
लखनऊ। लगभग छह हजार उपभोक्ताओं का हक मारकर मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड को मुंशी पुलिया खंड के अमराई बिजली घर से 3500 किलोवाट संयोजन देने का रास्ता साफ हो गया है। उपरोक्त संयोजन हेतु विघुत नियमावली को भी ताक पर रख दिया।
सूत्रों की माने तो गिफ्ट का फर्ज अदा करते हुए प्रबन्ध निदेशक ने लोड आवंटन की समय सीमा समाप्त होने के उपरान्त एवं बिना रिवाइज्ड एस्टीमेट राशि जमा कराये संयोजन कर अवगत कराने का लिखित आदेश मुख्य अभियन्ता इंजीनियर आशीष अस्थाना के मोबाइल पर देते हुए कहा कि यदि रिटायमेंट सही सलामत चाहते हो, तो इस प्रकरण को व्यक्तिगत देखते हुए संयोजन देकर अवगत कराओं। वहीं अभी तक का इतिहास देखा जाये, तो प्रबन्ध निदेशक महोदय द्वारा आज तक उपभोक्ताओं के हित में घ्यान में रखते हुए कोई भी गलत फैसला नहीं किया।
खैर इतना तो मुख्य अभियन्ता कार्यालय के विभीषण ने फाइनल कर दिया है कि त्रिदेव रूपी अधिकारी यानि कि मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता व अधिशासी अभियन्ता हर नियम के खिलाफ जाकर प्रत्येक दशा में संयोजन उपलब्ध करान का संकल्प ले लिया है, जिसको देखते हुए यह तय हो गया कि अब उपरोक्त संयोजन होकर ही रहेगा।
यह विभाग के इंजीनियर्स का कमाल ही है कि एक बिल्डर को फायदा पहुंचाने के लिए लगभग छह हजार उपभोक्ताओं का हक मारते हुए मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड को मुंशी पुलिया खंड के अमराई बिजली घर से फर्जी तरीके से बिना ट्रांसफार्मर प्रपोज़ किए हुए 3500 किलोवाट कनेक्शन के लिए टीएफआर रिपोर्ट दे दी गई थी और आनन फानन में पैसा जमा करा लिया गया था।
छह हजार उपभोक्ताओं का हक मारकर ईमानदारी का चोला उतारते हुए इंजीनियर ए0 पी0 सिंह ने आखिरकार मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड कि साथ सौदा करते हुए मुंशी पुलिया खंड के अमराई बिजली घर से 3500 किलोवाट संयोजन (टेप) करने के लिए अपनी सहमति दे ही दी।
इंजीनियर ए0 पी0 सिंह के अच्छी तरह जानते है कि यह संयोजन किसी भी दशा में अन्य उपभोक्ताओं के हित में नहीं है, खास तौर पर आने वाले गर्मी को घ्यान में रखे… तो. इन सब के बीच सबसे अहम सवाल विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर कौन होगा जिम्मेदार?
हैरानी की बात यह है कि नियम के विरूद्व कार्य कर रहे हैं अधिशासी अभियंता इंजीनियर ए0 पी0 सिंह को कोई उच्च अधिकारी लगाम भी नहीं लगा पा रहे है। अधीक्षण अभियन्ता इंजीनियर यदुनाथ राम की बात तो दूर की बात मुख्य अभियंता इंजीनियर आशीष अस्थाना अपने रिटायमेंन्ट को सही सलामत बनाये रखने के कारण नहीं ले रहे हैं रुचि नियम विरुद्ध कार्य के खिलाफ नहीं बोल पा रहे है, इसको मजबूरी कहेगें या महत्वाकांक्षा… यह तो अमराई बिजली घर के अन्य उपभोक्ता ही बता पायेंगें।
इन सब के बीच मुंशीपुलिया अधिशासी अभियंता की कुर्सी श्रापमुक्त हो गया, आने वाले समय में कोई भी अधिशासी अभियंता अब बलि का बकरा नहीं बनेगा…. क्योंकि न रहेगा बास न बजेगा बासूरी…. इसी के साथ अमराई बिजली घर से 3500 किलोवाट लोड आवंटन कर संयोजन सम्बन्धित प्रकरण पर पूरे विराम लग गया।
मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड को मुंशी पुलिया खंड के अमराई बिजली घर से 3500 किलोवाट लोड आवंटन कर संयोजन देने सम्बन्धित प्रकरण का अब समाप्त हो गया।
अभी सिर्फ इतना कहूंगा कि मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड का प्रकरण में जाने अनजाने भ्रष्टाचारियों ने इतिहास रच दिया …यहीं नहीं आने वाले समय में हजारो उपभोक्ताओं को उनके क्लेम मात्र से लाखों लाख रूपया विभाग को वापस करना पड़ेगा.. कैसे यह तो आने वाला समय बतायेगा।
लेकिन कैसे संभव है उपरोक्त कनेक्शन
मुंशीपुलिया अधिशासी अभियंता इंजीनियर ए0 पी0 सिंह भले ही अपना ईमान मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड के हाथों बेच दिया हो, लेकिन उनको संयोजन देगें कैसे… यह सबसे अहम सवाल ?
