
स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर में नए बिल के साथ पुराना बकाया भी कटता रहेगा. बकाया सौ किस्तों में लिया जाएगा. मीटर में रुपये रिचार्ज करते ही हर रोज पहले बकाया कटेगा और फिर बिजली जलाने के रुपये कटेंगे. स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगने के बाद निगम की 90 प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो जाने की उम्मीद है।
जिले में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया तेज करने के लिए ट्रांसफार्मरों के साथ ही उपभोक्ताओं के कनेक्शन की जियो टैगिंग की जा रही है. इसका मकसद सभी उपभोक्ताओं का पूरा रिकॉर्ड पहले से ही सिस्टम में दर्ज करना है. जब मीटर लगाए जाएंगे, तब जियो टैगिंग के आधार पर पूरा ब्योरा दर्ज किया जाएगा।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर अत्याधुनिक है और इसमें कई तरह के विशेष सुविधाएं हैं. बैंक की ईएमआई की तरह मीटर खुद ही बकाया रुपये काटता रहेगा. विद्युत निगम के अधिकारी ने बताया कि कर्मचारी उपभोक्ताओं के परिसर में जाकर कनेक्शन की जियो टैगिंग कर रहे हैं. जिन उपभोक्ताओं के घरों पर पहले से स्मार्ट मीटर लगे हैं, उनको छोड़कर सभी उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाए जाएंगे. यानी शहर हो या गांव, आने वाले दिनों में हर परिसर में बिजली का उपयोग करने के लिए पहले मोबाइल फोन की तरह रुपये रिचार्ज कराने पड़ेंगे।
रिचार्ज खत्म होते ही कट जाएगी बिजली रिचार्ज खत्म होते ही अपने आप बिजली कट जाएगी. यह तभी शुरू होगी, जब फिर से मीटर रिचार्ज होगा. यदि उपभोक्ता के परिसर पर कनेक्शन की क्षमता से ज्यादा भार है तो बिजली आपूर्ति ठप हो जाएगी. आपूर्ति तभी शुरू होगी, जब भार को कनेक्शन की क्षमता के बराबर किया जाए. यानी उपभोक्ताओं को हर हाल में कनेक्शन की क्षमता भी बढ़ानी होगी. इससे फिक्स चार्ज के रूप में बिजली निगम को अतिरिक्त आमदनी होगी।
ऐसे जमा होगा बकाया
विद्युत निगम के अधिकारियों के अनुसार स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाते समय उपभोक्ता के परिसर में बकाया 36 सौ रुपये हैं. इसे सौ भागों में बांटा जाएगा, यानी दिन का हिस्सा 12 रुपये आएगा. जब उपभोक्ता अपना मीटर रिचार्ज करेंगे तो प्रतिदिन 12 रुपये बकाया के कटते जाएंगे. इसके बाद बचे रुपये से बिजली की आपूर्ति होगी।