बिल रिवीजन और स्थायी विच्छेदन के नाम पर वर्षों से करोड़ो रुपये के राजस्व घोटाले के आरोपी अधिशासी अभियंता संजीव कुमार सिंह तत्कालीन सहयोगी टीम सहित निलंबित

सुल्तानपुर जनपद तथा जयसिंहपुर खंड में बिल रिवीजन और स्थायी विच्छेदन के नाम पर वर्षों से करोड़ो रुपये के राजस्व घोटाले की शिकायत का संज्ञान लेते हुये दो सदस्यीय जाँच कमेटी के रिपोर्ट में दोषसिद्व पाये जाने के उपरान्त एक बड़ी कारवाई करते हुए तत्कालीन अधिशाषी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम, सुल्तानपुर वर्तमान में अधिशासी अभियंता- मुंशी पुलिया डिविजन संजीव कुमार सिंह को निलम्बित कर मुख्य अभियन्ता (वितरण) लेसा सिस गोमती-प्रथम कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया इसके साथ ही दो उपखंड अधिकारी, चार अवर अभियन्ता एवं दो कार्यकारी सहायक पर भी की गयी निलंबन की कार्यवाही प्रबन्ध निदेशक – मध्यांचल विघुत वितरण निगम ने भ्रष्ट अधिकारीयों के लिए एक बड़ा संदेश दे दिया कि सच्चाई से रूबरू देर से ही सही, जरूर होती है।

बताते चले कि जाँच के उपरान्त जाँच समिति द्वारा अपनी जाँच रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि क्षेत्र में बिना मीटर लगाये ही संयोजन पर मीटर चढ़ा दिये गये, जिस पर फर्जी एम0यू0 बिलिंग की जा रही है। अनमीटर्ड से मीटर्ड किये गये संयोजन पर मीटर लगाने वाली एजेंसी द्वारा मीटर नहीं लगाये गये है, न ही मीटर अनुभाग द्वारा इन स्थापित मीटरों का सत्यापन किया गया। बिना सत्यापन के ही ये मीटर संयोजनों पर फीड कर दिये गये है। उपरोक्त का सत्यापन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा नही किया गया है। बिलिंग एजेन्सी द्वारा भी बिना मीटर के संयोजनों पर एम0यू0 बिलिंग की जा रही है, जिससे कारपोरेशन को वित्तीय क्षति हुयी। प्रबन्ध निदेशक, उत्तर पावर कारपोरेशन लि0 द्वारा सुल्तानपुर जनपद तथा जयसिंहपुर खण्ड में बिल रिवीजन और स्थायी विच्छेद्न के नाम पर वर्षों से करोड़ो रुपये के राजस्व घोटाले की शिकायत का संज्ञान लेते हुये दिनांक 12.07.2023 को दो सदस्यीय जाँच कमेटी गठित की।

उपरोक्त के सम्बन्ध में प्रबन्ध निदेशक, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा तत्काल प्रकरण का संज्ञान लेते हुये इंजीनियर संजीव कुमार सिंह, तत्कालीन अधिशाषी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम, सुल्तानपुर वर्तमान में अधिशासी अभियंता- मुंशी पुलिया डिविजन, लखनऊ को उनकी टीम सहित निलम्बित कर मुख्य अभियन्ता (वितरण) लेसा सिस गोमती-प्रथम से सम्बद्ध किया। जबकि तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी, विद्युत वितरण खण्ड-लम्भुआ, सुल्तानपुर सौरभ उपाध्याय को निलम्बित कर मुख्य अभियन्ता (वितरण) अयोध्या क्षेत्र, अयोध्या, तत्कालीन उपखण्ड अधिकारी, विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम, सुल्तानपुर प्रशान्त कुमार गिरि को निलम्बित कर मुख्य अभियन्ता (वितरण) अयोध्या क्षेत्र, अयोध्या, तत्कालीन अवर अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम, सुल्तानपुर मो0 नसीम को निलम्बित कर मुख्य अभियन्ता (वितरण) अयोध्या क्षेत्र, अयोध्या, तत्कालीन अवर अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-लम्भुआ, सुल्तानपुर आनन्द केशरी को निलम्बित कर मुख्य अभियन्ता (वितरण) अयोध्या क्षेत्र, अयोध्या, तत्कालीन अवर अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम, सुल्तानपुर अमित श्रीवास्तव को निलम्बित कर मुख्य अभियन्ता (वितरण) अयोध्या क्षेत्र, अयोध्या, तत्कालीन अवर अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम, सुल्तानपुर करुणाकर मिश्रा को निलम्बित कर मुख्य अभियन्ता (वितरण) अयोध्या क्षेत्र, अयोध्या, तत्कालीन कार्यकारी सहायक, विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम, सुल्तानपुर जमुना प्रसाद को निलम्बित कर कार्यालय, अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत वितरण मण्डल, अयोध्या, तत्कालीन कार्यकारी सहायक, विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम, सुल्तानपुर संतोष कुमार को राजस्व घोटाले में लिप्त पाये जाने पर निलम्बन की कार्यवाही करते हुए कार्यालय, अधीक्षण अभियन्ता, विद्युत वितरण मण्डल, अयोध्या से सम्बद्ध किया।

कनेक्शन पर फर्जी मीटर लगा वसूली का खेल

करोड़ों के बिजली बिल घोटाले में अधिशासी अभियन्ता समेत नौ लोगों को निलंबन का कारण उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में बिजली बिलों में बड़ा घोटाला है। एक शिकायत के आधार पर प्रबन्ध निदेशक- मध्यांचल द्वारा कराई गई रैंडम जांच पर यह कार्रवाई हुई। यम्पूर्ण मामले का खुलासा प्रबन्ध निदेशक- मध्यांचल द्वारा कराई जा रही स्पेशल ऑडिट से होगा।

बताते चले कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के सुल्तानपुर में जयपुर सिंह डिविजन में बिजली बिलों में बड़ा घोटाला उजागर होने पर वहां के तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता समेत नौ लोगों को निलंबित किया गया है। इनमें दो उपखण्ड अधिकारी, चार अवर अभियन्ता व दो बाबू भी शामिल हैं।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जांच में सभी को दोषी पाए जाने पर यह कार्रवाई हुई है। निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत के मुताबिक किसान यूनियन के द्वारा मुख्यमंत्री से इस मामले की शिकायत की गई थी। इस पर पावर कॉर्पोरेशन ने 12 जुलाई, 2023 दो सदस्यीय कमेटी से रेंडम जांच कराई थी। जांच में आरोप सही पाए गए। इसमें एक अन्य बाबू का नाम भी है पर उसका निधन हो चुका है। आरोपियों ने कॉर्पोरेशन को कितने की चपत लगाई इसका पता लगाने के लिए स्पेशल ऑडिट कराया जाएगा।

जांच रिपोर्ट में पता चला है कि क्षेत्र में बिजली कनेक्शन पर फर्जी तरीके से मीटर लगवा दिए। वहीं, अनमीटर्ड से मीटर्ड किये गये संयोजन पर एजेंसी द्वारा मीटर नहीं लगाए गये। बिना सत्यापन ये फर्जी मीटर कनेक्शन पर फीड भी कर दिए गए। उपभोक्ताओं को फर्जी यूनिटों पर भारी बिल भेजे गए। फिर उसे दुरुस्त करने के नाम पर वसूली का खेल हुआ। इससे बिजली विभाग को भी चपत लगी।

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