
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में एक उपभोक्ता को 68 लाख का बिजली बिल मिला है। बिजली विभाग के अवर अभियन्ता का कहना है कि इस संबंध में बिल को सुधारने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उसे जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां के एक उपभोक्ता को अचानक 68 लाख रुपये का बिजली बिल मिला, जबकि उन्होंने अपनी दुकान पर महज एक किलोवाट का कनेक्शन लिया था। उपभोक्ता हर महीने नियमित रूप से बिल जमा कर रहे थे, लेकिन अगस्त महीने में इतना भारी भरकम बिल आने से वे स्तब्ध हो गए हैं और अब समस्या का समाधान पाने के लिए बिजली विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
मेडिकल स्टोर खोलने के लिए लिया था कनेक्शन
गोरखपुर पिपराइच क्षेत्र के निवासी डॉ. रामनरेश चौहान ने बताया कि वे सरकारी अस्पताल में डॉक्टर थे और 2019 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद घर पर खाली बैठना उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था, इसलिए उन्होंने एक मेडिकल स्टोर खोलने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने एक दुकान किराए पर ली और 14 दिसंबर 2020 को एक किलोवाट का बिजली कनेक्शन भी ले लिया।
हर महीने भरते थे नियमित बिल
डॉ. रामनरेश ने बताया कि जैसे ही उन्हें हर महीने का बिजली बिल मिलता था, वे तुरंत उसे जमा कर देते थे। लेकिन अगस्त महीने में 68 लाख रुपये का बिल देखकर वे चौंक गए। शुरुआत में उन्हें लगा कि शायद किसी और का बिल उनके पास आ गया है, लेकिन जब उन्होंने अपने नाम की पुष्टि की, तो सदमे में आ गए। परिवार के लोगों और शुभचिंतकों ने उन्हें धैर्य रखने की सलाह दी और कहा कि इतना बिजली उपयोग न करने के कारण समस्या का समाधान अवश्य होगा।
गलती कैसे हुई?
जब गोरखपुर बिजली विभाग ने बिल की जांच की, तो पता चला कि बिल उनके मोबाइल नंबर के अंकों के आधार पर बना दिया गया था। असल में उनका बिजली मीटर सिर्फ 3197 यूनिट ही चला था। इस गलती की पुष्टि होने पर उन्हें थोड़ी राहत मिली, लेकिन इसके बावजूद वे अभी भी विभाग के चक्कर लगा रहे हैं ताकि उनका बिजली बिल ठीक हो सके। डॉ. रामनरेश का कहना है कि इस तरह की लापरवाही किसी कमजोर दिल वाले व्यक्ति को हार्ट अटैक भी दे सकती है।
इस मामले में बिजली विभाग के अवर अभियन्ता का कहना है कि बिल को सुधारने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्द ही इसे ठीक कर दिया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि गलती किस स्तर पर हुई, तो उन्होंने बताया कि मीटर रीडर ने गलती से वास्तविक यूनिट की जगह उपभोक्ता का मोबाइल नंबर डाल दिया था, जिससे यह गड़बड़ी हुई।