
भदोही। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की दूसरी बड़ी लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। जहां एक तरफ फरेंदा क्षेत्र के सिकंदरा जीतपुर निवासी सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी का बिजली का बिल 46 लाख रूपया आने से काफी परेशान हैं, वहीं दूसरी तरफ भदोही जिला में एक किसान के पास छह महीने में विभाग द्वारा 69 लाख का बिल आने के सुधार के लिए छह महीने तक दर- दर भटकने के बाद थक कर परेशान किसान ने आत्मदाह की चेतावनी दी है।
अक्सर अपने कारनामे को लेकर चर्चा में रहने वाला पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एक बार फिर सुर्खियों में है। एक ताजा मामला बिजली बिल का आया है। एक किसान को छह महीने में 69 लाख का बिल पकड़ा दिया गया। सुधार को लेकर छह महीने से दर-दर भटक रहे किसान ने अफसरों से न्याय की गुहार लगाई। मंगलवार को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के कार्यालय पर पहुंचा पीड़ित अपनी पीड़ा बयां करते हुए राते हुए कहा कि उसे न्याय नहीं मिला तो कलेक्ट्रेट के सामने आत्मदाह कर लेगा।
ज्ञानपुर नगर से सटे भुड़की गांव निवासी लालमणि पाल का ज्ञानपुर – भदोही रोड पर पटेल नगर के पास दो छोटी-छोटी दुकानें हैं। उक्त दोनों दुकान भाड़े पर है और उनमें टाइल्स मार्बल का व्यापार किया जा रहा है। पीड़ित ने बताया कि उक्त दुकान का सितंबर 2023 तक का बिजली बिल जमा हो चुका है।
फरवरी 2024 में मोबाइल पर आए मैसेज के माध्यम से इस बात की जानकारी हुई कि सितंबर 2023 से लेकर फरवरी 2024 तक का बिजली बिल 69 लाख रुपये आया है। छह महीने में 69 लाख बिजली बिल आने की जानकारी मिलते ही लालमणि पाल के पैरों तले जमीन खिसक गई।
पीड़ित तत्काल ज्ञानपुर स्थित विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचे और इस मामले की जानकारी स्थानीय विद्युत कर्मियों को दी। धीरे-धीरे वक्त बितता गया मगर इस मामले में बिजली निगम के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं और पीड़ित लालमणि पाल की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। पीड़ित मंगलवार को रोते-बिलखते बताया कि करीब 20 बार बिजली निगम के ऑफिस जा चूका हूं, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
पीड़ित ने जिलाधिकारी विशाल सिंह का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इस मामले में न्याय दिलाकर दोषी बिजली निगम के कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि उसे न्याय नहीं मिला तो वह कलेक्ट्रेट परिसर के सामने आत्महत्या करने के लिए विवश होना पड़ेगा।
इस प्रकरण में अधिशासी अभियंता ज्ञानपुर आदित्य पांडेय का कहना है कि कभी-कभी तकनीकी खामियों से दिक्कत होती है। पीड़ित से बात कर बिल में सुधार किया जाएगा।