सबरीमाला में फिलहाल जारी रहेगी महिलाओं की एंट्री, सुप्रीम कोर्ट ने 7 जजों की बेंच को रेफर किया केस

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इससे पहले 28 सितंबर 2018 को सबरीमाला (Sabarimala) के भगवान अयप्पा मंदिर (Lord Ayyappa Mandir) में सभी महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दी थी.

केरल. सबरीमाला (Sabarimala) पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए महिलाओं के प्रवेश पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को भेज दिया है. अब सात जजों की बेंच इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी. दो जजों की असहमति के बाद यह केस बड़ी बेंच को सौपा गया है.

सबरीमाला केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस का असर सिर्फ इस मंदिर नहीं बल्कि मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, अग्यारी में पारसी महिलाओं के प्रवेश पर भी पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परंपराएं धर्म के सर्वोच्च सर्वमान्य नियमों के मुताबिक होनी चाहिए. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला केस को बड़ी बेंच को सौंप दिया है. अब इस मामले को 7 जजों की बेंच सुनेगी. गुरुवार को पांच जजों की बेंच ने इस मामले को 3:2 के फैसले से बड़ी बेंच को सौंपा.

कुछ साल पहले तक केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत नहीं थी. पिछले कुछ सालों में महिला संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को उठाया गया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अपने फैसले में महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दी थी. परंपरा और धार्मिक मसला बताते हुए कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ चीफ जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने एक रिव्यू पिटीशन दायर की गई थी. इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को अयप्पा मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी है.

28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 को सभी महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत देने वाला फैसला दिया था. कोर्ट ने कहा था कि लिंग के आधार पर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को रोकना एक भेदभाव वाली प्रथा है, जिससे महिलाओं के मौलिक अधिकार का हनन होता है. दरअसल पिछले कुछ समय से केरल की राजनीति इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द घूम रही है.

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  • रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    हम सब जानते है कि मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ के रूप में कार्य करती है। इसके साथ ही हमारा मानना है कि पत्रकार एक विपक्ष का का कार्य करती है। यूपीसीएल मीडिया नामक व्हाट्सप्प ग्रुप की शुरूवात ऊर्जा क्षेत्र के लिए समाचार संकलन का कार्य कर रहे कुछ पत्रकार, जिसमें प्रमुख रूप से अविजित आन्नद, वेद प्रकाश, रवि शर्मा व आकिब शामिल रहे, ने शक्ति भवन, लखनऊ परिसर में किया, उस समय किसी भी प्रकार को यह अंदाजा नहीं था, कि कुछ ही समय में यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प गु्रप विभाग में इतना लोक प्रिय हो जायेगा। यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प ग्रुप का विभाग में लोकप्रियता को देखते हुए आज यूपीसीएल मीडिया एक व्हाट्सप्प ग्रुप से एक कदम आगे वढ़ाते हुए समाचार क्षेत्र में भी कार्य करना प्रारम्भ किया। यूपीसीएल मीडिया ऊर्जा क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारियों या कर्त्तव्यों को देखते हुए प्रिंट/वेब संस्करण के रूप में कार्य प्रारम्भ की है। यूपीसीएल मीडिया में हम यही करने की कोशिश कर रहे है और बिना आप सभी के सहयोग के यह संभव नहीं है। अतः मैं गुजारिश करूंगा कि बिजली उपभोक्ता एवं ऊर्जा क्षेत्र के अधिकारीयों के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए हमारे साथ शामिल हो। आप सभी को मेरी शुभकामनाएँ !!

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