मर्यादा तार-तार, विद्युत निगम के अवर अभियन्ता ने की महिला की आबरू लूटने की कोशिश

कासगंज। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अधीनस्थ अवर अभियंताओं के ऊपर कनेक्शन को लेकर, बिल में हेरा फेरी को लेकर, एस्टीमेट … आदि को लेकर आरोप लगाते थे. लेकिन इस बार का आरोप उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लगातार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान के दावा कर रही है। महिलाओं के आबरू से खिलवाड़ करने वालों पर लगातार शिकंजा कस रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी मातहत ही महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ करने में जुटे हुए हैं। अपने-अपने अधिकारों का गलत प्रयोग कर अपनी हवस की आग मिटाने को आतुर दिख रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला कासगंज शहर में सामने आया है। जहां विद्युत निगम के अवर अभियंता ने अपने साथियों संग मिलकर पहले तो महिला के घर की विद्युत केबल काटकर घर की रोशनी उजाड़ दी। उसके बाद दरवाजा तोड़कर घर में घुसकर गए और महिला के कपड़े फाड़कर आबरू लूटने की कोशिश की। जब महिला ने इसका विरोध किया तो जान से मारने की धमकी दे दी।

पीड़िता न्याय के लिए पुलिस का सहारा लिया और कोतवाली में पहुंचकर हाई वोल्टेज ड्रामा किया। दो दिन बाद भी जब कोई न्याय नहीं मिला है तो फिर पीड़िता ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है और अब मुख्यमंत्री दरबार पहुंचकर आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए धरने पर बैठने की चेतावनी दी है। इधर पुलिस ने अब मामले में जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने पीड़िता के बयान तो दर्ज कर लिए हैं, लेकिन आरोप है कि अभी तक आरोपी की पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

मामला शहर की लवकुश नगर कॉलोनी से जुड़ा हुआ है। आरोप विद्युत निगम के जेई विश्वजीत पांडे पर लगा है। आरोप है कि बीती पांच अगस्त को मीटर रीडिंग लेने विद्युत निगम का एक कर्मचारी उनके घर पहुंचा जो शराब के नशे में था। कर्मचारी ने महिला के साथ अभद्रता की। जब महिला ने कहा कि वह घर पर अकेली है। इसलिए अगले दिन मीटर की रीडिंग लेना, लेकिन कर्मचारी नहीं माना।

विद्युत कर्मी चेतावनी देकर चला गया और छह अगस्त को फिर से विद्युत विभाग के अवर अभियंता विश्वजीत पांडे एवं दो अज्ञात साथियों के साथ महिला के घर पहुंच गया। उस समय भी महिला घर पर अकेली थी और घर का दरवाजा अंदर से बंद था। महिला का आरोप है कि कुछ लोगों ने दरवाजा खटखटाया और कहा कि वह बिजली विभाग से आए हैं। उन्हें बिजली चेकिंग करनी है।

जब महिला ने कहा कि उनके पति बाहर हैं। जब उनके पति आ जाएं तो चेकिंग कर लें और जब तक के लिए चले जाएं, लेकिन विद्युत निगम के जेई और कर्मचारियों की नियत में खोट दिखाई दिया। उन्होंने पहले तो महिला पर तमाम तरह का दबाव बनाया। कार्रवाई की चेतावनी दी और जब महिला ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया तो बल प्रयोग करते हुए दरवाजा ही तोड़ दिया।

जेई और उसके साथी घर में घुस गए। महिला के साथ अभद्रता करने लगे। उसके कपड़े फाड़ दिए और आबरू लूटने की कोशिश की। आरोप है कि समय रहते महिला का बेटा न पहुंचता तो अवर अभियंता और विद्युत कर्मी उसकी आबरू से खिलवाड़ कर देते।

इधर पीड़िता ने मामले की पूरी शिकायत कोतवाली पुलिस से की। बीती छह अगस्त को कोतवाली में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। हालांकि, पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा देकर महिला को शांत कर घर भेज दिया, लेकिन आठ अगस्त तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो महिला परेशान है और मानसिक रूप से परेशान होकर उसने मुख्यमंत्री दरबार तक पहुंचने की चेतावनी दे दी है।

