
गोरखपुर। मंडल के 3776 उपभोक्ताओं के मीटरों का मिलान बिजली निगम कराएगा। ये ऐसे उपभोक्ता हैं, जो 10 किलोवाट से अधिक बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन उपभोक्ताओं के यहां दो मीटर लगे हैं। इन दोनों मीटरों से निगम इनके रीडिंग का मिलान करेगा। अगर रीडिंग में अंतर आता है तो जुर्माने के साथ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। चोरी की शिकायतों को देखते हुए यह फैसला बिजली निगम ने लिया है।
बिजली निगम के मंडल में गोरखपुर शहर और ग्रामीण के दो अलग-अलग क्षेत्र पड़ते हैं। शहरी क्षेत्र के लिए एक अधीक्षण अभियंता और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दो अधीक्षण अभियंता लगाए गए हैं। इन तीनों क्षेत्रों में 3776 उपभोक्ता ऐसे हैं, जो 10 किलोवाट से अधिक का कनेक्शन लिए हुए हैं। इनका बिल भी ज्यादा आता है। लेकिन, इन सबके बीच निगम को यह शिकायत मिली है कि इनमें से कुछ उपभोक्ता ऐसे हैं, जो बाईपास का इस्तेमाल कर बिजली चोरी कर रहे हैं। इसकी वजह से इनके दोनों मीटरों में रीडिंग अलग-अलग आ रही है। इस पर निगम ने फैसला लिया है कि इन उपभोक्ताओं के घरों पर जाकर इनके दोनों मीटरों की जांच टीम करेगी। जांच के दौरान दोनों मीटरों की रीडिंग का मिलान किया जाएगा। अगर चार से पांच यूनिट का अंतर आता है तो इसे निगम नहीं मानेगा, लेकिन इससे ज्यादा अंतर आने पर जुर्माना लगाते हुए कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी ने सख्ती भी दिखाई है।
अधीक्षण अभियंता शहरी लोकेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि 10 किलोवाट से अधिक की बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं के मीटरों की जांच की जाएगी। ऐसे उपभोक्ताओं के घर दो मीटर लगाए गए हैं। एक मीटर उनके कैंपस में, तो दूसरा उनके आसपास के ट्रांसफॉर्मर और पोलों पर लगे हैं। दोनों मीटरों की रीडिंग में अगर ज्यादा अंतर आता है तो जुर्माना वसूला जाएगा।
दो किलोवाट वाले कनेक्शनों की भी होगी एमआरआई जांच
पांच किलोवाट से अधिक कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं की अब तक बिजली निगम एमआरआई (मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट) जांच कराता था, लेकिन अब दो किलोवाट से अधिक उपभोक्ताओं के कनेक्शन की एमआरआई जांच होगी। इस जांच से बाईपास या कटिया से जोड़कर बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की चोरी तत्काल पकड़ी जाएगी। इसके अलावा यह भी पता चल जाएगा कि एक वर्ष में उपभोक्ता कितनी बिजली का इस्तेमाल कर रहा है।