
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ़ आशीष कुमार गोयल ने निजीकरण विरोध को देखते हुए सफाई दिया कि मध्यांचल, पश्चिमांचल और केस्को को ट्रिपल-पी मॉडल पर चलाने की कोई योजना नहीं है और इस पर भ्रम फैलाया जा रहा है। पारेषण और उत्पादन निगमों का निजीकरण नहीं किया जाएगा और कंपनियों को विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों का पालन करना होगा। आप सभी रिफॉर्म प्रक्रिया पर फैलाए जा रहे भ्रम से दूर रहे… यह सफाई मंगलवार को शक्ति भवन में समीक्षा बैठक के दौरान कहा, जिसमें अधिशासी अभियंताओं से लेकर डिस्कॉम प्रबंध निदेशक इस बैठक में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस रिफॉर्म प्रक्रिया पर सभी वरिष्ठ अधिकारियों की राय ली गई थी। सभी ने एक मत से कहा था कि खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए रिफॉर्म के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसके बाद इस पर काम शुरू किया गया था। जो रिफॉर्म प्रस्तावित है, वह बेहतर और पारदर्शी है। अध्यक्ष ने यह भी दोहराया कि पारेषण और उत्पादन निगमों का निजीकरण नहीं किया जा रहा है।
डॉ़ गोयल ने कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 133 में कर्मचारियों से जुड़े प्रावधानों का जिक्र है। अगर कंपनी इन प्रावधानों का जिक्र करती है तो नियामक आयोग को उस पर कार्रवाई का पूर्ण अधिकार है, जिसमें कंपनी का लाइसेंस तक निरस्त हो सकता है। लिहाजा कंपनियां इन प्रावधानों का उल्लंघन नहीं कर सकतीं।
डॉ़ गोयल ने कहा कि निविदा प्रपत्र का विभिन्न स्तरों पर परीक्षण होगा और इसमें निहित प्रावधानों के संशोधन पर शासन से अनुमति लेकर ही फ्लोट किया जाएगा। इसके बाद ही इसे नियामक आयोग में दाखिल किया जाएगा। बिडर से सुझाव मांगे जाएंगे और तब ही अंतिम आरएफपी तैयार की जाएगी।