ग्रैप लागू होने के बाद भी बिगड़ी एनसीआर की हवा, पराली के धुएं से आज प्रदूषण और बढ़ने के आसार

दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू होने के बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब स्तर पर दर्ज किया गया। एनसीआर में करनाल सर्वाधिक प्रदूषित रहा, जबकि नोएडा में एक्यूआई 305 और दिल्ली में 270 दर्ज किया गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि मौसमी दशाओं में सकारात्मक बदलाव नहीं आया तो आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता और खराब हो सकती है।

सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार की तुलना में 35 अंक अधिक दर्ज किया गया। वहीं, सफर का कहना है कि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता आने वाले दिनों में कमोबेश एक सी रहेगी।

दिवाली से पहले इसमें गिरावट आने की उम्मीद है। इन दिनों हरियाणा, पंजाब व पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामलों में बीते 24 घंटों में बढ़ोत्तरी हुई है। मंगलवार को राजधानी में पीएम 2.5 के स्तर में पंजाब से आने वाले पराली के धुएं का हिस्सा 5 फीसदी रहा। बुधवार को इसके 6 फीसदी तक पहुंचने की अंदेशा है।

ग्रैप के तहत एनसीआर के गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत और बहादुरगढ़ में डीजल जनरेटरों, ईंट भट्ठों व स्टोन क्रॅशरों पर रोक लगा दी गई। हालांकि अस्पताल, रेलवे आदि जैसी आपात व आवश्यक सेवाओं के लिए डीजल जनरेटरों के उपयोग की छूट दी गई है।

उधर, डीजल जनरेटरों के उपयोग पर ग्रैप के तहत लगाई गई रोक के खिलाफ हरियाणा सरकार की अपील मंगलवार को ईपीसीए ने खारिज कर दी। हरियाणा सरकार ने उन कॉलोनियों के लिए इस रोक को हटाने की गुहार लगाई थी, जहां बिजली व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने के चलते जनरेटरों से ही विद्युत आपूर्ति हो रही थी। लेकिन ईपीसीए ने स्पष्ट कहा कि विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्य को पर्याप्त समय दिया गया था।

एनजीटी ने यूपी, हरियाणा व पंजाब से मांगी रोजाना रिपोर्ट
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब की सरकारों को रोजाना पराली जलाने के कारण वायु गुणवत्ता पर हो रहे असर की रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

जस्टिस आदर्श कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस बात पर भी चिंता जताई कि केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को आधुनिक उपकरण खरीदवाने के लिए राज्य सरकारों को 600 करोड़ रुपये दिए गए, लेकिन सभी किसानों के पास फिर भी ऐसे उपकरण मौजूद नहीं हैं। पीठ ने इसके लिए आवश्यक अतिरिक्त फंड की व्यवस्था राज्य सरकारों को अपने स्तर पर ही करने का आदेश दिया।

एनसीआर के शहरों का एक्यूआई
करनाल 343
पानीपत 336
गाजियाबाद 308
नोए़डा 305
ग्रेटर नोएडा 302
फरीदाबाद 294
दिल्ली 270
गुरुग्राम 240

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  • रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    हम सब जानते है कि मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ के रूप में कार्य करती है। इसके साथ ही हमारा मानना है कि पत्रकार एक विपक्ष का का कार्य करती है। यूपीसीएल मीडिया नामक व्हाट्सप्प ग्रुप की शुरूवात ऊर्जा क्षेत्र के लिए समाचार संकलन का कार्य कर रहे कुछ पत्रकार, जिसमें प्रमुख रूप से अविजित आन्नद, वेद प्रकाश, रवि शर्मा व आकिब शामिल रहे, ने शक्ति भवन, लखनऊ परिसर में किया, उस समय किसी भी प्रकार को यह अंदाजा नहीं था, कि कुछ ही समय में यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प गु्रप विभाग में इतना लोक प्रिय हो जायेगा। यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प ग्रुप का विभाग में लोकप्रियता को देखते हुए आज यूपीसीएल मीडिया एक व्हाट्सप्प ग्रुप से एक कदम आगे वढ़ाते हुए समाचार क्षेत्र में भी कार्य करना प्रारम्भ किया। यूपीसीएल मीडिया ऊर्जा क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारियों या कर्त्तव्यों को देखते हुए प्रिंट/वेब संस्करण के रूप में कार्य प्रारम्भ की है। यूपीसीएल मीडिया में हम यही करने की कोशिश कर रहे है और बिना आप सभी के सहयोग के यह संभव नहीं है। अतः मैं गुजारिश करूंगा कि बिजली उपभोक्ता एवं ऊर्जा क्षेत्र के अधिकारीयों के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए हमारे साथ शामिल हो। आप सभी को मेरी शुभकामनाएँ !!

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