बताते चले कि मुंशी पुलिया डिवीजन अंतर्गत अमराई पावर हाउस में 10-10 एमवीए के दो ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। दिनांक 1 नवंबर 2021 को जब मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड को संयोजन हेतु लोड आवंटन अमराई गांव पावर हाउस से करने के पूर्व दोनों ट्रांसफार्मर मिलकर 20 एमवीए ट्रांसफार्मर पर 17.5 एमवीए का लोड चल रहा था, जो अपने आप में ओवरलोड माना जाता है…तो ऐसी दशा में यदि उपरोक्त पावर हाउस से 3500 किलोवाट का लोड आवंटन स्वीकृत किया जाता, तो उपरोक्त पावर हाउस पर कुल लोड 21एमवीए का हो जाता है…. इसके उपरांत भी तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल तिवारी ने अमराई गांव पावर हाउस से 3500 किलोवाट का लोड आवंटन कर दिया। इस आवंटन के बाद मामला सुर्खियों में आने पर समयानुसार विवाद की स्थिति उत्पन्न होते गया नतीजा आज की तिथि पर भी यह कनेक्शन नहीं हो पाया… मामला सिर्फ लोड आवंटन तक ही सीमित रह गया।
आज हालात यह हैं कि लोड आवंटन तिथि 1 नवंबर 2021 से आज तक उपरोक्त पावर हाउस से लगभग छोटे-बड़े मिलाकर 525 उपभोक्ताओं ने संयोजन ले लिया, जिसके कारण 1.5 एमवीए का लोड उपरोक्त ट्रांसफार्मर पर और आ गया… जिसके अनुसार आज की लोड गणना की जाए तो 3500 किलोवाट का लोड आवंटन को मिलाकर 20 एमवीए (10-10 एमवीए) का ट्रांसफार्मर पर 22.5 एमवीए का लोड की स्थिति हो जाएगी, जो कि अपने आप में शर्मिंदा करने वाला होगा।
लोड आवंटन की वैधता समाप्त
मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड को संयोजन हेतु अमराई गांव पावर हाउस से 3500 किलोवाट का लोड आवंटन दिनांक 1 नवंबर 2021 को किया गया था… उपरोक्त लोड आवंटन की वैधता, जैसा की लोड आवंटन संबंधित कार्यालय ज्ञाप के बिंदु संख्या 18 में दिए गए निर्देशों के अनुसार “निर्धारित अवधि में विद्युत भार का उपयोग न कर पाने के कारण 2 वर्ष की अवधि उपरांत स्वतः निरस्त हो जाता है… ऐसी दशा में दिनांक 31 अक्टूबर 2023 को जारी लोड आवंटन का निश्चित मियाद अवधि उपरांत खत्म हो गया। यह बात अलग है कि उपरोक्त भ्रष्टाचारियों द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार करके उपरोक्त लोड अवधि को छह माह के लिए बैंक तिथि में दर्शा दे।
उपरोक्त मियाद खत्म होने के पूर्व आवेदक द्वारा छह माह का समय और ले सकता था, लेकिन आवेदक ने ऐसा नहीं किया, इसलिए 2 वर्ष की अवधि उपरांत स्वतः निरस्त हो गया। अब नियमानुसार उपरोक्त आवंटित लोड के आधार पर किसी भी प्रकार का संयोजन देना गंभीर अपराध होगा।
11000 की लाइन पर यह कनेक्शन संभव ही नहीं
उत्तर प्रदेश विद्युत प्रदेश संहिता 2005 के अनुच्छेद 3.2 (बी) के अनुसार 50 किलोवाट से ऊपर और 3600 किलोवाट (4000 केवीए) तकः 11 केवी मौजूदा फीडरों को अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध होने पर बढ़ाया जाएगा, अन्यथा 11 केवी फीडर का निर्माण निकटतम 33 केवी या 132 केवी सब-स्टेशन से किया जाएगा (यदि 33 केवी या 132 केवी सब-स्टेशन पर 11 केवी वोल्टेज उपलब्ध है)।