
लखनऊ/बरेली। मध्यांचल डिस्काम हो अथवा पावर कारपोरेशन, स्थान्तरण के नाम पर विभागीय हित में कार्य करने से इंकार करने वाले अधिकारीयों/कर्मचारीयों का सम्बन्धित अधिकारी द्वारा स्थान्तरण के नाम पर किस प्रकार से उत्पीड़न करते है, जिसका ताजा प्रमाण विद्युत वितरण उपखण्ड पूरनपुर (प्रथम) के उपखण्ड अधिकारी शशांक काण्डपाल का है, जिनका मात्र 19 माह में तीसरी बार स्थान्तरण कर दिया जाता है… जबकि इसी विभाग में विभागीय अहित में कार्य करने वाले इंजीनियर को एक ही उपखण्ड में चार वर्षो से अधिक समय से कायर्स करने का अवसर दिया जाता है, जिसका उदाहरण गोमती नगर जोन अन्तगर्त मुंशी पुलिया डिविजन अन्तगर्त सेक्टर 14 ओल्ड पावर हाउस पर तैनात इंजीनियर अरविन्द कुमार सिंह का है, जिनके ऊपर संयोजन के नाम रिश्वत मांगने का न सिर्फ आरोप है, बल्कि अभियोग भी पंजीकृत है।
प्राप्त जानकारी विद्युत वितरण उपखण्ड पूरनपुर (प्रथम) के उपखण्ड अधिकारी शशांक काण्डपाल के अधिशासी अभियन्ता-पुरनपुर इंजीनियर प्रशान्त गुप्ता द्वारा कराये जा रहे अनैतिक कार्य करने से नाराज होकर मुख्य अभियंता (वितरण), बरेली क्षेत्र – द्वितीय को गलत रिपोटिंग कर, उनके कार्यालय में अपने रिश्तेदार इंजीनियर मोहित गुप्ता द्वारा कुछ आर्थिक लाभ (जिसका प्रमाण यूपीपीसीएल मीडिया के पास उपलब्ध) उपलब्ध कराकर दिनांक 16.10.2024 को इंजीनियर शशांक काण्डपाल का स्थान्तरण कार्यालय पत्रांक- 4166/मु०अभि० (वि०)/ दिनांक- 16.10.2024 के माध्यम से कर दिया जाता है। इंजीनियर शशांक काण्डपाल के स्थान पर अपने रिश्तेदार इंजीनियर मोहित गुप्ता को तैनाती आदेश जारी कर दिया जाता है, इसके उपरान्त तीसरे दिन कार्यदिवस में ही दिनांक 19.10.2024 को डूयटी पर होने के बाद भी गैरहाजिर दिखा कर, जबरन रिलीव भी कर दिया गया, जब कि वह अधिकतर समय अधिशासी अभियन्ता कार्यालय में ही अधिशासी अभियन्ता इंजीनियर प्रशान्त गुप्ता के साथ-साथ मध्यांचल विधुत बितरण निगम से निरीक्षण कार्य हेतु आये अधिशासी अभियन्ता इंजीनियर अनिल कुमार के साथ न सिर्फ मौजूद रहे, बल्कि निरीक्षण सम्बन्धित दस्तावेंजो पर हस्ताक्षर भी किया… इन हालात में किस प्रकार से अधिशासी अभियन्ता इंजीनियर प्रशान्त गुप्ता उपखण्ड अधिकारी को गैर हाजिर दिखाते हुए जबरन रिलीव कर दिया गया।
देखना यह है कि इस खबर को मुख्य अभियंता (वितरण), बरेली क्षेत्र – द्वितीय किस नजरीये से देखते है… सच्चाई सामने आने पर क्या उपरोक्त स्थान्तरण आदेश को रद्द करते है अथवा खामोश होकर अधिशासी अभियन्ता इंजीनियर प्रशान्त गुप्ता की मनमानी चलने देते है।
बताते चले कि इंजीनियर शशांक काण्डपाल प्रथम तैनाती दिनांक 03.03.2023 को सहायक अभियंता (मीटर) के पदभार में विद्युत परीक्षणशाला बीसलपुर में हुयी थी, उक्त तैनाती के मात्र 09 माह के उपरांत ही दिनांक 01.12.2023 को इंजीनियर शशांक काण्डपाल का स्थानान्तरण उपखण्ड अधिकारी, विद्युत वितरण उपखण्ड पूरनपुर (प्रथम) के पद पर हो गया, जहां पर पूरनपुर डिविजन के अधिशासी अभियन्ता इंजीनियर प्रशान्त गुप्ता द्वारा कराये जा रहे कार्य, जो विभाग हित में नहीं था… नाराज होकर मुख्य अभियंता (वितरण), बरेली क्षेत्र – द्वितीय को अक्सर शिकायत पत्र भी लिखते रहे है, जिसमें प्रमुख रूप से टाउन क्षेत्र में नियम विरूद्व एक कालोनी को किसी अन्य कालोनी में लगभग 250 मीटर की दूरी पर संयोजन देना, जिसका विरोध करने पर बनाये गये स्टीमेंट, जो कि रूपया एक लाख तीस हजार को बिना ट्रासफार्मर के रूपया 67,000.00 बनाना व ट्यूबल संयोजन सम्बन्धित प्रकरण महत्वपूर्ण है।
अधिशासी अभियन्ता इंजीनियर प्रशान्त गुप्ता के उक्त कार्यो से जगजाहिर हो गया कि विद्युत वितरण उपखण्ड पूरनपुर (प्रथम) के पद उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है, उसके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार है। यूपीपीसीएल मीडिया इस खबर के माध्यम से मध्यांचल विधुत बितरण निगम से पिछले एक साल के अवधि के दौरान संयोजन/बिजली चोरी सम्बन्धित हुए एक-एक प्रकरण की जॉच कराये, ताकि विभागीय हित के नाम पर भ्रष्ट्राचार को उजागर किया जा सके… हॉलाकि यूपीपीसीएल मीडिया भी अपने स्तर से इस प्रकरण की जॉच करेगी, ताकि सच्चाई को आमजनमानस के सामने रख सके।
इंजीनियर शशांक काण्डपाल का एक वर्ष के अंतराल में दूसरी बार स्थानांतरण करने से विभागीय कार्य निष्पादित करने में कठिनाई होने की प्रबल सम्भावना के साथ-साथ मानसिक एवं शारीरिक रूप से तनाव का सामना करना जगजाहिर है। इस सन्दर्भ में इंजीनियर शशांक काण्डपाल, ने स्थानान्तरण रोकने के लिए प्रबन्ध निदेशक व निदेशक (कार्मिक प्र० एवं प्रशासन) मध्यांचल विधुत बितरण निगम को गुहार लगाई है।