अधिकारियों को पत्र लिखा है। शुक्रवार को भी उसने उच्चाधिकारियों से मांग की है कि आरोपी जेई के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। उसके विरुद्ध संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की जाए। उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। अन्यथा परिवार सहित मुख्यमंत्री दरबार में पहुंचकर धरना देगी। हर हाल में उसे न्याय चाहिए। इधर अवर अभियंता एवं विद्युत कर्मियों के इस कृत्य को लेकर लोगों में भी आक्रोश दिखाई दे रहा है।

पीड़िता का आरोप है कि वह घर में अकेली थी। उसका पति मोटर मैकेनिक है। वह प्रतिदिन सुबह अपने कार्य से चला जाता है। विद्युत विभाग के अवर अभियंता और अन्य विद्युत कर्मियों ने उसे घर पर अकेला देखकर आबरू लूटने की कोशिश की है। वहीं मामले की जांच बस स्टैंड चौकी प्रभारी को दी गई है। उन्होंने महिला के बयान तो दर्ज कर लिए, लेकिन अब तक की कार्रवाई से महिला संतुष्ट नहीं है और आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रही है।

इस संबंध में अवर अभियंता विश्वजीत पांडे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे। उन्होंने अभी तक अपना पक्ष भी किसी अधिकारी के समक्ष नहीं रखा है। हालांकि, महिला को अभी तक सिर्फ यही भरोसा दिया जा रहा है कि कार्रवाई के लिए जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही अग्रिम कार्रवाई कर दी जाएगी।

मनमानी और हठधर्मिता की बानगी देखनी है तो एक बार विद्युत निगम की ओर नजर दौड़ा लो। यहां पहले ही विद्युत निगम के कर्मचारियों पर आरोप लगते रहे हैं, लेकिन आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे इस निगम के कर्मचारी पूरी तरह निरंकुश हो गए हैं और वह किसी भी उपभोक्ता की बात मानने को तैयार नहीं होते।

उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर बिजली विभाग द्वारा बिना महिला कर्मचारी के घर-घर में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है और बिजली चोरी के मामलों की जांच की जा रही है। विद्युत टीम पर आए दिन चेकिंग के दौरान आरोप-प्रत्यारोप भी लगते हैं और महिलाएं घर में अकेली होने पर टीमों के सामने असहज महसूस करती हैं और कई बार चेकिंग करने से मना भी करती हैं, जिससे विद्युत चेकिंग अभियान भी प्रभावित होता है।

जब मामला तूल पकड़ता दिखाई दिया है तो विभाग के कर्मचारी और अधिकारी बैकपुट पर दिखाई दिए हैं। सामने तो कोई नहीं आया है, लेकिन रातों-रात पीड़िता के घर की विद्युत केबिल जोड़ दी और आपूर्ति सुचारू कर दी, जबकि पीड़ित महिला और उसके परिजनों को पता ही नहीं है कि विद्युत केबिल किस तरह किसने और कब जोड़ दी।

मामले की जानकारी देते हुए पीड़िता ने बताया कि बिजली कर्मचारी और जेई ने उसके कपड़े फाड़े। इज्जत लूटने की कोशिश की। इसकी शिकायत पुलिस से कर दी गई है, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई न्याय नहीं दिया है। विद्युत निगम के अधिकारियों से भी शिकायत की गई है। मजबूर होकर मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुंचा जाएगा और जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब तक लड़ाई जारी रहेगी।

पीड़िता ने शिकायत को लेकर कोतवाली प्रभारी लोकेश भाटी ने बताया कि मामले की जांच बस स्टैंड चौकी प्रभारी को दी गई है, जो भी सच्चाई सामने आएगी। उसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

इस संदर्भ में अधीक्षण अभियंता विद्युत नंदकिशोर ने बताया कि मुझे कोई लिखित जानकारी नहीं मिली है। न ही किसी महिला ने इस तरह की कोई शिकायत की है। हो सकता है मामला पुलिस तक पहुंचा हो और पुलिस मामले की जांच कर रही हो। यदि मुझे कोई शिकायती पत्र मिलता है तो मामले की जांच कराई जाएगी।

  • UPPCL MEDIA

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