सीआईएसएफ में पहली बार अनुबंध पर होगी भर्ती, 1.2 लाख जवान होंगे नियुक्त

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी ‘सीआईएसएफ’ को अब केंद्र सरकार कॉमर्शियल फोर्स बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसके लिए एक खास प्रपोजल तैयार किया गया है। सीआईएसएफ में पहली बार अनुबंध के आधार पर 1.2 लाख भर्तियां की जाएंगी। बल की मौजूदा संख्या 1.80 लाख से बढ़ाकर उसे तीन लाख की जाएगी।

नई पुनर्गठन नीति (रिस्ट्रक्चर पॉलिसी) के तहत सीआईएसएफ में अब 3:2 का फार्मूला लागू होगा। यानी बल में तीन स्थाई सेवा वाले जवान और दो अनुबंध वाले जवान रहेंगे। अनुबंध के आधार पर पांच साल के लिए नियुक्ति होगी। इसमें सेना और अर्धसैनिक बलों के रिटायर्ड कर्मियों को मौका दिया जाएगा।

18 नवंबर को सीआईएसएफ मुख्यालय की ओर से बल के स्पेशल डीजी, एडीजी और सेक्टर आईजी को केंद्रीय गृह मंत्रालय के उक्त फैसलों की जानकारी दे दी गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि बल के अधिकारी निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों या कारख़ानों में जाकर यह संभावना तलाशें कि वहां सीआईएसएफ की तैनाती की जा सकती है या नहीं।

61 एयरपोर्ट के अलावा इन जगहों पर भी तैनात है सीआईएसएफ

  • न्यूक्लियर संस्थान
  • स्पेस से जुड़े संस्थान
  • पावर प्लांट (गैस, थर्मल और हाइड्रो)
  • संवेदनशील सरकारी भवन
  • रक्षा उत्पाद यूनिट
  • फर्टिलाइजर एंड केमिकल
  • बंदरगाह
  • ऑयल रिफायनरी
  • दिल्ली मेट्रो
  • हेरिटेज बिल्डिंग
  • प्राइवेट सेक्टर ज्वाइंट वेंचर
  • नोट प्रिंटिंग मशीन
  • वीआईपी सिक्योरिटी
  • कोल एंड आयरन माइनिंग

गृह मंत्रालय से मिला जवाब, अनुबंध पर करें बहाली
बता दें कि सीआईएसएफ मुख्यालय की ओर से इस साल 27 मई को बल की संख्या बढ़ाने का एक प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा गया था। इसमें बल की मौजूदा संख्या को 1.8 लाख से बढ़ाकर 2.15 लाख करने की बात कही गई। इसी में चार रिजर्व बटालियन स्थापित करने का प्रस्ताव भी था।

सीआईएसएफ की मांग पर विचार करने के लिए गृह मंत्रालय में 23 सितंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि सीआईएसएफ की बल संख्या को 1.8 लाख से बढ़ाकर तीन लाख की जाएगी।

ये सब कैसे होगा, गृह मंत्रालय ने इस बाबत भी दिशा निर्देश जारी कर दिए। नई भर्तियों को लेकर दो बातें कही गई है। पहला यह कि नई भर्तियां अनुबंध के आधार पर होंगी। इसके लिए सेना या अर्धसैनिक बलों के रिटायर्ड कर्मियों से आवेदन लिए जा सकते हैं।

दूसरा यह कि, बल में जवानों की संख्या का फार्मूला 3:2 आधार पर रहेगा। इसके मुताबिक, बल में तीन जवान स्थायी सेवा वाले रहेंगे और दो जवान अनुबंध वाले होंगे।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों का पालन करने के लिए आठ नवंबर को एडिशनल सेक्रेटरी (पुलिस) और बल के स्पेशल डीजी (मुख्यालय) के बीच बैठक हुई। इसमें प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई गई।

इसके बाद 15 नवंबर को गृह मंत्रालय के सचिव के साथ सीआईएसएफ डीजी की बैठक हुई। 18 नवंबर को सीआईएसएफ के डीजी ने अपने अफसरों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बताया कि वे इस प्रस्ताव पर 22 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट पेश करें।

चूंकि इस विषय को अति आवश्यक बताया गया है, इसलिए बल के अधिकारियों ने भी इस पर काम करना शुरु कर दिया है।वे अपने अपने क्षेत्रों में स्थित कंपनियों और बड़े कारखानों में जाकर यह पता लगा रहे हैं कि वहां सीआईएसएफ सुरक्षा की जरुरत है या नहीं।

एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यह पॉलिसी ठीक नहीं है। इसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होंगे। दो व्यक्ति, जिनकी उम्र, आय और पोजिशन में फर्क होगा, क्या उस स्थिति में सुरक्षा व्यवस्था यानी ड्यूटी पर असर नहीं पड़ेगा। इस फैसले से संबंधित दस्तावेज अमर उजाला डॉट कॉम के पास मौजूद हैं।

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  • रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    रिपोर्ट- यूपीपीसीएल मीडिया डेस्क

    हम सब जानते है कि मीडिया संविधान का चौथा स्तंभ के रूप में कार्य करती है। इसके साथ ही हमारा मानना है कि पत्रकार एक विपक्ष का का कार्य करती है। यूपीसीएल मीडिया नामक व्हाट्सप्प ग्रुप की शुरूवात ऊर्जा क्षेत्र के लिए समाचार संकलन का कार्य कर रहे कुछ पत्रकार, जिसमें प्रमुख रूप से अविजित आन्नद, वेद प्रकाश, रवि शर्मा व आकिब शामिल रहे, ने शक्ति भवन, लखनऊ परिसर में किया, उस समय किसी भी प्रकार को यह अंदाजा नहीं था, कि कुछ ही समय में यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प गु्रप विभाग में इतना लोक प्रिय हो जायेगा। यूपीसीएल मीडिया व्हाट्सप्प ग्रुप का विभाग में लोकप्रियता को देखते हुए आज यूपीसीएल मीडिया एक व्हाट्सप्प ग्रुप से एक कदम आगे वढ़ाते हुए समाचार क्षेत्र में भी कार्य करना प्रारम्भ किया। यूपीसीएल मीडिया ऊर्जा क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारियों या कर्त्तव्यों को देखते हुए प्रिंट/वेब संस्करण के रूप में कार्य प्रारम्भ की है। यूपीसीएल मीडिया में हम यही करने की कोशिश कर रहे है और बिना आप सभी के सहयोग के यह संभव नहीं है। अतः मैं गुजारिश करूंगा कि बिजली उपभोक्ता एवं ऊर्जा क्षेत्र के अधिकारीयों के बीच बेहतर सामंजस्य के लिए हमारे साथ शामिल हो। आप सभी को मेरी शुभकामनाएँ !!

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