
हाल में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की ओर से लगातार आपूर्ति संचालित रखने के लिए एक फरवरी से अनुरक्षण माह शुरू किया गया था। इसके तहत सम्पूर्ण प्रदेश में भारी संख्या में बजट पेश कर विद्युत लाइनों का मरम्मत कार्य किया गया था, जिसमें ढीले और टूटे तार, इंसुलेट बदलवाने का कार्य और साफ-सफाई से लेकर तमाम कार्य अभियान चलाकर कराए गये थे, जिससे आने वाले समय में कहीं भी बिजली कटौती नहीं हो पाए और न ही आपूर्ति संचालन में कोई अवरोध हो। इसे गर्मी से पहले की जाने वाली तैयारी के क्रम में भी देखा गया था, क्योंकि प्रायः गर्मियों के मौसम में बिजली कटौती, ट्रांसफॉर्मर फुंकने और लाइन टूटने जैसी घटनाएं बढ़ जाती थी, इससे ज्यादा ओवरलोडिंग की समस्या बढ़ जाती है। इस दौरान ज्यादा लोड बढ़ने से कमजोर लाइनें गर्म होकर टूट जाती थी और कुछ छोटी-मोटी कमियों की वजह से कई-कई घंटे बिजली नहीं आती थी…. आदि आदि आज कहॉ है अनुरक्षण माह में किये गये कार्य….? क्यों उपभोक्ता परेशान हो रहे है….? क्यों उपभोक्ताओं को ओवरलोडिंग की समस्या से सामना करना पड़ रहा है… कौन है इसका जिम्मेदार?
हापुड़। गर्मी का प्रकोप इस कदर है कि आज जिला में दर्जनों बड़े ट्रांसफार्मर ओवरलोड चल रहे हैं। आवश्यक भार से करीब तीन गुना तक इनपर दबाव है, जिसके कारण ये लगातार फुंक रहे हैं। चमरी में 400केवी के ट्रांसफार्मर पर 950 एंपीयर तक लोड पहुंच गया, जोकि 300 तक होना चाहिए। अधिकारियों ने इसे कई बार बंद कराया, अब यहां एक अन्य ट्रांसफार्मर लगाने की तैयारी है।
चमरी के बाहर लगा 400केवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर फुंकने से मोहल्ले की सप्लाई करीब 18 घंटे तक ठप रही थी। इसे बदलवा दिया गया, लेकिन शुक्रवार रात में यह फिर ओवरलोड हो गया। रात में ही अवर अभियंता अरुण कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने इस क्षेत्र में लगे बड़े ट्रांसफार्मरों की जांच की इसमें बहुत से ओवरलोड चल रहे थे। चमरी के ट्रांसफार्मर पर तीन गुना अधिक लोड था। यहां बिजलीघर से शिफ्टवार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। उसे फुंकने से बचाने के लिए बार-बार बंद करना पड़ रहा है। इस मोहल्ले में 250केवीए क्षमता का नया ट्रांसफार्मर लगाने के लिए प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। इस सप्ताह स्थानीय उपभोक्ताओं को राहत दिलाने की तैयारी है।