
UP Electricity News: उत्तर प्रदेश में बिजली हो सकती है महंगी! UPPCL ने 40-45% बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा, दरें 13 रु./यूनिट तक जा सकती हैं। सार्वजनिक सुनवाई 7 जुलाई को।
उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए बिजली जल्द ही और महंगी हो सकती है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने 40 से 45 प्रतिशत तक बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है। जिसको उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) को भेजा दिया गया है। यह प्रस्ताव अगर स्वीकार हुआ तो राज्य में बिजली दरें 12 से 13 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच सकती हैं। नियामक आयोग ने 7 जुलाई 2025 को सार्वजनिक सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।
फिक्स चार्ज में भी भारी इजाफा
पावर कॉर्पोरेशन के प्रस्ताव में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के उपभोक्ताओं के लिए स्लैब दरों में भारी वृद्धि की सिफारिश की गई है। अभी राज्य में घरेलू उपभोक्ता 3 से 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली उपयोग करते हैं। जो नए प्रस्ताव के बाद 8 से 13 रुपये प्रति यूनिट हो सकती है। इस प्रस्ताव में फिक्स चार्ज में भी भारी इजाफा प्रस्तावित है। शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए फिक्स चार्ज 110 रुपये प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 190 रुपये प्रति किलोवाट करने का प्रस्ताव है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लि 90 से बढ़ाकर 150 रुपये प्रति किलोवाट करने की बात कही गई है।
उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध
इससे कुल बिल राशि में काफी वृद्धि होने की संभावना है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नए प्रस्ताव का विरोध किया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि यह प्रस्ताव गरीब और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पहले 100 यूनिट तक 3 रुपये प्रति यूनिट की दर देने का वादा किया था, जबकि अब उसी स्लैब को 4 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव भेजा गया है। बिजली कंपनियों के पास 33,000 करोड़ रुपये से अधिक का अधिशेष है, जिसे उपभोक्ताओं को राहत के रूप में वापस किया जाना चाहिए।
आम जनता की बढ़ेगी परेशानी
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने प्रस्ताव मिलने की पुष्टि की है। इस प्रस्ताव को आयोग ने नियमों के तहत विचाराधीन रखा है। उसके लिए 7 जुलाई 2025 को सार्वजनिक सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। नियामक आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि सभी पक्षों, उपभोक्ताओं, बिजली कंपनियों और हितधारकों की राय पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बिजली दरों में यह प्रस्तावित बढ़ोतरी सीधे तौर पर आम जनता, किसानों और छोटे व्यापारियों को प्रभावित कर करेगी। यह प्रस्तावित बिजली की दरों में वृद्धि बढ़ते ईंधन, रसोई गैस और खाद्यान्न की महंगाई के बीच आम जनता की परेशानी और बढ़ा सकती है।