
बुधवार की सुबह पुरानी दिल्ली (Delhi) के दरियागंज (Daryaganj) में पुलिस (Police) ने वाहनों की चेकिंग (Vehicle Checking) के दौरान उक्त बगैर हेलमेट (Without Helmet) पहने बाइक सवार युवक को रोका था. उसके पास बाइक के कागजात (Bike Papers) भी नहीं थे. चेकिंग के लिए रोकने से गुस्साया युवक पुलिसकर्मियों पर भड़क उठा. उसने उनके खिलाफ अभद्र भाषा बोलनी शुरू कर दी.
नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) के दरियागंज इलाके में पुलिस (Police) वाहनों की चेकिंग (Vehicle Checking) कर रही थी. तभी बिना हेलमेट पहने एक युवक बाइक लेकर आ रहा था. पुलिस ने उसे चेकिंग के लिए रोक लिया. बिना हेलमेट टोकने और कागज मांगने को बाइक सवार अपनी तौहीन समझने लगा. वो पुलिसकर्मियों को वकील (Advocate) का भाई होने की धौंस देने लगा. इतना ही नहीं उसने उन्हें कुछ दिन पहले (2 नवंबर) हुई तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) की घटना भी याद दिला दी. इस पर पुलिस ने युवक की बाइक को सीजकर उक्त सारी बातें चालान में लिखकर तीस हजारी कोर्ट भेज दी.
‘वकील का भाई हूं तुम सब को देख लूंगा’
जानकारी के मुताबिक बुधवार की सुबह पुरानी दिल्ली के दरियागंज में पुलिस ने वाहनों की चेकिंग के दौरान उक्त बगैर हेलमेट पहने बाइक सवार युवक को रोका था. उसके पास बाइक के कागजात भी नहीं थे. चेकिंग के लिए रोकने से गुस्साया युवक पुलिसकर्मियों पर भड़क उठा. उसने उनके खिलाफ अभद्र भाषा बोलनी शुरू कर दी. पुलिसकर्मियों ने चालान में युवक की अमर्यादित भाषा का जिक्र भी किया है जो आगे की कार्रवाई के लिए तीस हजारी कोर्ट भेजा गया है. चालान में लिखी भाषा की मानें तो बाइक सवार युवक ने कहा है कि मेरा भाई वकील है, और उसने तुम लोगों (दिल्ली पुलिस) को अभी पीटा था. मैं तुम सब को देख लूंगा.
पुलिस ने जब्त की युवक की बाइक
बिना हेलमेट बाइक चलाने और बाइक के कागजात न दिखाने पर पुलिस ने न सिर्फ युवक का चालान काटा बल्कि उसकी बाइक को सीज भी कर दिया. चालान को तीस हजारी कोर्ट के जिला दंडाधिकारी पंकज अरोड़ा की कोर्ट में भेज दिया गया है.
बता दें कि बीते दो नवंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और दिल्ली पुलिस के बीच पार्किंग को लेकर हिंसक झड़प हो गई थी. इस विवाद में कई पुलिसकर्मी और कुछ वकील भी घायल हुए थे. इसके बाद से दिल्ली की जिला अदालतों में प्रैक्टिस करने वाले वकील झड़प के दौरान गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी को लेकर हड़ताल पर हैं. सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और बार काउंसिल की शांति की अपील की टिप्पणियों के बाद भी यह मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है.