल देख लेना और….दो टन का ठीक है…
अवर अभियंता : जी सर ….
अधीक्षण अभियंता : हां ….हां….कंपनी का होना चाहिए ठीक है….
अवर अभियंता : ठीक है सर…
अधीक्षण अभियंता : हां…
अवर अभियंता : ठीक है सर
अधीक्षण अभियंता : दो टन का…..थ्री स्टार हो या फाइव
अवर अभियंता : ठीक है सर….
अधीक्षण अभियंता : चलो वो….थ्री स्टार तो हो ही भईईई…
अधीक्षण अभियंता : स्पिलिट ही….हां स्पिलिट ही भईईई
अवर अभियंता : ठीक है सर….ठीक है सर….
अधीक्षण अभियंता : विंडो वाला वो अंदर लगता है शोर करता है उसका क्या फायदा है….
अवर अभियंता : स्पिलिट ठीक है सर, ठीक है सर…
अधीक्षण अभियंता : …चलो ….और ये बात अपने तक ही रखना, बता दिया है मैंने….
अवर अभियंता : ठीक है सर, ठीक है सर….
अधीक्षण अभियंता : ठीक…