
यदि गोमती नगर जोन, लेसा क्षेत्र में विजिलेंस टीम का प्रयोग अगुवाई कर जबरन वसूली करने का प्रकरण, बिजली चोरी पकड़ने के आड़ में घर में घुस कर औरतों की वीडियो बनाने के साथ-साथ फर्जी तरीके से उपभोक्ताओं को बिजली चोरी के आरोप में फसाने की धमकी देना, और जो लोग बिजली चोरी में फंस चुके हैं, उनसे एक मोटी रकम लेकर डील करना और डील न होने की सूरत में एफआईआर दर्ज करने का मामला संज्ञान में आता है, तो सिर्फ एक ही नाम प्रकाश में आता है, वह नाम चंद्रकांत यादव, जिनकी पहचान विजिलेंस टीम के ड्राइवर के रूप में कम विजिलेंस इंस्पेक्टर के रूप में ज्यादा है…जी हॉ, उक्त सभी आरोप सिर्फ आरोप नहीं है बल्कि कड़वी सच्चाई भी है…
आज हम आपको बताते हैं कि उपरोक्त व्यक्ति… उपभोक्ताओं के साथ-साथ ना सिर्फ बिजली विभाग को चूना लगा रहा है बल्कि आयकर विभाग एवं परिवाहन विभाग को भी चूना लगा रहा है… कैसे? इसकी जानकारी हम देते हैं….

इस संदर्भ में सबसे अहम सवाल – क्या कोई व्यक्ति अपनी प्राइवेट गाड़ी को सरकारी कार्य में प्रयोग होने के लिए सम्बद्ध कर सकता है… यही नहीं, सम्बद्ध के साथ-साथ खुद उसमें ड्राइवरी भी कर सकता है? ड्राइवरी तो छोड़ दीजिए… क्या कोई ड्राइवर किसी विजिलेंस टीम की अगुवाई कर सकता है?
बताते चले कि सन 2023 में भी जुग्गौर, चिनहट निवासी राम मनोहर यादव ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ-साथ प्रबंध निदेशक मध्यांचल डिस्कॉम सहित मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता को भी भेजे गए एक शिकायत पत्र में विजिलेंस टीम के ड्राइवर चंद्रकांत यादव द्वारा बिजली चोरी चेक करने के बहाने जबरन घर में घुसकर महिलाओं और घर का वीडियो बनाने के विषय में आरोप लगाया था…
बीती कार्य दिवस में उक्त ड्राइवर अपने विजिलेंस टीम के साथ गोमती नगर जोन, लेसा अन्तगर्त मुंशी पुलिया डिवीजन अंतर्गत जरहरा गांव में भी इस प्रकार का खेल… खेल रहा था, सूचना मिलने पर यूपीपीसीएल मीडिया टीम भी वहां पहुंची… टीम को देखते ही चंद्रकांत यादव अपना आपा खो बैठा… और “यूपीपीसीएल मीडिया” टीम पर ही भ्रामक आरोप लगाना शुरू कर दिया, मामला इतना बिगड़ गया कि स्थानीय अवर अभियंता महोदय ने 112 भी बुला ली.. लेकिन जब तक 112 घटना स्थल पर आती… तब तक विजिलेंस टीम के अन्य सदस्यों ने चंद्रकांत यादव को समझा कर मामले को शांत कर दिया… इस दौरान ड्राइवर चंद्रकांत यादव उपस्थित गांववासियों को अपने शब्दों के प्रहार से इतना उत्तेजित कर रहा था, जिसकी कोई सीमा नहीं… ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह चाहता है कि यहां पर मारपीट हो जाए और मामले को दूसरा रंग दे सके.. बताना चाहूंगा कि “यूपीपीसीएल मीडिया” टीम को कोई हैरानी नहीं होगी… यदि इस संदर्भ में खबर संकलन करने वाले व चलाने वाले पत्रकार के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया जाए… हांलाकि इसके पहले भी कई महानुभाव इंजीनियरो ने इस प्रकार की कोशिश की है, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी थी…
“यूपीपीसीएल मीडिया” टीम खबर प्रशासन के साथ साथ संपूर्ण मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए अध्यक्ष पावर कॉरपोरेशन से मांग करेगी… ताकि कोई भी उपभोक्ता इनके आतंक का शिकार ना हो सके..