
इंदिरा नगर स्थित आवास एवं विकास परिषद की पंडित दीनदयाल पूरम योजना अंतर्गत मायावती कॉलोनी में वर्षों से नियम विपरीत दिए जा रहे हैं कनेक्शन… जिसके कारण लगभग 80 से 100 मीटर की दूरी होने के कारण सिर छूती हुई निकल रही है बिजली की तार… मकानों से सटकर और छतों के ऊपर से विद्युत तार गुजर रहे हैं। इतना ही नहीं जर्जर तार लटकने से लोगों के सिर मौत का खतरा मंडरा रहा है। किसी भी प्रकार की अनहोनी होने पर कौन होगा इसका जिम्मेदार?
मामला सेक्टर 14 ओल्ड उपकेंद्र अंतर्गत सुगमऊ पावर हाउस का है, जहां पर विद्युत एक्ट में दिए गए गाइडलाइन के विपरीत, न जाने किस कारण (समझदार के लिए इशारा काफी) 80 से 100 मीटर की दूरी पर कनेक्शन दे दिए गए हैं, जिनकी संख्या लगभग 40 होगी।
हैरानी की बात यह है कनेक्शन देते समय एक सर्वे भी होती है.. वह भी ऐसे प्राइवेट व्यक्तियों से कराई जाती है, जिनको श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से भी आधे मानदेय पर रखा जाता है। अवर अभियंता महोदय कभी मौके पर जाना पसंद नहीं करते हैं, अपने भरोसेमंद संविदा कर्मियों से रिपोर्ट लगवाते हैं यहां तक मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी एप्प आइजीआरएस में भी घर बैठे संविदा कर्मचारी खासतौर पर पावर हाउस स्थापना के समय से ही तैनात लाइनमैन चंदन सिंह द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर ही अपना जवाब देते हैं।
क्या यह संभव है ? कि
- जुलाई 2022 से आज तक पंडित दीनदयाल पुरम योजना अंतर्गत मायावती कॉलोनी जो की आवास विकास की कॉलोनी है, में एक भी कनेक्शन आवेदन नहीं हुआ होगा …
- यदि आवेदन हुआ है, तो मौके पर क्यों नहीं गए …
- यदि सुगामऊ अवर अभियंता मौके पर गए हो, तो क्या उनको लंबी-लंबी दूरी के कनेक्शन नजर ना आया…. ऐसा संभव नहीं?
- यदि सुगामऊ अवर अभियंता को लंबी दूरी के कनेक्शन नजर आए हैं, तो तथाकथित बास बल्ली योजना अथवा आरडीएसएस योजना के तहत इसमें क्यों नहीं काम कराया गया?